मेरा PG पूरा नहीं हुआ, अब सोचता हूँ कि PG कर लूं लेकिन, दीक्षांत समारोह में बोले सीएम भूपेश
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दुर्ग। हेमचंद यादव विश्वविद्यालय के प्रथम दीक्षांत समारोह के दौरान सोमवार को मुख्यमंत्री भूपेश बघेल गोल्ड मेडलिस्ट विद्यार्थियों के बीच घुल मिल गए। उन्होंने अपने विद्यार्थी जीवन के किस्से शेयर किए। कहाए मेरी पीजी की पढ़ाई पूरी नहीं हो पाई है। दो बार परीक्षा देने नहीं जा सका। लेकिन अब सोच रहा हूं पीजी कंपलीट कर लूं। कर लूंघ् मगर डर इस बात का है कि नंबर कम आए तो लोग क्या बोलेंगे। मुख्यमंत्री यदि परीक्षा देने जाए तो अच्छी बात है, मगर नंबर कम आए तो मुश्किल हो जाएगी। सीएम के इस कथन के बाद बीआईटी दुर्ग के ऑडिटोरियम में तालियों की झड़ी लग गई।
हर कोई सीएम की इस बात पर ठहाके लगाने से खुद को रोक नहीं सका। सीएम ने इस तरह की बातों से विद्यार्थियों के बीच खुद को विद्यार्थी बना लिया। इस कार्यक्रम में सीएम बघेल को डीलिट की मानद उपाधि से नवाजा गया, जिसमें उनकी पत्नी मुक्तेश्वरी बघेल और मेरी दोनों बेटियां भी साथ रहीं। प्रदेश की मशहूर पंडवानी गायिका पद्मश्री ऊषा बारले को भी डीलिट से सम्मानित किया गया। इस दौरान कुलपति ने विवि के पोटिया स्थित भवन के लिए नया ऑडिटोरियम बनाने सीएम से मांग की। सभी मांगों पर सीएम ने सहमति जताई। विवि में प्रसिद्ध साहित्यकार एवं प्राध्यापक स्वर्गीय डॉ नरेंद्रदेव वर्मा शोधपीठ स्थापित करने की घोषणा भी सीएम ने की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि विपक्ष में रहते हुए पढ़ाई की असल कीमत समझ में आई। मैं विधानसभा में मुद्दे उठाने के लिए रात.रातभर जागकर पढ़ता थाए क्योंकि मुद्दों के विषय में जानकारी होना जरूरी है। उस समय नहीं पता था कि रात.रातभर जागकर पढऩे का मुझे यह सिला मिलेगा। पढ़ाई कभी व्यर्थ नहीं जाती है। उसी पढ़ाई की बदौलत मैं यहां पहुंचा, मुख्यमंत्री बना और आपके बीच डीलिट की उपाधि मिली। सीएम ने मंच से बताया कि गोबर से पेंट के बाद अब गोबर से बिजली बनेगी। इस बिजली के लिए 9 रुपए प्रति यूनिट की दर भी तय कर दी है। इसका मतलब यह है कि अब गांव के ग्रामीण भी पॉवर प्लांट चलाएंगे। हेमचंद विवि के प्रथम दीक्षांत समारोह में 126 विद्यार्थियों को गोल्ड मेडल मिलने थे, जिसमें से 107 लड़कियां थीं। सीएम बघेल ने मंच से जहां लड़कियों के लिए खुद तालियां बजाई वहीं मजाकिया लहजे में लडक़ों की चुटकी भी ले ली। सीएम बघेल ने कहा सिर्फ 23 लडक़े...देख लो लडक़ों यह आंकड़ा ठीक नहीं है, लड़कियां चुनौती दे रही हैं। इसके बाद सीएम ने लड़कियों की हौसला अफजाई करते हुए उन्हें भविष्य की शुभकामनाएं दीं।