दंतेवाड़ा. जिले में दो नक्सली जोड़ों ने पुलिस अफसरों के सामने सरेंडर किया है। इन पर लाखों रुपए का इनाम घोषित है। इन्होंने पढ़ने- लिखने, खेलने - कूदने की उम्र में हिंसा का दामन थामा था। कलम की बजाए हथियार थाम कई वारदातें की थीं। हालात बदलने लगे और नक्सलवाद की हकीकत जब सामने आने लगी तो अब घर वापसी कर दी। अब ये दोनों शादीशुदा जोड़े खुशहाल जिंदगी जीना चाहते हैं।
सरेंडर नक्सली आयते मिडियामी गादीरास के कोर्रा की रहने वाली है। अभी वह 26 साल की है। साल 2007 से नक्सल संगठन में काम कर रही है। यानी इस समय आयते की उम्र महज 10 साल की थी। पढ़ने-लिखने, खेलने- कूदने की उम्र में नक्सली अपने साथ ले गए थे। साल 2012 तक CNM (चेतना नाट्य मंडली) की सदस्य थी। 15 साल की उम्र में हथियार चलाना सिखाया। कई मुठभेड़ों में शामिल रहकर हिंसा भी की। संगठन में रहते हुए नक्सली कमांडर कोसा से प्रेम हुआ। दोनों ने शादी की।
आयते 12 बोर बंदूक अपने साथ रखती थी। अब पति के साथ सरेंडर कर खुशहाल जीवन जिएगी। उसका पति और सरेंडर नक्सली कोसा सुकमा जिले के गच्चनपल्ली का रहने वाला है। साल 2000 से यह नक्सल संगठन से जुड़कर काम कर रहा। अभी यह 39 साल का है। यह 16 साल की उम्र में ही संगठन में शामिल हो गया था। 23 साल तक संगठन से जुड़ा रहा। कई बड़ी घटनाओं में शामिल रहा। संगठन में रहते आयते से इसने शादी की थी।