लोक आयोग के आदेश के बावजूद कार्रवाई नहीं

Update: 2021-06-08 05:39 GMT

723 पदों पर नियम विरुद्ध भर्ती में भ्रष्टाचार

कौशल विकास तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग का कारनामा

प्रशिक्षण अधिकारी वर्ग-3 के भर्ती में 100 बिंदु रोस्टर का पालन नहीं किया गया

छत्तीसगढ़ लोक आयोग के आदेश के बावजूद अधिकारियो पर कार्रवाई नहीं

भाजपा शासनकाल में हुए भर्ती घोटाले पर आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई

ज़ाकिर घुरसेना

रायपुर। भाजपा शासन काल 2013-14 में कौशल विकास तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग में 723 प्रशिक्षण अधिकारी वर्ग 3 की सीधी भर्ती हुई थी। जिसमे जमकर भ्रस्टाचार किया गया। भर्ती के पहले या भर्ती के समय विभागीय क्राइटेरिया (100 बिंदु रोस्टर) का भी पालन करते हुए प्रक्रिया को पूरा करना होता है लेकिन चयनकर्ता अधिकारियो ने इन सब नियम कायदों को ताक में रख कर नियम विरुद्ध भर्ती कर लिया। इन 723 पदों पर भर्ती के लिए 21 अधिकारियों का एक विभागीय पैनल बनाया गया था जिन्होंने 100 बिंदु रोस्टर का पालन नहीं करते हुए अपात्र लोगो का नियुक्ति आदेश पारित कर दिया

इस सम्बन्ध में एक आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकत्र्ता श्री पुष्पेंद्र सिंह द्वारा छत्तीसगढ़ लोक आयोग में वर्ष 2014 में शिकायत दर्ज करवाया जिसका निराकरण लोकायुक्त द्वारा 29 मार्च 2019 को विभागीय जाँच के पश्चात 21 अधिकारियो को दोषी पाया गया और उनके विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई करने हेतु तकनीकी शिक्षा विभाग को आदेश किया जिसका पालन अभी तक नहीं किया गया। इनमे से कई अधिकारी सेवानिवृत भी हो चुके हे इसके बावजूद इन पर कार्रवाई न होना संदेहो को जन्म देता है। इस सम्बन्ध में एक और आरटीआई एक्टिविस्ट और सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल वाहिद के द्वारा मुख्यसचिव और प्रमुख सचिव छत्तीसगढ़ शासन को अवगत कराकर कौशल विकास तकनीकी शिक्षा और रोजगार विभाग के सभी 21 अधिकारियो /कर्मचारियों को तत्काल निलंबित करने की मांग की है। छत्तीसगढ़ लोक आयोग रायपुर के द्वारा पारित अपने आदेश प्रकरण क्रमांक 197 /2013, 43 /2014 एवं 77 /2014 के विभागीय आदेश के अनुसार छत्तीसगढ़ शासन कौशल विकास तकनीकी शिक्षा एवं रोजगार विभाग को आदेश क्रमांक एफ -17 /2014/जा.नि./42 अटल नगर रायपुर दिनाक 20/09/2018 के अनुसार ए के. सोनी सहित इन 21 अधिकारी /कर्मचारी के खिलाफ विभागीय जाँच करने कहा गया था लेकिन आज तक कोई कार्रवाई नहीं हुई। ये अधिकारी /कर्मचारी हैं जिनके खिलाफ विभागीय जाँच हेतु आदेश पारित हुआ है -1 . रंजना कटकवार अति. संचालक ,श्रीमती मीना गणवीर सयुक्त संचालक, एस. एस. भगत सयुक्त संचालक ,एम एफ अंसारी उप संचालक , आनंद कुमार उप संचालक , बी एस नेताम उप संचालक (सेवानिवृत ), चिन्मय चौधरी सहायक संचालक, एस एल प्रेमी प्राचार्य वर्ग 2 (सेवानिवृत), एम आर बघेल सहायक संचालक(सेवानिवृत), बी पी साहू प्राचार्य वर्ग 2, पी एन सिन्हा प्रभारी संयक्त संचालक, पी आर ध्रुव प्रशिक्षण अधीक्षक, एच यू सिद्दीकी प्रशिक्षण अधीक्षक,अख्तर अब्बास प्रशिक्षण अधीक्षक, सरोज कुमार वर्मा प्रशिक्षण अधीक्षक , इन्दर गोपाल साहू प्रशिक्षण अधीक्षक, डी के तिवारी प्रशिक्षण अधीक्षक , एस के दुबे प्रक्षिक्षण अधीक्षक, शिवचरण हिरवानी प्रशिक्षण अधिकारी, श्रीमती वीणा मैथ्यू प्रशिक्षण अधिकारी, और के आर कश्यप प्रशिक्षण अधिकारी शामिल हैं जिनके खिलाफ छत्तीसगढ़ लिक आयोग ने विभागीय जाँच संस्थित की है।

तत्कालीन लोकायुक्त द्वारा उभय पक्ष को सुनकर एक विशेष जाँच दल का गठन किया गया। इस विशेष जाँच दल द्वारा प्रकरण का सूक्ष्मता से परिक्षण कर 26 अक्टूबर 2018 को अंतिम प्रतिवेदन प्रस्तुत किया गया था। .इस प्रकरण का परिक्षण क़ानूनी सलाहकार से भी कराया गया और फिर इन सबके खिलाफ विभागीय जाँच व् अनुशासनात्मक कार्रवाई की अनुसंशा की गई थी लेकिन आज दिनाक तक इस मामले में कोई कार्रवाई हुई हो नजऱ नहीं आती जो घोर लापरवाही की श्रेणी में आता है। सुचना के अधिकार से प्राप्त दस्तावेज के अनुसार तकनीकी शिक्षा विभाग द्वारा जवाब दिया जाता है कि जाँच चल रही है। अब समझ में ये नहीं आता कि 29 मार्च 2019 को पारित आदेश के बावजूद अभी तक जाँच नहीं हो पायी है। विभाग द्वार गोलमोल जवाब दिया जाता है जबकि इन दोषी अधिकारियो के खिलाफ जाँच व् प्रतिवेदन लगभग तीन वर्ष पूर्व में दिया जा चुका है। विभागीय मिली भगत से इन दोषी अधिकारीयों को बचाया जा रहा है। शासन को इस विषय में गंभीरता से से लेते हुए दोषी अधिकारियो के खिलाफ तत्काल क़ानूनी कार्रवाई करनी चाहिए।

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