दुर्ग। संभागायुक्त एवं कुलपति महादेव कावरे ने शुक्रवार को पशु चिकित्सा एवं पशु पालन महाविद्यालय अंजोरा का आकस्मिक निरीक्षण किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालयीन समय पर अनुपस्थित पाए गए 3 कर्मचारियों को कारण बताओं नोटिस जारी करने अधिष्ठाता डॉ. एस.के. तिवारी को निर्देशित किया। साथ ही उपस्थित अधिकारियों-अध्यापको को निर्देशित किया की कार्यालयीन समय पर अपने कार्य पर उपस्थित रहे। कार्य में लापरवाही बरतने पर अनुशासनात्मक कार्यवाही की जायेगी। निरीक्षण के दौरान उन्होंने आहार एवं चारा प्रयोगशाला का निरीक्षण किया। डॉ. प्रुस्ति ने बताया कि प्रयोगशाला में पशुओं के आहार के लिए विभिन्न जिलों से प्राप्त नमूनों की जांच की जाती है। इथर एक्स्ट्रेक्शन एसेंबली की प्रक्रिया के संबंध में डॉ. एस.के. तिवारी अधिष्ठाता द्वारा अवगत कराया गया। कुलपति ने नमूने संग्रहण एवं जांच से संबंधित पंजी संधारण करने के निर्देश दिए। इसके पश्चात् उन्होंने राष्ट्रीय कृषि विकास योजना अंतर्गत निर्मित मीट प्रोसेसिंग लैब का निरीक्षण कर वहां स्थापित प्रसंस्करण का अवलोकन एवं उपस्थित अधिकारी द्वारा लैब में निर्मित उत्पदों के संबंध में अवगत कराया गया। इसके पश्चात कुलपति ने स्पेक्ट्रोफोटोमीटर लैब, फॉर्मेकोलॉजी लैब, बॉयोकेमिकल लैब, बायोक्रोनोलॉजी लैब, फिजियोलॉजी लैब के निरीक्षण के दौरान डॉ. संजय साक्या ने बताया कि विभिन्न प्रकार के जानवरों के डीएनए से संबंधित अनुसंधान के कार्य किये जा रहे है। कोविड-19 के दौरान भी इस प्रयोगशाला द्वारा कोविड जांच हेतु आरटीपीसीआर जांच की सुविधा प्रदान की जा चुकी है।
निदेशक शिक्षा के कार्यालय के निरीक्षण के दौरान कावरे ने उपस्थित निदेशक डॉ. आर.सी. घोष को निर्देशित किया कि विश्वविद्यालय के नवनिर्मित प्रशासनिक भवन में निदेशक शिक्षण हेतु आबंटित कक्ष में स्थानांतरण की कार्यवाही यथाशीघ्र करें। कावरे ने अध्यापन कक्ष जाकर विद्यार्थियों से अध्यापन कार्य के संबंध में चर्चा की एवं विद्यार्थियों से पूछा कि उन्हे शिक्षा एवं हॉस्टल में किसी भी प्रकार की असुविधा तो नही है? जिस पर विद्यार्थियों ने महाविद्यालय द्वारा उपलब्ध सुविधाओं पर संतुष्ठीे व्यक्त किये। कावरे ने दूरांचल से आए हुए विद्यार्थियों को भी प्रोत्साहित किया एवं कहा कि वे अपनी अध्यापन कार्य पूरी रूचि से करें। कुलपति ने महाविद्यालय अंतर्गत स्थापित समस्त मशीनों के रखरखाव हेतु वार्षिक रखरखाव अनुबंध (एएमसी) की कार्यवाही प्रारंभ करने के संबंध में उपस्थित कुलसचिव डॉ. आर.के. सोनवाने एवं अधिष्ठाता डॉ. एस.के. तिवारी को निर्देशित किया। उन्होंने यह भी निर्देश दिया कि महाविद्यालय के सभी प्रयोगशाला एवं विभिन्न कक्ष में सेनेटाईजर अनिवार्यतः उपलब्ध रहे और नियमित उपयोग करें। पशु अनुवांशिकी एवं प्रजनन विभाग के निरीक्षण के दौरान निदेशक डॉ. के.मुखर्जी ने कुलपति को अवगत कराया कि विश्वविद्यालय द्वारा कोशली गाय एवं छत्तीसगढ़ बफेलो के नस्ल के पंजीकरण किया गया है, जो कि विश्वविद्यालय के लिए एक बड़ी उपलब्धी है। इसी क्षेत्र में सोनकुकरी मुर्गी, अंजोरी गोट नस्ल के पंजीकरण के लिए भी निरंतर प्रयास किये जा रहे है जिसमें जल्द सफलता प्राप्त होने की जानकारी दी गई। जिस पर कुलपति ने विभाग द्वारा किये जा रहे इस कार्य हेतु प्रशंसा व्यक्त की एवं इससे संबंधित प्राध्यापकों को प्रोत्साहित किया एवं सहयोग के लिए आश्वासन दिया।