ऑनलाइन सट्टा: आधा दर्जन बुकी गिरफ्तार

Update: 2023-01-02 05:30 GMT

दुर्ग पुलिस की एमपी के वारासिवनी में महादेव एप के ब्रांच पर दबिश

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर/भिलाई। दुर्ग पुलिस ने मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले में वारासिवनी से महादेव बुक से सट्टा खेलाते छह आरोपितों को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने इस ब्रांच के मैनेजर शारदा पारा निवासी भीम को भी पकड़ा था। लेकिन वो पुलिस को चकमा देकर फरार हो गया। आरोपितों के पास से तीन लैपटाप, 14 मोबाइल, एटीएम कार्ड और लाखों रुपये के सट्टे का हिसाब मिला है। इंटरनेट मीडिया पर प्रसारित कुछ फोटो में दो आरोपित आकाश और आशीष खुर्सीपार के एक भाजपा पार्षद के साथ नजर आ रहे हैं।

एसपी डा. अभिषेक पल्लव, एएसपी संजय ध्रुव ने बताया कि वारासिवनी के एक मकान में महादेव बुक से सट्टा का संचालन किया जा रहा था। दुर्ग पुलिस की टीम ने दबिश देकर छह युवकों को गिरफ्तार किया। इनमें जोन-3 खुर्सीपार निवासी आशीष मेहरा, संदीप चौधरी, कैलाश नगर हाउसिंग बोर्ड निवासी मोहम्मद इमरान, बालाजी नगर खुर्सीपार निवासी आकाश यादव, शारदा पारा निवासी धर्मेंद्र वर्मा और कैंप-1 निवासी विनय कुमार बाफना शामिल हैं। आरोपितों में विनय कुमार मेडिकल संचालक है। वर्ष 2013 में छावनी पुलिस ने उसे नशीली दवाई बेचने के मामले में गिरफ्तार किया था। आरोपितों ने डिपाजिट, विड्राल के साथ ही मुनाफे का भी हिसाब लिखकर रखा था। चार दिन में लगभग 11 लाख 46 हजार का सट्टा खेलाया था, जिसमें चार लाख 90 हजार रुपये खिलाडिय़ों को दिया। बाकी के छह लाख 56 हजार का मुनाफा हुआ है।

बाथरूम के बहाने मैनेजर फरार

वारासिवनी ब्रांच का मैनेजर भीम बाथरूम के बहाने फरार हो गया। पूछताछ में आरोपितों ने बताया कि भीम ही इस ब्रांच का मास्टर माइंड है। वो महादेव बुक के अन्य पैनल धारकों को भी काम करने के लिए लड़के उपलब्ध करवाता था।

कई राज्यों में पहले से कानून

नया कानून तमिलनाडु, कर्नाटक, तेलंगाना, राजस्थान और असम की तर्ज पर होगा। इन राज्यों के बाद पहली बार छत्तीसगढ़ में भी सख्त कानून लाया जा रहा है अभी 3-4 जुआ एक्ट लचीला है। इसमें कैश कितना भी जब्त हो, थाने से ही जमानत हो जाती है। कोर्ट भी सजा के तौर पर अर्थदंड देते हैं। इसलिए इसमें बदलाव किया जा रहा है। नया कानून लागू होने के बाद इस तरह का रैकेट चलाने वाले या ऑनलाइन गेमिंग की आईडी चलाने वालों को थाने से जमानत नहीं मिलेगी। इसमें सजा 7 से 10 साल रहेगी। तेलंगाना देश का पहला राज्य है, जहां 2017 में ऑनलाइन गेमिंग कानून लागू किया गया है। वहां भी पुराने नियम में संशोधन कर सख्त प्रावधान किए गए हैं। इसके तहत कोई भी व्यक्ति ऑनलाइन गेमिंग में जुआ खेलते पाया जाता है तो उसे 3 माह का कारावास, 5000 जुर्माना या दोनों सजाएं दी जा सकती हैं।

ऑनलाइन जुएं का किसी भी तरह का विज्ञापन या ऑनलाइन गेम का विज्ञापन करने पर जिम्मेदार व्यक्ति को ऐसी धाराओं में गिरफ्तार किया जाएगा, जिसमें एक साल कैद, 5 लाख का जुर्माना या दोनों सजाएं होंगी। ऑनलाइन जुआ खिलाने वाला, पैसे या प्रापर्टी को ऑनलाइन गेम में दांव पर लगाने का खेल जो भी खिलवाता हुआ पकड़ा जाएगा, उसे 3 साल की कैद,10 लाख रुपये का जुर्माना या दोनों सजा देने का नियम है।

अभी ये कार्रवाई

राज्य में 3/4 और 13 जुआ एक्ट में कार्रवाई की जाती है। घर या भवन के भीतर कवर्ड कैंपस पर जुआ खेलने पर 3/4 जुआ एक्ट पर कार्रवाई होती है। इसमें 600 रुपए जुर्माना और 1 साल तक की सजा है जबकि सार्वजनिक जगह पर खेलने पर 13 जुआ एक्ट पर कार्रवाई की जाती है। इसमें भी 500 तक जुर्माना और 1 साल की सजा है। राज्य में ऑनलाइन गेमिंग पर कार्रवाई के लिए अभी अलग से कोई नियम नहीं है। इसे वैध करने का भी कोई कानून नहीं बनाया गया है, जिसमें लाइसेंस जारी किया जा सके। इसे अवैध तरीके से चलाया जा रहा है। जुआ, सट्टा और ऑनलाइन गेमिंग पर पुलिस जुआ एक्ट के तहत कार्रवाई करती है। यह धाराएं ऐसी होती हैं कि आरोपी थाने से ही छूट जाता है।

ऑनलाइन गेमिंग पर नकेल कसने की तैयारी

ऑनलाइन गेमिंग और सट्टा एप को रोकने सरकार सख्त कानून का विधेयक ला सकती है। इसी सत्र में इसे विधानसभा के पटल पर रखा जा सकता है। इसके तहत 10 लाख जुर्माना और 7 साल तक की सजा का प्रावधान किया जा सकता है। रायपुर में ही हर साल औसतन 2 हजार सटोरी और जुआरी पकड़े जाते हैं। इसमें इंटरनेशनल गैंग के गुर्गे भी होते हैं, लेकिन पुलिस उन पर प्रतिबंधात्मक धारा यानी धारा 151 के अलावा कोई सख्त कार्रवाई नहीं कर पाती और आरोपी थाने से ही छूट जाते हैं।

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