राज्य के मात्र 12 प्रतिशत ग्रामीण परिवारों को मिल रहा है नल का जल: बृजमोहन अग्रवाल
छग
रायपुर। भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल बृजमोहन अग्रवाल ने ध्यानाकर्षण के माध्यम से जल जीवन मिशन में गड़बड़ियों का मामला उठाते हुए सरकार पर गंभीर आरोप लगाया। उन्होंने ध्यानाकर्षण में कहा की प्रदेश के 67 लाख से अधिक बीपीएल परिवारों को शुद्ध पेयजल पहुंचाने हेतु संचालित जल जीवन मिशन योजना का 40 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं किया गया है। बस्तर, कोण्डागांव, नारायणपुर, सरगुजा, बैगाचक (कवर्धा), लोरमी, पेण्ड्रा जैसे दूरस्थ आदिवासी इलाकों में तो 20 प्रतिशत काम भी पूरा नहीं हुआ है। उन्होंने कहा कि छत्तीसगढ़ में 73 प्रतिशत ग्रामीण परिवार हैं, जिनमें से केवल 47 लाख (12.5 प्रतिशत) को ही नल से पानी की आपूर्ति होती है। केन्द्र सरकार से मिली राशि का पहले वर्ष 18.85 प्रतिशत, दूसरे वर्ष 50.23 प्रतिशत और तीसरे वर्ष 26 प्रतिशत ही राज्य सरकार खर्च कर पाई है, वहीं चौथे वर्ष 2,223.98 करोड़ रुपये की मंजूरी मिली है, इसके बावजूद काम बहुत धीरे चल रहा है। इसके कारण केंद्र सरकार ने पहली किस्त के रूप में केवल 491 करोड़ रुपये ही जारी किया।
प्रदेश के 168 गांवों और बसाहटों के भूजल में बीमारी का कारण बनने वाले आर्सेनिक और फ्लोराइड जैसे तत्व घुले हुए हैं परंतु वहां जल जीवन मिशन योजना के तहत अभी तक केवल 22.50 फीसदी ही काम हो पाया है। बृजमोहन ने कहा कि पिछले वित्तीय वर्ष में एक बड़ी रकम अनावश्यक रूप से एक निजी बैंक में पड़ी रही। योजना के क्रियान्वयन में जुटा अमला और ठेकेदार कई महीनों तक भुगतान को लेकर विभाग का चक्कर काटते रहते हैं। बस्तर जिले में कुल 1 लाख 63 हजार लोगों के घरों तक नल के कनेक्शन दिए जाने हैं, लेकिन योजना को शुरू हुए पूरे 3 साल बीत जाने के बाद भी सिर्फ 41 हजार घरों तक ही नल कनेक्शन पहुंचे हैं। जल मिशन के नाम पर निर्धारित मान के बजाए घटिया पाईप लाईन बिछायी जा रही है। बिलासपुर जिले में करोड़ों के ईओआई टेंडर भ्रष्टाचार के कारण निरस्त करने पड़े एवं महासमुंद जिले में तो अधिकारियों ने करीबी ठेकेदारों से सांठ-गांठ कर अपने रिश्तेदारों तक को टेंडर दे दिया है। करीबियों को टेंडर देने ऑनलाईन टेंडर के समय व तिथि में बिना किसी पूर्व सूचना के परिवर्तन किया गया है। कुछ टेंडरों में 4 से 40 मिनट तक का ही समय बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा कि अनेक जिलों में नियमों को ताक में रखकर जल जीवन मिशन के पैसे से कार्ययोजना से बाहर जाकर करोड़ों की सामग्रियां क्रय की गई हैं। समय पर शुद्ध पेयजल नही मिलने से प्रदेश की जनता में राज्य सरकार के खिलाफ भारी रोष एवं आक्रोश व्याप्त है।