रायपुर raipur news। छत्तीसगढ़ी लोक संस्कृति के पहले पर्व “हरेली” पर मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने सपत्नीक आज राजधानी स्थित अपने निवास कार्यालय में गौरी-गणेश, नवग्रह की पूजा कर भगवान शिव का अभिषेक किया। वहीं कृषि कार्य में प्रयुक्त होने वाले नांगर, रापा, कुदाल व कृषि यंत्रों की विधिवत पूजा-अर्चना कर हरेली त्योहार का शुभारंभ किया। इस मौक़े पर मुख्यमंत्री साय ने प्रदेश के किसानों समेत छत्तीसगढ़वासियों की ख़ुशहाली एवं सुख-समृद्धि की कामना की। पशुधन संरक्षण के संदेश के साथ मुख्यमंत्री ने गाय व बछड़े को लोंदी और चारा खिलाया। Chief Minister Vishnudev Sai
पर्यावरण के संरक्षक का पर्व हरेली
छत्तीसगढ़ एक कृषि प्रधान राज्य है। हरियाली अमावस्या को मनाया जाने वाला हरेली त्यौहार का छत्तीसगढ़ के जनजीवन में व्यापक प्रभाव देखा जा सकता है। हरेली के दिन किसान भाई नांगर (हल) एवं कृषि औजार की पूजा करते हैं, जो हमारे छत्तीसगढ की कृषि प्रधान संस्कृति का अभिन्न हिस्सा है। वहीं दूसरी ओर देखा जाए तो हरेली पर्व का महत्व धरती को हरा-भरा बनाये रखने के लिए पेड़-पौधे की महत्ता को भी प्रदर्शित करता है।
यहाँ यह उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने पर्यावरण संरक्षण को बढ़ावा देने "एक पेड़ मां के नाम" लगाने की अपील की है यह एक जन आंदोलन बन गया है । मुख्यमंत्री श्री विष्णु देव साय ने आम नागरिकों से आव्हान किया है कि आओ हम सब धरती के श्रृंगार को हरा भरा बनाने हरेली के दिन अधिक से अधिक संख्या में वृक्षारोपण करे।