महासमुंद। कलेक्टर विनय कुमार लंगेह की अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में जिला स्वास्थ्य समिति की बैठक आयोजित हुई। उन्होंने विभागीय कामकाज की विस्तृत समीक्षा करते हुए जिले में डायरिया, मलेरिया जैसे मौसमी बीमारियों की रोकथाम हेतु आवश्यक तैयारियां सुनिश्चित रखने, स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव को बढ़ाने, अवैध भ्रूण हत्या व लिंग परीक्षण पर सख्त कार्यवाही एवं जमीनी स्तर पर स्वास्थ्य संबंधी सुविधाओं का समुचित क्रियान्वयन करने के निर्देश दिए। इस अवसर पर अपर कलेक्टर रवि कुमार साहू, सीएमएचओ डॉ. पी कुदेसिया, डीपीएम, समस्त बीएमओ, बीपीएम, नोडल अधिकारी सहित स्वास्थ्य विभाग के अन्य अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।
कलेक्टर लंगेह ने जिले में मानसून के दौरान डायरिया, मलेरिया सहित अन्य मौसमी बीमारियों से बचाव हेतु की गई तैयारियों की जानकारी लेते हुए आवश्यक सभी तैयारियां सुनिश्चित रखने के निर्देश दिए। उन्होंने स्वास्थ्य अमले को निर्देशित करते हुए कहा कि डायरिया, मलेरिया और मौसमी बीमारियों का संक्रमण ना हो इसके लिए प्रभावी कार्य योजना तैयार कर कार्य करें। साथ ही मलेरिया, डायरिया सहित मौसमी बीमारियों के बचाव के लिए जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए। उन्होंने सभी सामुदायिक, प्राथमिक एवं उप स्वास्थ्य केंद्रों में जिंक टेबलेट, ओआरएस सहित अन्य आवश्यक दवाइयों का पर्याप्त भंडारण सुनिश्चित करने के लिए कहा। कलेक्टर ने बीएमओ सहित अन्य स्वास्थ्य अधिकारियों को फील्ड में जाकर मॉनिटरिंग करने एवं डायरिया, मलेरिया से बचाव और सावधानी बरतने के लिए लोगों को जागरूक करने हेतु निर्देशित किया।
बैठक में कलेक्टर द्वारा मातृत्व स्वास्थ्य एवं शिशु स्वास्थ्य के संबंध में जानकारी लेते हुए कहा कि मातृत्व एवं शिशु स्वास्थ्य में दी जाने वाली सेवाओं को सर्वोच्च प्राथमिकता दें साथ ही कोई भी लाभार्थी स्वास्थ्य सेवाओं से वंचित ना हो सभी स्वास्थ्य अधिकारी इस बात का विशेष ध्यान दें। मातृ स्वास्थ्य कार्यक्रम की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने शत प्रतिशत प्रसव संस्थागत कराने के निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिए। उन्होंने कहा कि जिले के किसी भी विकासखंड में गृह प्रसव नहीं होना चाहिए। सभी अधिकारी इसका विशेष ध्यान रखें। साथ ही हाईरिस्क गर्भवती माताओं का विशेष निगरानी रखने के निर्देश दिए। सभी सीएचसी तथा पीएचसी में मरीजों को मानक अनुसार भोजन उपलब्ध कराना अनिवार्य है। साथ ही समस्त सीएचसी में नाईट सी सेक्सन बढ़ाने एवं अनावश्यक रेफर नहीं करने की बात कही। मातृ मृत्यु की समीक्षा करते हुए कलेक्टर ने कहा कि स्वास्थ्य सुविधाओं में विस्तार कर शिशु एवं माता की जान बचाई जा सकती है। इस हेतु सभी स्वास्थ्य अधिकारी शिशु एवं मातृ मृत्यु दर में कमी लाने के लिए विशेष प्रयास करें इस हेतु मितानिनों के माध्यम से गर्भवती महिलाओं का पंजीयन उनका नियमित स्वास्थ्य जांच एवं फालोअप लेने की हिदायत दी। बैठक में कलेक्टर ने कहा कि केवल लाइसेंस प्राप्त चिकित्सक ही सोनोग्राफी कर सकेंगे। अवैध लिंग परीक्षण पर सख्त कार्यवाही की जाएगी।
कलेक्टर ने जिले में अभी तक बने आयुष्मान कार्ड के संबंध में जानकारी लेते हुए सभी बीएमओ को कहा कि कैम्प लगाकर एवं मितानिन द्वारा डोर टू डोर सर्वे कर आयुष्मान कार्ड बनाने में तेजी लाने व स्वास्थ्य केंद्रों एवं निर्धारित निजी चिकित्सालयों में आयुष्मान कार्ड के उपयोग के संबंध में निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि जिले या जिले के बाहर के भी प्राइवेट हॉस्पिटल में आयुष्मान कार्ड के माध्यम से की जाने वाली इलाज में किसी प्रकार की लापरवाही नहीं होना चाहिए। सभी अधिकारी इसका पालन सुनिश्चित करें। साथ ही ग्रामीण क्षेत्रों में इस सम्बंध में जागरूकता लाने हेतु व्यापक प्रचार प्रसार करने एवं आमजनों को प्रोत्साहित करने की बात कही।
कलेक्टर ने सभी विकासखंडों में एनीमिया मुक्ति, कुपोषण स्तर में गिरावट लाने हेतु किए जा रहे कार्यों की जानकारी लेते हुए एनीमिक महिलाओं, कुपोषित बच्चों को गंभीरता से गर्म भोजन एवं पोषण आहार प्रदान करने के लिए कहा। उन्होंने पोषण पुनर्वास केंद्र में बेड आक्यूपेसी की जानकारी लेते हुए गंभीर कुपोषित बच्चों को एनआरसी में भर्ती कर प्राथमिकता से उन्हें स्वास्थ्य लाभ दिलाने निर्देश दिए। इस हेतु बच्चों का चिन्हांकन कर उन्हें केंद्र भेजने की दिशा में पहले ही आवश्यक तैयारी पूर्ण करने की बात कही। कलेक्टर ने राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के अंतर्गत चिरायु दल द्वारा सभी स्कूलों आंगनबाड़ी केंद्रों का नियमित विजिट करने के लिए कहा एवं इलाज की आवश्यकता वाले बच्चों को गम्भीरता से स्वास्थ्य लाभ पहुचाने के निर्देश दिए।