जनता से रिश्ता वेबडेस्क। जगदलपुर। मेडिकल कॉलेज डिमरापाल एनआईसीयू में भर्ती एक नवजात की मौत 2 दिन पहले हो गई, नवजात की माँ जहां अस्पताल में अपना उपचार करा रही है, वही चिकित्सको ने बिना जानकारी जाने ही मेकाज चौकी को एक पत्र जारी कर दिया कि नवजात के परिजन भाग गए, पुलिस ने जब पूरी जानकारी पता किया तो पता चला कि नवजात के परिजन तो अस्पताल में ही है, ऐसे में एक पिता को बिना जानकारी दिए ही स्टाफ ने परिजनों के भाग जाने की सूचना पुलिस को दे दिया। परिजन ने मेकाज के डॉक्टरों पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
मामले के बारे में जानकारी देते हुए मेकाज चौकी स्टाफ ने बताया कि 14 अगस्त की रात को कोंडागांव जिला के हाडीगाँव मे रहने वाले मंगल मरकाम ने अपनी पत्नी सुमनतीं मरकाम को प्रेग्नेंसी के दौरान भर्ती किया गया था, जिसके बाद उसने एक बालिका को जन्म दिया, जन्म के बाद नवजात की हालत ठीक नही होने के कारण उसे एनआईसीयू में भर्ती कर दिया गया, जहाँ 6 दिन के बाद नवजात ने दम तोड़ दिया, एनआईसीयू के चिकित्सकों ने बिना देरी किये पुलिस को एक पत्र भेज दिया, जिसमे इस बाद का उल्लेख किया गया कि नवजात की मौत के बाद परिजन फरार हो गए, पुलिस ने परिजनो की तलाश शुरू किया।
पुलिस ने इस मामले में हाडीगाव के सरपंच तिलक नेताम से इस बारे में चर्चा किया तो उसने बताया कि नवजात के परिजन अभी भी मेकाज में ही अपना उपचार करा रहे है, पुलिस ने जब चतुर्थ कर्मचारी संघ के अध्यक्ष अशोक बघेल को मामले के बारे में जानकारी दी, अध्यक्ष ने जब वार्ड में पता किया तब जानकारी मिली कि नवजात की माँ का तो उपचार चल रहा है, नवजात के पिता मंगल ने बताया कि पत्नी चौथा मंजिल के मेडिसिन वार्ड में भर्ती है और रोजाना नवजात के हाल चाल को जानने के लिए जा रहा था, आज सुबह भी वार्ड गया था, जहाँ स्टाफ ने यहां आना वर्जित बताया, जिसके बाद दवाई व हगिस छोडक़र 8 बजे नीचे गया तो गाँव के सरपंच ने पुलिस से मिलने की बात कही, जब पुलिस से बात हुई तो उसने इस बात की जानकारी दी कि बच्चे की मौत हो गई है।
सबसे बड़ी बात तो यह है कि बच्चे की मौत होने के बाद भी वहां के स्टाफ ने बताया कि आज सुबह ही उसका डाइपर बदला गया है, जबकि बच्चे का शव मरचुरी में रखवा दिया गया है, इस मामले में सबसे चौकाने वाली बात तो यह भी है कि नवजात की मौत की सूचना स्टाफ की जगह पुलिस ने दिया कि 2 दिन पहले ही बच्चे की मौत हो गई है। नवजात के पिता ने इस मामले में परपा थाने में जाकर शिकायत दर्ज कराते हुए आवेदन दिया गया है।
इस मामले में अधीक्षक डॉक्टर के एल आजाद का कहना था कि शिशु रोग चिकित्सक से बात हुई है, जिसमे इस बात की जानकारी मिली है कि बच्चे के परिवार से कोई भी नही आता था, जबकि गायनिक विभाग के चिकित्सकों ने बच्चे की माँ को मेडिसिन विभाग में शिफ्ट कर दिया था, परिवार का कोई भी सदस्य नही होने के कारण पुलिस को सूचना दिया गया है।