बेरहम अफसर, गंभीर बीमारी से जूझ रही महिला सुपरवाइजर का मेडिकल सर्टिफिकेट किया अमान्य

छग न्यूज़

Update: 2021-12-11 07:04 GMT

गरियाबंद। 3 वर्षों से कैंसर बीमारी से जूझ रही महिला सुपरवाइजर का मेडिकल सर्टिफिकेट पहले परियोजना अधिकारी ने अमान्य कर दिया. जिला अफसर के निर्देश के बाद स्वीकार करने के बाद 10 दिन का वेतन काट दिया. अधिकारी की मनमानी पर अब पीड़िता का कहना है कि दवा खरीदने के लाले पड़ रहे, अब तो देह त्याग की अनुमति मांगूंगी. देवभोग के महिला बाल विकास विभाग कार्यालय में सुपरवाइजर के पद पर पदस्थ बिंदु कुटारे 2019 से कैंसर से पीड़ित हैं. कुटारे ने बताया कि रुटीन इलाज के लिए सितम्बर से छुट्टी में जाना पड़ा. विधिवत आवेदन व सभी मेडिकल सर्टिफिकेट की सत्यापित कॉपी लगाकर छुट्टी का आवेदन परियोजना अधिकारी वर्षा रानी नाग के पास दिया गया. चूंकि उपचार जरूरी था, मुझे लगा कि पर्याप्त कारणों के दस्तावेज लगाने के बाद मेरे अधिकारी छुट्टी सेंक्शन कर देंगे.

उन्होंने बताया कि 1 सितम्बर से 9 नवम्बर तक उपचार के लिए यह सोच कर चली गई कि ऐसे हालातों में छुट्टी स्वीकृत तो हो ही जाएगा. लेकिन लौटने के बाद 10 नवम्बर को जॉइन किया तो पता चला कि परियोजना अधिकारी ने मेडिकल दस्तावेज को ही अमान्य कर दिए. छुट्टी स्वीकृत नहीं करने के कारण वेतन भी रुक गया. रोते हुए कुटारे बताया कि पैसे के बिना बीमार हालात में दवा व घर चलाने का बोझ से मानसिक रूप से परेशान थी. 30 नवम्बर को जब लिखित में जिला परियोजना अधिकारी जगरानी एक्का को अवगत कराया.

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