मनरेगा योजना बनी व्यवसाय का आधार, मछली पालन से नारद का परिवार खुशहाली की राह पर

Update: 2021-07-18 11:57 GMT

बीजापुर। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजनान्तर्गत ग्रामीण क्षेत्रों में निर्धन एवं कमजोर वर्गों के लिए विभिन्न हितग्राहीमूलक कार्य जैसे डबरी, कुआँ, मुर्गीपालन शेड, बकरी पालन शेड, मत्स्यपालन तालाब निर्माण स्वीकृत किये जाते हैं। बीजापुर जिले में भी इस महत्वाकांक्षी योजनान्तर्गत बहुत से हितग्राहीमूलक कार्य किये गए हैं, जिनके माध्यम से निर्धन परिवारों की आजीविका संवर्धन हो। इसके सुखद परिणाम अब परिलक्षित हो रहे हैं। हम बात कर रहे हैं विकासखंड बीजापुर अंतर्गत ग्राम पंचायत एरमनार के निवासी नारद मंडावी की। जिन्होंने महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना से वित्तीय वर्ष 2019-20 में राशि 2 लाख 99 हजार रुपये की लागत से अपनी भूमि पर मत्स्यपालन तालाब का निर्माण किया है।तालाब निर्माण के बाद नारद ने अपने निजी तालाब में 10 हज़ार रुपये की लागत से मछली बीज डाला । मछली पालन से नारद को वर्ष 2020-21 में 90 हज़ार रुपये की आमदनी हुई। वहीं तालाब के आस पास खाली पड़ी जमीन पर नकदी फसल के रूप में साग-सब्जी उत्पादन कर नारद ने इसी वर्ष 50 हज़ार रुपये की अतिरिक्त आमदनी कमाई। सब्जी के रूप में नारद ने भिंडी, करेला, लौकी, टमाटर,बैंगन इत्यादि लगाया था।

एक तालाब निर्माण से शुरू हुआ आजीविका का यह सफर इस वर्ष भी निरन्तर जारी है, नारद ने वर्तमान में 10 हज़ार रुपये का मछली बीज अपने निजी तालाब में डाल रखा है। नारद बताते हैं कि उन्हें इस वर्ष भी मछलीपालन से अच्छी आमदनी होने की आस है। साथ ही तालाब की मेड़ों में अरहर की फसल व साग-सब्जी भी लगा रखा है। जिससे अतिरिक्त आय अर्जित होने की उम्मीद है। नारद को अपने इस कार्य के लिए परिवार के सभी लोग मदद कर रहे हैं और अब नारद का परिवार खुशहाली की ओर अग्रसर हो चुका है।

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