मुकेश चंद्राकर हत्या, सड़क पर उतर आए आक्रोशित पत्रकार, किया चक्काजाम
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जगदलपुर: 1 जनवरी को बीजापुर जिले के पत्रकार मुकेश चंद्राकर घर से लापता हुए थे। अगले दिन 2 जनवरी को उनके भाई युकेश चंद्राकर ने गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई। 3 जनवरी की शाम मुकेश के रिश्तेदार (भाई) के बैडमिंटन कोर्ट परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक में मुकेश की लाश मिली।
शनिवार को पत्रकारों ने हत्या के विरोध में नेशनल हाईवे-63 पर चक्का जाम कर दिया।
शव देखकर यह अनुमान लगाया जा रहा है कि, हत्यारों ने पहले गला घोंटा, फिर सिर पर सामने, बीच और पीछे गर्दन में कुल्हाड़ी से वार कर दिया। जिससे सिर पर करीब ढाई इंच का गड्ढा हो गया। हत्यारों ने बैडमिंटन कोर्ट परिसर में स्थित सेप्टिक टैंक में शव डालकर उसे छिपा दिया। करीब 4 इंच कंक्रीट का स्लैब डालकर टैंक को पैक कर दिया।
जिससे किसी को भनक न लगे। बदबू बाहर न जा सके। इस मामले में पुलिस ने कुछ लोगों को हिरासत में लिया है। उनके रिश्तेदार सुरेश चंद्राकर भी संदेह के दायरे में हैं। फिलहाल, पुलिस मामले की जांच कर रही है। वहीं, शनिवार को पत्रकारों ने हत्या के विरोध में नेशनल हाईवे-63 पर चक्का जाम कर दिया।
दरअसल, पुलिस लगातार मुकेश के फोन को ट्रैस कर रही थी। फोन बंद होने की वजह से अंतिम लोकेशन घर के आस-पास का ही दिखा रहा था। CCTV फुटेज भी खंगाले गए जिसमें अंतिम बार मुकेश टी-शर्ट और शॉर्ट्स में दिखे। हालांकि, उस समय तक पुलिस को इसके अलावा और कोई क्लू नहीं मिल पाया था।
इधर, पत्रकारों ने भी अलग-अलग जगह पता किया। Gmail लोकेशन के माध्यम से उनका लोकेशन खुद ही ट्रेस कर लिया। जिसमें मुकेश का अंतिम लोकेशन बीजापुर जिला मुख्यालय के चट्टानपारा में होना पाया गया। यहीं पर मुकेश के रिश्तेदार (भाई) और ठेकेदार सुरेश चंद्रकार, रितेश चंद्राकर का बैडमिंटन कोर्ट परिसर है।
जिसके बाद मुकेश के सगे भाई युकेश समेत अन्य पत्रकारों ने इसकी जानकारी बीजापुर जिले के SP जितेंद्र यादव और बस्तर के IG सुंदरराज पी को दी। वहीं, पुलिस की टीम को भी उस इलाके में भेजा गया। कुछ पत्रकारों की नजर सेप्टिक टैंक पर गई। जिसमें टैंक पर कंक्रीट का मोटा स्लैब डाला गया था। लेकिन उसमें एक भी चेंबर नहीं रखा था। अमूमन टैंक की सफाई के लिए एक हिस्से में चैंबर बनाया जाता है।
यहां टैंक पूरी तरह से जब पैक दिखा तो शक हुआ और पुलिस से टैंक फोड़वाने की मांग की गई। हालांकि, टैंक तोड़ने को लेकर पुलिस और पत्रकारों के बीच थोड़ी अनबन भी हुई थी। हालांकि, बाद में टैंक तोड़ा गया। जिसमें अंदर पानी में मुकेश की लाश तैरती मिली। शव को बाहर निकाला गया और पोस्टमॉर्टम के लिए शव को अस्पताल भिजवाया गया।
इस हत्याकांड में पुलिस के संदेह के दायरे में ठेकेदार सुरेश चंद्राकर और सुरेश के भाई रितेश चंद्राकर हैं। कुछ दिन पहले मुकेश ने करीब 120 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाली सड़क की खस्ता हाल की खबर बनाई थी।
बताया जा रहा है कि, यह काम सुरेश चंद्राकर का ही था। जिसके बाद से इनके बीच कुछ विवाद भी हुआ था। फिलहाल, पुलिस इस पूरे मामले की जांच कर रही है। जांच के बाद ही हत्यारे और हत्या की वजह स्पष्ट हो पाएगी।