जशपुर। जशपुर बस स्टैंड में चीनी मांझा में फंसकर प्रवासी पक्षी ब्लैक हेडेड आइबिस बुरी तरह घायल हो गया। पर्यावरण के लिए काम काम करने वाले रामप्रकाश पांडेय की सूचना पर जशपुर डीएफओ जितेंद्र उपाध्याय ने रेस्क्यू टीम भेजकर पक्षी का उपचार कराया। पिछले एक दशक से दक्षिण भारतीय और श्रीलंका में पाए जाने वाला यह पक्षी करीब एक हजार से अधिक संख्या में जिला मुख्यालय जशपुर, बगीचा, सन्ना, मनोरा में दिसंबर से मार्च के बीच आते हैं।
इस पक्षी की प्रजाति विलुप्त हाेने की कगार पर है। अवैध शिकार और कीटनाशकों से उन्हें बेहद नुकसान हो रहा है। कुछ इसी तरह पतंग के धागों और मांझे में फंसकर अपनी जान गवां रहे हैं। ब्लैक हेडेड आइबिस पक्षी के साथ यूरोप और साइबेरिया के प्रवासी पक्षी पिछले कुछ साल से नीमगांव जलाशय में रह रहे हैं। बीते सालाें की तुलना में इस बार इनकी संख्या कम घटी है।