बिलासपुर। इंसानों के इलाज के लिए की गई व्यवस्था की तरह पशुओं के इलाज के लिए भी मोबाइल वेटनरी यूनिट चलाया जाएगा। प्रत्येक जिले की प्रमुख 5 गोठानों को केंद्रित रखते हुए इसकी शुरूआत की जाएगी। कृषि उत्पादन आयुक्त डॉ. कमलप्रीत सिंह ने आज यहां जिला कार्यालय के सभाकक्ष में आयोजित बिलासपुर व सरगुजा संभाग के पशुपालन व मत्स्य पालन विभाग के अधिकारियों को संबोधित करते हुए इस आशय की जानकारी दी। बैठक में संभागायुक्त डॉ. संजय अलंग, पशुधन विकास विभाग की संचालक चंदन त्रिपाठी, मछली पालन विभाग के संचालक सहित संभाग के सभी जिला कलेक्टर, जिला पंचायत सीईओस और पशुपालन व मछली पालन विभाग के अधिकारी उपस्थित थे।
एपीसी डॉ. कमलप्रीत ने कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में पशुपालन व मछली पालन किसानों की अतिरिक्त आमदनी का बढिय़ा साधन है। राज्य सरकार विभिन्न योजनाओं के तहत आकर्षक अनुदान भी मुहैया कराती है। सभी योजनाओं को पात्र हितग्राहियों तक पहुंचाकर उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए अधिकारी लगन लगाकर काम करें। उन्होंने पशुओं की लम्पी वायरस बीमारी के प्रति भी सजग रहने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि एहतियातन अभियान चलाकर सभी पशुओं को लम्पी वायरस विरोधी टीका लगाना सुनिश्चित करें। डॉ. सिंह ने कहा कि मछली पालन को भी कृषि का दर्जा दिए जाने के कारण उन्हें भी सहकारी बैंक से शून्य प्रतिशत ब्याज पर ऋण दिया जाएगा। राज्य सरकार की योजना का अधिकाधिक लाभ उठाने के लिए मछुवारों को प्रेरित करें।