सुकमा। जिले में पहली बार बस्तर विकास प्राधिकरण की बैठक हुई। इस बैठक में मौजूद नेताओं ने डिमरापाल में सुपर स्पेशलिस्ट अस्पताल निर्माण की धीमी गति पर NMDC के अफसरों को जमकर फटकार लगाई। काम में रफ्तार लाने के लिए कहा गया। साथ ही आदिवासी संग्रहालय बनाने पर भी जोर दिया गया। दंतेवाड़ा में दंतेश्वरी मंदिर कॉरिडोर और वॉटर रिवर फ्रंट के लिए काम करने अफसरों से कहा गया। वहीं इस बैठक में पेसा कानून पर भी चर्चा हुई।
सुकमा में आयोजित इस बैठक में बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल, आबकारी मंत्री कवासी लखमा, बीजापुर विधायक विक्रम मंडावी समेत बस्तर के सभी MLA और सातों जिले के कलेक्टर मौजूद थे। बैठक में बस्तर के सभी जिलों में चल रहे विकास कार्यों की चर्चा की गई। बस्तर संभाग अंतर्गत व्यावसायिक परीक्षा में सफल आर्थिक रूप से कमजोर एवं निर्धन छात्र-छात्राओं के लिए DMF और CSR मद में प्रति जिला दो करोड़ का प्रावधान करने की बात कही गई। जिसमें सभी सदस्यों ने सहमति दी.
आबकारी मंत्री कवासी लखमा ने बस्तर संभाग के सारे जिलों के कलेक्टर्स की पीठ थपथपाई। उन्होंने कहा कि सभी जिलों में बेहतर काम हो रहा है सरकार की योजनाएं धरातल पर पहुंच रही है। इसके लिए सारे कलेक्टर पूरी मेहनत से काम कर रहे हैं। इस साल सुकमा जिला प्रशासन ने मेहनत की जिसके कारण 10वीं की परीक्षा में पहला, 12 वीं की परीक्षा में दूसरा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में जिला अस्पताल को राष्ट्रीय पुरस्कार मिला।