उल्लेखनीय है कि विपश्यना ध्यान पद्धति से जीवन सात्विक होता है तथा व्यक्ति मानसिक रूप से अधिक मजबूत होता है। आनापान के माध्यम से व्यक्ति अपने श्वास को देखते हुए अपने अंदर हो रहे बदलावों को जानता है और इस माध्यम से जीवन और संसार की अनित्यता को जानने लगता है। इससे सबसे पहले व्यक्ति को बेचैनी, घबराहट , भय जैसी मानसिक परेशानी के बचाव होता है। समाज में फैल रही विकृतियों से बचने में विपश्यना ध्यान एक कारगर पद्धति है।
विपश्यना आचार्य डॉ सिताराम साहू ने बताया कि ग्रीष्म अवकाश को देखते हुए बच्चों के लिए रायपुर में भी आगामी सप्ताह बाल शिविर का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने बताया कि पुराने साधकों के लिए योग टॉवर (अनुपम गार्डन के सामने ) में प्रति रविवार एक घंटे की सामुहिक साधना सुबह आठ बजे से 9 बजे तक आयोजित की जाती है।