शराब-सिगरेट नहीं, युवाओं को अब कोकिन, ब्राउन शुगर की लत

नशे का ट्रेंड बदला, तस्कर भी सक्रिय

Update: 2021-02-25 05:33 GMT

जसेरि रिपोर्टर

रायपुर। आखिर नशा क्या शहर में युवाओं की जड़ो को काट रहा है ? या फिर युवाओं में नशा पार्टियों के लिए बिकते जा रहा है। नशे के काले कारोबार की सच्चाई रोंगटे खड़े कर देती है। यह समस्या लगातार गंभीर होती जा रही है। अब नशे को लेकर रायपुर निशाने पर है। ऐसे मामले सामने आ रहे हैं कि पहले युवाओं को नशे का शिकार बनाया जाता है और फिर उनको ड्रग पेडलर बनाया जा रहा है। इसकी अनदेखी बहुत भारी पड़ सकती है। वीआईपी रोड की बड़ी होटलों में शराब की पार्टी चलना आम बात है। राजधानी में अपराध के सिलसिले आए दिन बढ़ते जा रहे है। शहर में नशे का कारोबार थमने का नाम नहीं ले रहा है। राजधानी में ऐसे स्थान भी हैं, जहां पुडिय़ा या माल बोले तो हाथ में तुरंत गांजे की पुडिय़ा आ जाएगी। चौंकाने वाली बात है कि यहां बच्चा-बच्चा इसको जानता है, गांजे का कारोबार शहर की गली-गली में इस कदर फैल चुका है कि कहीं थोड़ी दूरी पर तो कहीं घर से ही नशा बेचा जा रहा है। बेखौफ कारोबार करने वालों ने महिलाओं और बच्चों को भी इसमें झोंक रखा है। गांजे के तलबगार 50 या 100 रुपए देकर आसानी से नशा खरीद रहे हैं। पुलिस की लगातार कार्रवाई के बाद भी नशे के सौदागर अपने कारोबार को बंद नहीं करते है।

मीडिया में नशे को लेकर ख़बरें भी हुई प्रकाशित

मीडिया में लगातार खबरें आने बावजूद राजधानी के बड़े होटलों और पब्स में खुलेआम अवैध नाइट पार्टियां चल रही है, प्रशासन के बिना अनुमति के छुटभैय्या नेताओं के संरक्षण में होटल, क्लब संचालक बेखौफ इन पार्टियों का आयोजन कर रहे है। जिसमें समय सीमा खत्म होने के बाद भी शराब और हुक्के परोसे जाते है। पार्टी के आयोजन कर्ताओं और होटलों के संचालकों को इलाके के पुलिस थानों से भी संरक्षण मिल रहा है। इसका पुख्ता सुबूत जनता से रिश्ता के पास मौजूद है। नशे की पार्टियों के कई वीडियो भी सामने आए हैं जिससे पार्टी के आयोजनकर्ताओं को पहचाना जा सकता है। वीकेंड की रात भी पुलिस तमाम कोशिशों के बाद भी नाइट पार्टियों को समय पर बंद नहीं करा पाए और दिखावे के लिए आयोजित कैंडल नाइट डिनर के बाद कई होटलों और पबों में देर रात तक पार्टियां चलती रही। जिसमें शराब और नशा भी बेचा गया है।

नशे का ट्रेंड बदला

रायपुर के युवाओं में नशे का ट्रेंड भी बदल गया है। पहले जहां शराब, हुक्का, कफ सिरफ, टैबलेट, गांजा आदि का सेवन अधिक किया जाता था, अब इसकी जगह पर बड़े घरों के युवा कोकीन, ब्राउन शुगर आदि का डोज तक लेने लगे हैं। नए साल की पार्टियों में नशे को खपाने के लिए होटलों के संचालकों ने सोशल मीडिया में विदेशी लड़कियों की तस्वीरें लगाकर युवाओं को अपनी तरफ आकर्षित करने लगे है। और ये तरीका जब कारगर साबित हुआ तब से हर दिन नशे की पार्टियों के आयोजन करने के लिए नशे के सौदागर सोशल मीडिया में अपलोड किया जाता है। तस्करों के निशाने पर कॉलेज छात्र अधिक है। तस्करों के गुर्गे छात्रों की ही पोशाक में कॉलेज के पास जमे रह छात्रों से दोस्ती गांठ उन्हें पहले धोखे से नशा कराते हैं। सिगरेट में मादक पदार्थ भर युवाओं को पिलाया जाता है। पहले सेवा फ्री होती है। जब लड़का आदी हो जाता है तो उसे अडडे दिखा व उससेमोटी रकम लेकर मादक पदार्थ दिये जाते हैं।

जिले में नशा दवाई के रूप में

रायपुर जिले का हर थाना क्षेत्र हर नशे का गढ़ बन गया है। यहाँ गांजा अवैध शराब सहित मेडिशिन नशे का अवैध काला कारोबार अब दिन प्रतिदिन बढ़ते ही जा रहा है। सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक रायपुर शहर व ग्रामीण क्षेत्र में यत्र तत्र अवैध नशे का कारोबार इस तरह फल फूल रहा है मानो इन कारोबारियों को प्रशासन का कोई खौफ ही नही है। सूत्र बताते है कि शहर के तेलीबांधा से लेकर वीआईपी रोड नशे का गढ़ माना जा रहा है यहाँ दिन रात अवैध नशे का सामान गांजा कोरेक्स फेंसेडिल नाइट्रावेट आदि धड़ल्ले से बेचा जाता है। बताया जाता है कि खांसी सर्दी में उपयोग होने वाली दवा यहाँ के नशेडिय़ों के लिए नशे का आधार बन गई है जिसमें युवा वर्ग इसकी गिरफ्त में ज्यादा समाते जा रहे है। बताया जाता है कि यह मेडिशिन नशा बिना महक व गंध का होता है जिससे कई युवा इसे प्रमुख नशा के रूप में उपयोग करते है।

राजधानी बना शराब के आदमखोरों का गढ़

बड़े शहरों की तर्ज पर रायपुर नशाखोरी का अड्डा बनता जा रहा है। सबसे ज्यादा युवा वर्ग इसकी चपेट में है। रायपुर शहर में अफीम, चरस, गांजा, ड्रग्स, नशीले इंजेक्शन और टैबलेट समेत अन्य माध्यमों से नशा किया जा रहा है। नशे के मंहगे माध्यमों के लिए बड़ा नेटवर्क शहर में पांव पसार रहा है। जो भारी मात्रा में नशे की खेप रायपुर पहुंचा रहा है। रायपुर में पुलिस का तंत्र कमजोर हो गया है। इस कारण नशा माफिया सक्रिय होकर इस अवैध कारोबार में तेजी पकड़ रहे हैं। पुलिस कभी कभार नशे के खिलाफ कार्रवाई करत नजर आती है लेकिन अभी तक सरगना तक पहुंच पाने में पुलिस नाकाम रही है।

टजिसका सीधा असर युवाओं पर साफ पड़ता दिख रहा है। नशे की समस्या से रायपुर भी अछूता नहीं रहा है। बल्कि यहां तो नशे के व्यापार में महिलाओं का नाम भी खुलकर सामने आ रहा है। शहर में गांजा, अफीम आदि नशे का कारोबार तेजी बढ़ रहा है। जिससे युवा पीढ़ी गिरफ्त में आती जा रही है। नशे का सेवन कर रहे युवा नशे में डूबते जा रहे हैं। राजधानी में नशे की पार्टी का क्रेज़ एक बार फिर से युवाओं में खुमार बनाकर चढ़ा है।

युवा नशे की गर्त में

नशे की आसान पहुंच युवाओं को गर्त में डाल रही है। कई तरह का नशा जो युवाओं को आसानी से मिल जाता और वे धीरे-धीरे नशे की गिरफ्त में आ रहे हैं। रायपुर जिले में ही नहीं बल्कि शहर भर में नशीली दवाओं, गांजा व कोकीन जैसे खतरनाक नशे का प्रचलन बढ़ा है। जिले में चिन्हित नशे के आदी लोगों में 30 वर्ष से कम आयु के युवाओं की संख्या सबसे ज्यादा है। यह वे युवा है जो कभी यारी दोस्ती या कभी स्टेटस सिंबल तो कभी प्रेम में असफलता के कारण नशे की गिरफ्त में फंसते जा रहे हैं। युवा शारीरिक रूप से बीमार हो रहे है वहीं अपराध की दुनिया में कदम रख रहे हैं। देश का भविष्य माने जाने वाले युवा नशे के अंधकार में डूब रहे हैं।

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