राजनांदगांव। पड़ोसी राज्य मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के देव नदी में मिले शव की पहचान एमएमसी (महाराष्ट्र-मध्य प्रदेश-छत्तीसगढ़) जोन के नक्सल लीडर राजेश सिंह मरकाम उर्फ दामा के रूप में की गई है। घटना करीब आठ माह पहले की है। उफनती नदी को पार करते समय तेज बहाव में डूबने से नक्सली लीडर दामा की मौत हो गई थी। नक्सल संगठन ने पहले ही इसकी पुष्टि की थी, लेकिन पुलिस ने शव का शिनाख्त नहीं किया था। पुलिस ने डीएनए जांच के बाद इसकी पुष्टि की है।
पुलिस सूत्रों की मानें तो दामा पर छत्तीसगढ़, मध्यप्रदेश व महाराष्ट्र में करोड़ों रुपये का इनाम घोषित है। एसजेडसी सदस्य होने के कारण दामा टॉप नक्सली लीडर में शुमार था। बताया गया कि बीते वर्ष 2023 में 27 सितंबर को दामा अपने साथियों के साथ मध्यप्रदेश के बालाघाट जिले के देव नदी को पार कर रहा था। तभी तेज बहाव में वो फंस गया। नदी में डूबने से उसकी मौत हो गई। इस घटना के कई दिनों बाद पुलिस का शव मिला। पुलिस ने शव के डीएनए को सुरक्षित रखा था। पुख्ता जानकारी आने के बाद दामा के बेटे का डीएनएल सेंपल लेकर जांच कराई गई, जिसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आया। इस आधार पर पुलिस ने भी दामा की मौत की अधिकृत रूप से पुष्टि की है।
बालाघाट रेंज के आईजी संजय कुमार ने बताया कि हार्डकोर नक्सली राजेश मरकाम उर्फ दामा की मौत डीएनए के जरिये स्पष्ट हो गई है। उस पर करोड़ों रुपये का ईनाम था। दामा गढ़चिरौली के मुरुमगांव का रहने वाला था। बताया गया कि पहले दामा वन विभाग में गार्ड की नौकरी करता था। बाद में वो नक्सल विचारधारा को लेकर हथियार उठा लिया था।