यहां तो सिर्फ गूंगे-बहरे लोग बसते हैं, खुदा जाने यहां किस तरह का जलसा हुआ होगा

Update: 2021-12-31 06:06 GMT

जनता से रिश्ता वेबडेस्क

जाकिर घुरसेना-कैलाश यादव

अमेरिका के कृषि विभाग के डेटा के अनुसार हमारा देश दुनिया के सबसे बड़ा बीफ निर्यातक देश ब्राजील से काफी आगे है। भारत लगभग 42 लाख 50 हजार टन मांस का निर्यात करता है, जिससे लाखों डालर की कमाई होती है। मजे की बात ये है कि निर्यात किया जाने वाला मांस देश के ही बूचड़ खानो से आ रहा है, जो पूरे साल भर चलते रहता है और लगभग 14 फीसद हर साल बढ़ रहा है। पिछले दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने एक चुनावी सभा को संबोधित करते हुए कहा था कि कुछ लोगों के लिए गुनाह है लेकिन हमारे लिए गाय माता है। जनता में खुसुर-फुसर है कि उत्तरप्रदेश और जहां -जहां चुनाव होना है वहां पर गाय इनके लिए माता हो गई वहीं भाजपा शासित प्रदेश गोवा, नागालैंड में गाय क्या है? राज्य बदलते ही क्या नीति भी बदल जाती है। इस मामले में छग के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल सबसे आगे निकले जिन्होंने गौ माता के लिए काफी कुछ काम किया है। उनके राजीव न्याय योजना का अनुसरण सारा देश कर रहा है। गोबर की उपयोगिता को लेकर पूरे देश में लोहा मनवा लिया। इसी बात पर मशहूर साहित्यकार दुष्यंत कुमार ने ठीक ही कहा है- यहां तो सिर्फ गूंगे और बहरे लोग बसते हैं, खुदा जाने यहां किस तरह का जलसा हुआ होगा।

कालीचरणों पर भूपेश की वक्र दृष्टि

.आखिर बड़बोले बाबा को छत्तीसगढ़ पुलिस ने खजुराहों से ढूंढ निकाला। धर्म के नाम पर बड़बोलापन करने वालों पर मुख्यमंत्री भूूपेश बघेल की वक्र दृष्टि पड़ गई है। वे कहीं भी छिपे उसे ढंूढ निकालने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ेंगे। धर्म संसद में महात्मा गांधी के खिलाफ अपशब्दों का प्रयोग करने वाले भगोड़े कालीचरण को चुनौती दी है कि हिम्मत है तो आत्मसमर्पण करें। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहाकि समाज में विष वमन करने वाले पाखंडी को लगता है कि वो अपने मंसूबे में कामयाब हो जाएगा। तो कालीचरणों का भ्रम है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि ये किस तरह के संत है जो राजनीतिक प्रेरित होकर धर्म की आड़ में राजनीति करने लगते है। एसे ठोंगी संतों को समाज में सार्वजनिक मंच से बहिष्कार करना चाहिए। नहीं तो ये दो मुंहे जहरीले सांप की तरह पालने वालों को भी डसने से भी नहीं चूकेंगे। ऐसे जहरीले सांपों को तुरंत कुचल देना चाहिए जिससे देश की सौहाद्र्रता बिगडऩे से पहले सुधर जाए।

भूपेश है तो भरोसा है

प्रदेश में किसान नीति पर चलने वाली भूपेश सरकार पर किसानों को पूरा भरोसा है। बेमौसम बारिश से प्रदेश के खरीदी केंद्रों में रखा हजारों क्विंटल धान भीग गया। किसान की मेहनत पर प्रकृति में पानी फेर दिया। कुछ किसानों के खेतों में अभी भी धान की कटाई का काम चल रहा है जो खेत में बिना कटे ही भीग गए है। मुख्यमंत्री ने त्वरित कार्रवाई करते हुए अधिकारियों को नुकसान का आंकलन करने मैदानी इलाकों में भेज दिया है। जनता में खुसुर-फुसुर है कि किसानों का भरोसा वाजिब है, भूपेश सरकार ने बेमौसम बारिश के ठीक बाद अधिकारियों को नुकसान का आंकलन कर तुरंत रिपोर्ट भेजने के निर्देश देने का मतलब साफ किसानों को नुकसान का पूरा मुआवजा मिलना तय है। यहीं भरोसा सीएम को भी किसानों पर जो उन्हें सेवा करने के लिए प्रेरणा देते है। यही तो भरोसे की सरकार है। जो किसानों के हक के लिए सरकार गठन के पहले दिन से निर्णय ले रहा है।

नए साल के जश्न पर बंदिश या इजाजत

नए साल का जश्न प्रशासन के लिए होटलों और रेस्टारेंट में बड़े इवेंट पर पाबंदी लगने से नए साल के आयोजकों से साथ सेलिब्रेटियों को प्रशासन मायूसी नहीं करने वाली है क्योंकि राजधानी के 28 होटलों ने शराब परोसने के लिए आवेदन लगाए है। राजधानी में नए साल के जश्न के स्वागत में जाम टकराने के लिए खासी तैयारियों की खबर है। वीइआईपी रोड की होटलों में में एक बार फिर बैन किए गए हुक्का कारोबार की सुगबुगाहट मिल रही है। जनता में खुसुर-फुसर है कि जश्न मनाने वाले कोई न कोई बहाना निकाल कर सारभर के इंतजार को जाया नहीं करेंगे। वे अपने तरीके बदल कर हर हाल में नए साल का स्वागत जश्न के साथ करेंगे।

कोरोनाकाल की वापसी...

कोरोना के संभावित तीसरी लहर और ओमीक्रान को रोकने के लिए सरकार ने केंद्र सरकार से मिली गाइड लाइन के अनुसार व्यवस्था कर दी है। राजधानी के 5 क्षेत्र को सील कर कंटेनमेंट घोषित कर दिया है। राजधानी में पिछले 3 दिनों में 10 से ज्यादा मामले सामने आए है। जनता में खुसुर-फुसर है कि भूपेश सरकार ने संभावित आशंका को देखते हुए तैयारी कर ली है। जनता को घबराने की जरूरत नहीं है। आशंकित होने पर तुरंत नजदीक के चिकित्सालय में जांच कराए और अफवाह से बचे। जिससे राजधानी सहित प्रदेश का वातावरण प्रदूषित होने से बच सकेगा। पिछले दो साल से कोरोना का दंश झलने वाले प्रदेश के नागरिकों ने धैर्य का परिचय दिया था, वैसे ही तीसरे चरण का डट कर मुकाबला करने प्रशासन आपके साथ है।

शाबाश छत्तीसगढ़ पुलिस

छत्तीसगढ़ पुलिस ने कालीचरण को भक्त बनकर पकड़ा। मध्यप्रदेश पुलिस को उइसकी भनक तक नहीं लगी। मध्यप्रदेश के गृहमंत्री नरोत्तम मिश्रा तमतमाते हुए बोले दूसरे राज्य में किसी की गिरफ्तारी से पहले उस राज्य की सरकार या गृह विभाग को जानकारी दी जानी चाहिए थी। जनता में खुसुर-फुसर है कि गांधी को गाली देने वाला पिछले 3 दिनों से मध्यप्रदेश में था, मध्यप्रदेश पुलिस के इंटेलिजेंस विभाग को इसकी जानकारी तक नहीं हुई, ये कैसा इंटेलिजेंसी है? छत्तीसगढ़ पुलिस ने जिस हिसाब से कार्रवाई की उसके लिए वह शाबासी का पात्र है। 

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