कोरबा। असामान्य कारण से हुई मौत को लेकर शव का परीक्षण किए जाने का नियम बनाया गया है, और इसे हर हाल में पूरा करना होता है। कुछ मामलों में पोस्टमार्टम को लेकर वाद-विवाद की स्थिति निर्मित हो जाती हैं। ऐसा ही एक मामला जिले के ग्रामीण क्षेत्र का है, जहां एक किशोर की मौत को लेकर भी ऐसा ही हुआ। बाद में पुलिस ने हस्तक्षेप किया और परिजनों को पोस्टमार्टम कराने के लिए सहमत कर लिया।
दरअसल, संदिग्ध रूप से होने वाली मौतों के मामले में आखिर सच्चाई क्या है यह जानने के लिए पुलिस शव परीक्षण करवाना जरूरी समझती है। कुछ मामले ऐसे होते हैं जिनमें डॉक्टरों के पैनल के द्वारा शव परीक्षण संपन्न किया जाता है और रिपोर्ट दी जाती है। इस आधार पर सुनिश्चित राय निर्धारित होती है की मौत की वजह क्या थी।
नाबालिग ने क्यों लगाई फांसी
कोरबा जिले के ग्रामीण क्षेत्र में एक किशोर ने फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली। इस मामले में पुलिस को भी शव का पोस्टमार्टम करवाना जरूरी था। लेकिन मृतक के परिजन शव का पोस्टमार्टम करवाने के लिए बिल्कुल तैयार नहीं थे। जिसको लेकर पुलिस और पिरजनों में बहस-बाजी हो गई। इसके बाद पुलिस ने सभी पीएम के सभी पहलुओं के बारे में परिजनों को समझाइश दी फिर परिजन तैयार हुए। अब आत्महत्या के कारणों का पता चल सकेंगा कि आखिर नाबालिग ने फांसी क्यों लगाई।