नारायणपुर : वन अधिकार पत्र मिलने से जमीन का मालिक बना रामू

Update: 2020-12-27 15:01 GMT

अबुझमाड़ के नाम से प्रसिद्ध नारायणपुर जिला जंहा मुख्यतः अबुझमाड़िया जनजातियों की बाहुल्यता है। यहां के आदिवासी वनों एवं वनों पर आधारित उद्योगों पर आश्रित थे, जो अब राज्य शासन की योजनाओं का लाभ लेकर फसल एवं सब्जी का भी उत्पादन करने लग गए हैं। अब ये निवासी कृषि और वनोपज संग्रहण के माध्यम से आमदनी प्राप्त करने लग गये हैं। मुख्यमंत्री श्री भूपेश बघेल का वन क्षेत्रों में निवास करने वाले लोगों को वनभूमि का अधिकार प्रदान करना सर्वाेच्च प्राथमिकता में है। जिससे वनग्राम के रहवासी लाभान्वित हो रहे है। नारायणपुर जिला मुख्यालय से लगे ग्राम पालकी के श्री रामू कुमेटी अपने काबिज वनभूमि का अधिकार पाकर बहुत खुश है। श्री रामू कुमेटी को 3 एकड़ जमीन का वनाधिकार पत्र प्रदान किया गया है। वनभूमि का मालिकाना हक मिलने के बाद अब उनका जीवन खुशहाल है। रामू ने बताया की अब वह खेत में द्विफसलीय धान की खेती कर रहा है। वहीं सब्जी की फसल लगाकर अतिरिक्त आमदनी भी प्राप्त कर रहा है। वन अधिकार पत्र मिलने से वह निश्चिंत होकर खेती कर रहे हैं। उनके खेत मे नलकूप खनन भी कराया गया है, जिससे उन्हें फसलों की सिंचाई में बहुत सहूलियत होती है। 

श्री रामू ने बताया कि मनरेगा के अंतर्गत उनके खेत में डबरी का निर्माण किया गया है, जिससे फसलों को पानी देने में अब दिक्कत नहीं होती है और फसल का अच्छा उत्पादन भी हो रहा है। सरकार ने हम भूमिहीनों की चिंता करते हुए इस दिशा में प्रयास कर जो लक्ष्य निर्धारित किये थे, वे अब साकार होते दिख रहे हैं। श्री रामू ने बताया कि आवास योजना के तहत उनके परिवार के लिए पक्का मकान बनाया गया है, जिसमें वह अपने परिवार के साथ रहते हैं। वे बताते हैं कि पहले कच्चे मकान में बारिश के मौसम में असुविधा होती थी एवं मरम्मत कार्य में भी बहुत खर्च होता था, अब पक्का आवास होने के कारण बारिश के दौरान ज्यादा मरम्मत करने की आवश्यकता नही पड़ती। 
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