रायपुर। कांग्रेस दफ्तर राजीव भवन में आज ओड़िशा रेल हादसे में जान गंवाने वाले मृतकों को श्रद्धांजलि दी गई. मिडिया से बातचीत करते मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा - यह इतिहास की सबसे बड़ी दुर्घटना है। मैं मृतक परिवारों को श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैंने ओडिशा के मुख्यमंत्री से बात की है। छत्तीसगढ़ सरकार उन्हें हर संभव सहायता को करने को तैयार है.
बता दें कि ओडिशा के बालासोर में हुए भीषण ट्रेन हादसे में ढाई सौ से अधिक यात्रियों की जान जा चुकी है जबकि करीब एक हजार लोग घायल हुए हैं. तीन ट्रेन की इस भीषण टक्कर के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. इन सबके बीच हादसे की संयुक्त जांच रिपोर्ट सामने आई है. इस जांच रिपोर्ट में इस भीषण घटना के पीछे सिग्नल से संबंधित गलती सामने आई है. रिपोर्ट के मुताबिक बहानगा बाजार स्टेशन पर मालगाड़ी लूप लाइन में खड़ी थी. इसी बीच चेन्नई से हावड़ा जा रही 12841 कोरोमंडल एक्सप्रेस बहानगा बाजार स्टेशन पर पहुंची. हर स्टेशन पर दूसरी ट्रेन पास कराने के लिए लूप लाइन होती है. बहानगा बाजार स्टेशन पर अप और डाउन, दो लूप लाइन हैं. किसी भी ट्रेन को लूप लाइन पर तब खड़ा किया जाता है, जब किसी ट्रेन को स्टेशन से पास कराया जाना हो.
बहानगा बाजार स्टेशन पर भी कोरोमंडल एक्सप्रेस और यशवंतपुर हावड़ा एक्सप्रेस को पास कराने के लिए मालगाड़ी को कॉमन लूप लाइन पर खड़ा कराया गया था. कोरोमंडल एक्सप्रेस तेज रफ्तार से मेन अप लाइन से गुजर रही थी. उस समय डाउन लाइन से यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस भी गुजर रही थी. बहानगा बाजार स्टेशन पर इन ट्रेन का स्टॉपेज नहीं है. ऐसे में दोनों ही ट्रेन की रफ्तार तेज थी. बहानगा बाजार स्टेशन से गुजर रही कोरोमंडल एक्सप्रेस अचानक पटरी से उतर गई. पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस के कुछ डिब्बे मालगाड़ी से जा भिड़े. हादसे के समय डाउन लाइन से गुजर रही यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतरी कोरोमंडल एक्सप्रेस की चपेट में आ गए. रेलवे की ओर से मिली जानकारी के मुताबिक ट्रेन नंबर 12864 यशवंतपुर-हावड़ा एक्सप्रेस के पीछे के दो डिब्बे भी पटरी से उतर गए. कोरोमंडल एक्सप्रेस के 21 डिब्बे पटरी से उतर गए और तीन डिब्बे छिटककर डाउन लाइन पर चले गए. हादसा भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन से करीब 171 किलोमीटर और खड़गपुर रेलवे स्टेशन से करीब 166 किलोमीटर दूर स्थित बालासोर जिले के बहानगा बाजार स्टेशन पर हुआ.