बूढ़ा तालाब: म्यूजिकल फाउंटेन बंद, फीका पड़ा सौंदर्य
ठेले-गुमटियों का जमावड़ा, ट्रैफिक जाम से लोग बेहाल
रायपुर (जसेरि)। बूढ़ा तालाब का सौंदर्यीकरण लोगों को रोमांच बढ़ाने और सुकून पहुंचाने के बजाय बोरियत और निराश कर रहा है। झांय-झिपिंग लाइट के अलावा और कुछ देखने लायक नहीं है, म्यूजिकल फौव्वारा तो उदघाटन के बाद तीन दिन तक चला उसके बाद तो बंद बड़ा है। म्यूजिकल फौव्वारा देखने वाले निराश होकर लौट रहे है।
बूढ़ा तालाब को निहारने बाइक से पहुंचते ही पार्किंग संचालक के गुर्गे वाहनों चालकों पर गिद्ध की तरह पार्किंग रसीद काटने टूट पड़ते है। दादागिरी करने से भी गुरेज नहीं करते है। यहां आकर दर्शकों के मन में सौदर्यीकरण के निहारने से पहले ही अवसाद शुरू हो जाता है कि कहां आ गए शाम करने के लिए। बोटिंग का अनाप-शनाप किराया के साथ बाहर ठेलों खोमचों वालों ने तो हद ही पार कर दिया है। खान-पान, चाट पकौड़ी के नाम पर लूट मजा रखे है। पार्किंग संचालक जबरन बाहर खड़े वाहनों की रसीद काटने में भी दबंगई दिखाने से नहीं चूकते है। जो पूर्ण रूप से अवैध है। गार्डन में पार्किंग संचालक के गुर्गों के दुव्र्यवहार से आम जनता आहत हो रही है।
तालाब में नजर नहीं आते पक्षी- तालाब के सौंदर्यीकरण के पूर्व यहां हर समय पक्षियों का झुण्ड तैनात रहता था, परन्तु जैसे-जैसे मानवीय क्रियाकलापों का विकास होने लगा वैसे ही धीरे-धीरे प्राकृतिक अस्तित्व खत्म होने लगा है। स्मार्ट सिटी रायपुर के द्वारा तालाब में लोगों के मनोरंजन के लिए फर्राटेदार स्पीड बोट का इंतजाम किया है जिसकी आवाज और रफ्तार के कारण अब वहां गिने-चुने पक्षी भी अब नजर नहीं आते है।
फुटपाथ में धड़ल्ले से जमें हुए है ठेले-गुमटी वाले- बूढ़ा तालाब के बाहर सामने चारों ओर नगर निगम के द्वारा टीन शेड की दीवार बनाई गई है जिसके नीचे हमेशा ठेले और गुमटी वालों का डेरा जमा लिया है। सबसे ज्यादा गुमटी वालों का कब्जा इंडोर स्टेडियम से लेकर गार्डन के प्रवेश द्वार तक है। जिसके कारण लोग फुटपाथ में ना चलते हुए सड़कों पर पैदल चल रहे है। इसके साथ ही तालाब के दूसरी ओर महामाया मंदिर से लेकर धरनास्थल और इंडोर स्टेडियम तक ठेले वाले फुटकर व्यापारी अपना डेरा जमाए हुए बैठे है। वही स्मार्ट सिटी का कार्यालय है जो ठेले और गुमटी वाले को संरक्षण दे रखा है। प्रशासन को चाहिए कि जल्द से जल्द से फुटपाथों से ठेले और गुमटी संचालकों को हटाए एवं फुटपाथ को पैदल चलने वालों के लिए खाली करवाए। लचर यातायात व्यवस्था से हमेशा दुर्घटना की आशंका- बूढ़ातालाब पहुंचने के दो मुख्य रास्ते है जिसमें एक लाखेनगर जो पुरानी बस्ती होते हुए और दूसरी कालीबाड़ी चौक होते हुए है। जिसमें लाखेनगर से जो रोड निकली है वह रोड इतनी संकरी हो गई है कि यहां एक वाहन के मुडऩे से लम्बा जाम लग जाता है। इसके साथ ही तेजी से चलने वाले वाहनों के कारण हमेशा दुर्घटना घटने की आशंका बनी रहती है। फर्राटे मारने वाले बाइकर्स गली मोहल्लों में 60-70 की स्पीड से निकलते है जिससे हमेशा बड़ी दुर्घटना का अंदेशा बना रहता हैै। इन सभी कारणों के लिए प्रशासन को यातायात व्यवस्था बनाने रखने कड़ी कार्रवाई आवश्यक है।