नेशनल लोक अदालत का हुआ आयोजन

छत्तीसगढ़

Update: 2022-03-14 15:55 GMT

राजनांदगांव। राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण नई दिल्ली के निर्देशानुसार वर्ष 2022 में आयोजित होने वाले नेशनल लोक अदालत के अनुक्रम में मुख्य संरक्षक छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण एवं कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण बिलासपुर के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ राज्य में तालुका स्तर से लेकर उच्च न्यायालय स्तर तक सभी न्यायालयों में नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। नेशनल लोक अदालत में राजीनामा योग्य प्रकरणों में पक्षकारों की आपसी सहमति व सुलह समझौता से निराकृत किया गया। इस लोक अदालत में प्रकरणों के पक्षकारों की भौतिक तथा वर्चुअल दोनों ही माध्यमों से उनकी उपस्थिति में निराकृत किए जाने के अतिरिक्त स्पेशल सिटिंग के माध्यम से भी पेटी ऑफेंस के प्रकरणों को निराकृत किया गया।

कार्यपालक अध्यक्ष छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा इस संपूर्ण लोक अदालत को सफल बनाये जाने हेतु निरंतर प्रयास करते हुए विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से भी लगातार अधिक से अधिक मामलों को निराकृत किये जाने हेतु प्रेरित किया गया तथा आज भी स्वयं राजनांदगांव एवं बालोद जिले में आयोजित नेशनल लोक अदालत की स्वयं समीक्षा कर पक्षकारों तथा बार एवं न्यायाधीशगणों से चर्चा की गई।
राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण (नालसा) नई दिल्ली के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति श्री यूयू ललित द्वारा जिला न्यायालय राजनांदगांव में आयोजित नेशनल लोक अदालत की कार्यवाहियों की विडियो कान्फ्रेसिंग के माध्यम से जानकारी प्राप्त करते हुए लोक अदालत की खण्डपीठ के न्यायाधीश एवं सदस्यों से चर्चा की गई। न्यायमूर्ति यूयू ललित द्वारा दो प्रकरणों में पक्षकारों से विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये समझाईश देते हुए पक्षकारगण से आपसी सुलह-समझौता से मामले को निराकृत कराने हेतु प्रेरित किया गया। इसके अलावा न्यायमूर्ति यूयू ललित द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी से भी विडियो कान्फ्रेसिंग के जरिये चर्चा करते हुए लोक अदालत के सफल आयोजन की जानकारी ली गई।
नेशनल लोक अदालत में आपसी सुलह समझौता के माध्यम से विभिन्न न्यायालयों से कुल 1 लाख से अधिक प्रकरणों का निराकरण हो चुका है तथा आज दिनांक को आयोजित नेशनल लोक अदालत की समाप्ति तक 2 लाख से अधिक प्रकरणों के निराकृत होने की संभावना है। इसी क्रम में न्यायमूर्ति श्री यूयू ललित द्वारा राजनांदगांव जिला न्यायालय के ही एक न्यायालय पीठासीन अधिकारी अनिता कोशिमा रावटे, न्या.मजि.प्र.श्रे. के न्यायालय में वर्ष 2018 से लंबित माता मालतीबाई एवं पुत्र किशुन ठाकुर के मध्य लंबित फौजदारी के मामले में समझौता की कार्रवाई का जायजा लिया गया।
तथा न्यायाधीश एवं पक्षकारों से चर्चा की गई उक्त प्रकरण में पक्षकार की माता मालतीबाई जो अपनी वृद्धावस्था के कारण न्यायालय में आने में असमर्थ थी को विधिक सेवा प्राधिकरण के पैरालीगल वॉलिंटियर नीरज साहू के द्वारा ग्राम सिंघोला में जाकर विडियो कान्फे्रंसिंग के माध्यम से उनकी उपस्थिति न्यायालय में सुनिश्चित कराई गई। इस प्रकार धारा 294, 506बी, 323 का यह मामला न्यायमूर्तिगण की उपस्थिति में आपसी सुलह समझौता से निराकृत कराई गई।
इसी प्रकार तहसील न्यायालय अम्बागढ चौंकी में पीठासीन अधिकारी रोजमीन खाखा, न्या.मजि.प्र.श्रे. के न्यायालय में लंबित दो काउंटर प्रकरणों में आपसी सुलह समझौता से मामला निराकृत कराया गया। जिसमें पक्षकार भीषण निषाद और मदन बंदेश्वर के मध्य धारा 294, 323, 506बी भादवि के कांउटर प्रकरण में दोनों पक्षकारों ने एक दूसरे पर लगाये गये अपने मामलें को आपसी रजामंदी से लोक अदालत के माध्यम से समझौता कर प्रकरण का निराकरण कराए। न्यायमूर्ति श्री यूयू ललित द्वारा भी उक्त पक्षकारों से और न्यायाधीश व लोक अदालत के उपस्थित सदस्यों से प्रकरण के संबंध में चर्चा की और भविष्य में किसी प्रकार की कोई लड़ाई झगड़ा नहीं करने की समझाईस दी गई।
इसी प्रकार प्रधान कुटुम्ब न्यायाधीश, कुटुम्ब न्यायालय, शैलेश कुमार केतारप राजनांदगांव के न्यायालय में लंबित प्रकरण में उभयपक्षों द्वारा न्यायालय में उपस्थित होकर विगत एक वर्ष से लंबित मारपीट व अन्य विवादों पर प्रताडऩा करने के मामले में समझाईश व सुलह होने उपरांत आज नेशनल लोक अदालत में राजीनामा कर प्रकरण निराकृत किया गया। जिसमें उभयपक्ष के मध्य राजीनामा हुआ और दोनों को खुशहाल जीवन जीने तथा अपने बच्चे को अच्छी जीवन प्रदान करने हेतु प्रेरित किया गया। उक्त नेशनल लोक अदालत के माध्यम से पति-पत्नी का मामला सुलझ गया।
इसी प्रकार मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट श्रीमती मोनिका जायसवाल राजनांदगांव के न्यायालय में मोतीपुर, सुभाष चौक स्कूल ग्राउंड के सामने पुलिस चौकी चिखली राजनांदगांव में दो पक्षों के बीच हुई घटना जिसमें दोनों पक्षों ने एक-दूसरे को गाली गलौज, मारने की धमकी देते हुए मारपीट की गई थी। उक्त घटना में सोमनाथ उर्फ सोनू वर्मा एवं राहुल वर्मा तथा निखिल वर्मा को चोटें आयी थी। इस संबंध में पुलिस चौकी चिखली के द्वारा दोनों पक्षों के विरूद्ध पृथक-पृथक अपराध पंजीबद्ध कर मामला मुख्य न्यायिक मजिस्टे्रट राजनांदगांव के न्यायालय में प्रस्तुत किया गया था। इस प्रकरण को उभयपक्षों के मध्य सुलह-समझाईश उपरांत आज आयोजित नेशनल लोक अदालत में आपसी सौहाद्रपूर्ण वातावरण एवं आपस में मधुर संबंध बनाये रखने के उद्देश्य से राजीनामा कर उक्त दोनों पक्षों के विरूद्ध दर्ज प्रकरण को समाप्त किया गया।
इसी प्रकार न्यायालय न्यायिक मजिस्टे्रट प्रथम श्रेणी भावना नायक ठाकुर के न्यायालय में लंबित आपराधिक प्रकरण क्रमांक-413/13 शासन विरूद्ध राजू शर्मा वगै, अंतर्गत धारा 294, 323, 506, 35 भारतीय दण्ड संहिता का मामला नेशनल लोक अदालत अदालत में निराकरण हेतु रखा जाकर पक्षकारों को नोटिस जारी किये जाने के उपरांत दोनों पक्षकार 12 मार्च 2022 को न्यायालय में उपस्थित हुए । उपरोक्त पक्षकारों के मध्यम आपसी मारपीट एवं गाली-गलौच का मामला चलने से दोनों के मध्यम वैमन्य सिापित था जिन्हें न्यायालय द्वारा समझाईश दिये जाने पर दोनों पक्षकार राजीनामा हेतु सहमत हो गए और उनके मध्य आपसी मधुर संबंध स्थापित हो गए। इस प्रकार प्रार्थी एवं आवेदक का उक्त मामला जो कि विगत 10 वर्षो से न्यायालय न्यायालय में लंबित था। इस प्रकार नेशनल लोक अदालत के माध्यम से दोनों पक्षकार लाभान्वित हुए।
राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के कार्यपालक अध्यक्ष न्यायमूर्ति गौतम भादुड़ी द्वारा आयोजित नेशनल लोक अदालत की गठित खण्डपीठों का निरीक्षण किया गया तथा उपस्थित पक्षकारों को अपने मामले आपसी सुलह समझौता से कराने व उसके फायदे के बारे में बताते हुए प्रकरण निराकरण हेतु प्रेरित करते हुए पौधा देकर सम्मानित व प्रोत्सहित किया गया। न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी द्वारा बैंक अधिकारियां, विद्युत मंडल के अधिकारियों, विभिन्न विभागों से आये अधिकारियों से भी लोक अदालत के संबंध में चर्चा की गई और प्रेस कान्फ्रेस लेकर आवश्यक जानकारी दी गई।
न्यायमूर्ति श्री गौतम भादुड़ी ने प्रेस कान्फ्रेंस में बताया कि लोक अदालत के माध्यम से आपसी राजीनामा से समझौता कर प्रकरण निराकृत किया जाता है। इसकी अपील नहीं होती है। लोक अदालत से प्रकरण के निराकरण होने पर दोनों पक्षकार खुश होकर जाते है। लोगों का लोक अदालत के प्रति अच्छी प्रतिक्रिया है। हमारे देश में इतनी ज्यादा जनसंख्या है और इतने मामले हैं। लोक अदालत से लोगों को जल्दी न्याय मिलता है। लोक अदालत से एक रास्ता खुलता है। लोगों ने अपने अहम को हटाकर आपसी समझौता से अपने मामले निपटाये। सालसा की योजनाओं से भी लोगों को जानकारी मिलती है। लोगों को लोक अदालत के माध्यम से मामले निराकृत करने हेतु प्रोत्साहित किया जा रहा है। अधिक से अधिक मामलों को निराकरण करने का प्रयास हो रहा है।
इस अवसर पर जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष विनय कुमार कश्यप राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सदस्य सचिव श्री सिद्धार्थ अग्रवाल, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव एवं अन्य न्यायिक अधिकारी बड़ी संख्या में उपस्थित रहें। नेशनल लोक अदालत के माध्यम से जिला एवं तालुका स्तर पर कुल 7221 प्रकरण निराकृत हुए है जिसमें न्यायालयों में लंबित प्रकरणों में 1641 प्रकरण तथा राजस्व व प्री-लिटिगेशन मामलों में 5580 प्रकरणों में राजीनामा कर उपरांत प्रकरण निपटाए गये एवं कुल 2 करोड़ 63 लाख 94 हजार 310 रूपए की अवार्ड राशि पारित की गई।

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