रायपुर। प्रदेश में 10 अगस्त को राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस मनाया जाएगा। राज्य के सात जिलों दुर्ग, बालोद, बेमेतरा, जांजगीर-चाँपा, सक्ती, मुंगेली और महासमुंद में 10 अगस्त से 17 अगस्त तक फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत सामूहिक दवा सेवन कार्यक्रम (MDA) का आयोजन किया जाएगा। स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग की अपर मुख्य सचिव श्रीमती रेणु जी. पिल्लै ने बुधवार को मंत्रालय में राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक लेकर दोनों अभियानों के संबंध में आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने बैठक में मौजूद स्वास्थ्य विभाग एवं अन्य विभागों के अधिकारियों को दोनों अभियानों में लक्ष्य हासिल करने को कहा।
राज्य स्तरीय संचालन समिति की बैठक में दोनों अभियानों की रूपरेखा और प्रभावी क्रियान्वयन पर चर्चा की गई। बैठक में राष्ट्रीय स्वास्थ्य मिशन के संचालक भोसकर विलास संदिपान, स्वास्थ्य विभाग के उप संचालक डॉ. वी.आर. भगत और डॉ. महेंद्र सिंह सहित स्वास्थ्य विभाग, स्कूल शिक्षा विभाग, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग, महिला एवं बाल विकास विभाग, गैर-सरकारी संगठन (NGO) एविडेंस एक्शन तथा अन्य संस्थाओं के अधिकारी मौजूद थे। राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के दौरान 10 अगस्त को प्रदेश में एक वर्ष से 19 वर्ष तक के सभी बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमि मुक्ति की दवा खिलाई जाएगी। 10 अगस्त को दवा सेवन से छूटे हुए बच्चों व किशोरों को 17 अगस्त को मॉप-अप दिवस पर दवा खिलाई जाएगी। आंगनबाड़ियों, शासकीय विद्यालयों, स्वास्थ्य केन्द्रों, अनुदान प्राप्त निजी स्कूलों और तकनीकी शिक्षा संस्थानों में बच्चों को कृमि की दवा का सेवन कराया जाएगा। एक वर्ष से दो वर्ष के बच्चों को अलबेंडाजॉल की आधी गोली खिलाई जाएगी। दो साल से अधिक उम्र के बच्चों को अलबेंडाजाल के साथ डी.ई.सी. गोली खिलाई जाएगी। बच्चों व किशोरों के अच्छे स्वास्थ्य, बेहतर पोषण, नियमित शिक्षा तक पहुंच और जीवन की गुणवत्ता में बढ़ोतरी के लिए कृमिनाशक दवा देना आवश्यक है। स्वास्थ्य विभाग द्वारा फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत 10 अगस्त से 17 अगस्त तक सात जिलों में 67 लाख से अधिक लोगों को सामूहिक दवा सेवन (MDA) का लक्ष्य रखा गया है। इन जिलों में गर्भवती महिलाओं एवं अति बीमार व्यक्तियों को छोड़कर एक साल से अधिक उम्र के सभी लोगों को दवा का सेवन कराया जाएगा।