राजधानी में बढ़ रहा रवि आसिफ गैंग का दबदबा
जसेरि रिपोर्टर
रायपुर। राजधानी में आसिफ गैंग का दबदबा बढ़ता जा रहा है, नए कप्तान को खुश करने के लिए पुलिस उनके गुर्गों को पकड़कर शाबाशी लेने में जुट गए है। शहर भर में नशे की तस्करी भारी मात्रा में चले जा रहा है। छत्तीसगढ़ राज्य के महासमुंद जिले के रास्तों से बहुत भारी मात्रा में गांजे की खेप रायपुर के रास्तों से होकर यूपी, बिहार जाती है। मगर जैसे-जैसे पुलिस ने चेकिंग पॉइंट बना दिए तब से गांजा तस्कर अपने दिमाग के घोड़े दौड़ाने लगे है। शहर भर में गांजा पीने वालों की होड़ भी लगी है। रायपुर में आसिफ गैंग का कारोबार बढ़ते जा रहा जिसकी वजह से रायपुर की हर गली में गांजे की पुडिय़ा बिकने लगी है। गांजा बेचने वाले अपने कारोबार को बढऩे के लिए गली-गली घूम-घूमकर ग्राहक तलाश रहे है। शहर में नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी में ऐसे स्थान भी हैं, जहां पुडिय़ा या माल बोले तो हाथ में तुरंत गांजे की पुडिय़ा आ जाएगी। चौंकाने वाली बात है कि यहां बच्चा-बच्चा इसको जानता है, लेकिन छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण के चलते ये कारोबार आए दिन बढ़ते जा रहा है।
छुटपुट कार्रवाई से पुलिस संतुष्ट
राजधानी में जहा एक तरफ 2 हफ्ते या 3 हफ्ते में कोई एक गांजे की खेप पुलिस पकड़ती है, तो वही कुछ आरोपी पुलिस को चकमा देकर बच जाते है। जब तक पुलिस का ऑपरेशन क्लीन चल रहा था। तब तक शहर में बहुत लोगों की भी गिरफ्तारी भी हुई। लेकिन उसके बाद जैसे ही ऑपरेशन क्लीन क्लोज़ हुआ नशा शहर भर में ओपन होने लगा है।
आसिफ गैंग की काली कमाई जोरो पर
राजधानी में नशे के कारोबारियों की हिम्मत बढ़ी है तो उसका सबसे बड़ा कारण है कुछ छुटभैय्या नेता, क्योंकि कुछ छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण की वजह से आज नशे का कारोबार और कारोबारी अपनी काली कमाई चरम सीमा पर है। एक मंत्री को इतनी तनख्वा नहीं मिलती होगी जितनी एक गांजा कारोबारी को एक दिन में मिल जाता है। रायपुर शहर में पुलिस जब से एक्शन मोड़ में आयी है तब से नशे के सौदागरों में एक अलग तरह का खौफ दिखने लगा है। बावजूद असामाजिक तत्वों ने अपने धंधों को चलाने के लिए जगह-जगह पर अब भी अपने अड्डे बना लिए हैं। शहर के भीतर नशे के सौदागरों ने अपने अड्डे बना लिए है। शहर में गांजा, शराब, सट्टा और जुआ का कारोबार जोर-शोर से चल रहा है। उनका संचालन बेखौफ किया जा रहा है।
तस्कर गुर्गो को करते सेट
रायपुर में गांजा तस्करों को पकडऩे के बाद पुलिस कार्रवाई तो करती है मगर आरोपी से यह जानने की शायद कोशिश नहीं की जाती कि आखिर उसे गांजा की सप्लाई कौन करता है। पुलिस के सूत्र बताते हैं कि गांजा पकडऩे के बाद प्रकरण की विवेचना और कागजी कार्रवाई इतनी कठिन है कि विवेचक उसी में उलझ कर रह जाता है। गांजा की अवैध तस्करी पर रोक लगाना पुलिस के लिए चुनौती से कम नहीं है। बड़ी मात्रा में परिवहन करने वालों को नियंत्रित करने के बाद अब पुलिस का पूरा फोकस फूटकर विक्रेताओं की दुकानदारी समाप्त करने की है। इसके लिए ऑपरेशन क्लीन चलाया जा रहा है। जिसके तहत जिले के सभी थाना क्षेत्रों में गांजा बेचने वालों को पकड़ा जा रहा है।
होटलों में ही नशे की पार्टियां और नंगा नाच
रायपुर में रोजाना रातों को होटलों में नशे की पार्टियों का आयोजन किया जाता है। नए कप्तान के डर से रात 10 बजे के बाद सभी दुकानें बंद हो जाती है मगर होटलों में हो रही नशे की पार्टियां बंद नहीं होती। वीआईपी रोड और मैग्नेटो मॉल के आस-पास स्थित अधिकांश होटलों में रात 3 बजे तक कपल डांस, रेव पार्टी हुक्का, गांजा, शराब की पार्टी होती है। अगर कोई पुलिस की पेट्रोलिंग गाड़ी अगर इन होटलो के आस-पास दिखती है तो होटल में मौजूद बाउंसर पेट्रोलिंग को हेंडल करती है। रायपुर में नए एसपी के आने के बाद से शहर में शांति व्यवस्था बनी हुई है मगर वीआईपी रोड की होटलों में हो रही पार्टियां बंद नहीं हो रही है।
फलों और सब्जियों की आड़ में गांजा तस्करी
उड़ीसा से महासमुंद के रास्तों से होकर फलों और सब्जियों की गाडिय़ों में भी गांजा लाया जाता है। महासमुंद जिले की पुलिस रोज करोड़ों गांजे की खेप पकड़ रही है, मगर उसके बाद भी गांजे की तस्करी रुकने का नाम नहीं ले रहा है। पूरे प्रदेश में नशे की तस्करी भारी मात्रा में चले जा रहा है। रायपुर के हर इलाके में गांजा तस्कर घूमते-फिरते रहते है जिसके चलते युवाओं के हाथ में भी गांजे की पुडिय़ा आसानी से मिल जाती है। गांजा तस्करी के लिए अब युवाओं ने मोटरसाइकल को ही अपना हथियार बना लिया है। युवा बाइक में ही पुलिस से बचने के लिए तस्करी करते है।
इन इलाकों में बिकता गांजा
राजधानी में समता कालोनी, तेलीबांधा, कटोरातालाब, राजातालाब, बस स्टैंड, मोवा, दलदल सिवनी, पुरैना, गुढिय़ारी, कोटा, गोगांव, खमतराई, बिरगांव, कबीर नगर, बोरिया खुर्द और बोरियाकला, टीटीबंध, लाभांडी के तक गांजा बेचने वालों का जाल बिछा है। हर रोज लाखों के गांजों का सौदा होता है। लेकिन पुलिस बेखबर है।