- छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की दो सीटें मिलना तय है
- आगामी लोस चुनाव 2024 को देखते हुए पार्टी किसी बड़े जातिगत समीकरण के हिसाब से उप्र के बाह्मण नेता प्रमोद तिवारी को अवसर दे सकती है
- प्रियंका गांधी के राजनीतिक सचिव संदीप सिंह भी मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के माध्यम से रास में जाने का प्रयास कर सकते हैं
- कपिल सिब्बल, पी. चिदंबरम, तारिक अनवर, उदित राज, कमलकिशोर कमांडो और इमरान प्रतापगढ़ी की भी लॉटरी लग सकती है
राजनीतिक संवाददाता
रायपुर। छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने पिछले दिनों एक बयान दिया था कि वे अब राज्यसभा में जाना चाहते हैं। उनका यह बयान छत्तीसगढ़ की राजनीतिक गलियारे में यह काफी चर्चा का विषय बना हुआ है। हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि वे ग्यारह बार चुनाव लड़ चुके हैं। विधायक और लोकसभा सांसद के रूप में जनता की सेवा कर चुका हूं अब राज्यसभा में जाकर जनता की सेवा करना चाहता हूं। बहरहाल अभी फि़लहाल डा महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा के अध्यक्ष के रूप में वे पक्ष और विपक्ष दोनों को साथ लेकर चल रहे हैं और दोनों पक्षों से उनका सम्बन्ध मधुर है। उन्होंने यह भी कहा कि यह मेरी इच्छा है बाकी मुख्यमंत्री और हाईकमान को निर्णय लेना है। उनका कहना है कि मैं अपनी बात बता चुका हूं अब फैसला हाईकमान और सीएम बघेल को फैसला करना है। छत्तीसगढ़ से राज्यसभा की सीट इसलिए और अधिक मत्वपूर्ण हो गई है कि दोनों सीट कांग्रेस को ही मिलना तय है। फि़लहाल कांग्रेस से डा महंत ने तो अपनी इच्छा जाहिर कर ही दी है लेकिन कुछ और नाम भी छत्तीसगढ़ से आ रहे हैं उनमें सतनामी समाज के जगतगुरु विजय गुरु और मोहम्मद अकबर का भी नाम प्रमुखता से लिया जा रहा है। इसके अलावा कुछ और भी नेता हैं जो हाईकमान तक लाबिंग करने में अभी से जुट गए हैं। संभावना यह भी जताई जा रही है कि 2024 के लोकसभा चुनाव को देखते हुए उत्तरप्रदेश के ब्राम्हण नेता प्रमोद तिवारी का भी नाम हो घोषित हो जाये तो अतिश्योक्ति नहीं होगी। यह किसी ब्राम्हण नेता को छत्तीसगढ़ से राज्यसभा में भेजकर आगामी लोकसभा चुनाव में ब्राम्हण समाज को अपने पाले में करने की रणनीति भी हो सकती है। वही जी 23 के नेता कपिल सिब्बल और पी चिदम्बरम के नामों पर भी चर्चा की जा सकती है ऐसा हाईकमान के एक नजदीकी नेता का मानना है। छत्तीसगढ़ में राज्यसभा को लेकर पिछले कुछ दिनों से बीजेपी और कांग्रेस के नेता आमने-सामने हैं. ऐसा इसलिए क्योंकि प्रदेश में राज्यसभा की दो सीटें खाली हो रही हैं. राज्यसभा सांसद छाया वर्मा और रामविचार नेताम का कार्यकाल खत्म हो रहा है। विधानसभा में विधायकों की संख्या के हिसाब से दोनों सीटें कांग्रेस को मिलती नजर आ रही है। ऐसे में कई नेता राज्यसभा जाने की दावेदारी कर रहे हैं। इस बीच छत्तीसगढ़ विधानसभा अध्यक्ष डा चरणदास महंत ने भी राजयसभा में जाने की इच्छा जता कर राजनीतिक गलियारे में हलचल मचा दी है हालांकि उन्होंने इस बयान को लेकर यह भी कहा कि वे राजयसभा में जाने का दावा नहीं कर रहे हैं बल्कि उनकी ऐसी इच्छा है। जब डा चरणदास महंत से राज्यसभा चुनाव को लेकर पूछा गया तो उन्होंने कहा कि यह सीएम और हाईकमान के ऊपर निर्भर है कि किसे राजयसभा में भेजा जायेगा। अगर उनका निर्देश होगा तो राज्यसभा में चयन होगा। लेकिन मैं अपनी इच्छा जताया हूं और जताता रहूंगा। महंत ने कहा कि मैं विधानसभा और लोकसभा जा चुका हूं। 11 बार चुनाव लड़ चुका हूं। ऐसे मैं राज्यसभा में एक बार सेवा करना चाहता हूं। यह मैं आज करूं या 5 साल बाद करूं यह अलग बात है। फिलहाल चरणदास महंत छत्तीसगढ़ विधानसभा में अध्यक्ष की जिम्मेदारी निभा रहे हैं और दीर्घकालीन संसदीय अनुभव के सहारे वे पक्ष और विपक्ष के बीच बेहतर सामंजस्य भी बिठाये हुए हैं। एक समय में डा महंत मुख्यमंत्री के भी दावेदारों में से एक थे। आने वाले कुछ महीनों में छत्तीसगढ़ से दो राज्यसभा सदस्य नए चुने जायेंगे इस बीच डा महंत एक राजयसभा में जाने की इच्छा जताना काफी महत्वपूर्ण माना जा रहा है। छत्तीसगढ़ से खाली हो रही दोनों राज्यसभा सीटें विधायकों की संख्या के हिसाब से कांग्रेस को मिलने वाली हैं, ऐसे में कांग्रेस के नेताओं ने अपनी दावेदारी शुरू कर दी। वहीं छत्तीसगढ़ में स्थानीय उम्मीदवार को लेकर भी घमासान मचा हुआ है। महत्वपूर्ण बात ये है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 में यदि कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहा तो केंद्रीय मंत्री के रूप में देश की सेवा करने का मौका मिल सकता है जिस हिसाब से राहुल गांधी और सोनिया गांधी के साथ प्रियंका गांधी वाड्रा चुनाव में मेहनत कर रहे है उससे ऐसा लगने लगा है कि 2024 के लोकसभा चुनाव में कांग्रेस का प्रदर्शन अच्छा रहेगा, जिससे देश में नई सरकार बनाने में कांग्रेस की महत्वपूर्ण होगी। चरणदास महंत पूर्र्व में केंद्रीय मंत्री भी रह चुके है और कांग्रेस आलाकमान से डा महंत के रिश्ते भी अच्छे हैं। इस लिहाज से अगर महंत राज्य सभा में जाते है तो उन्हें महत्वपूर्ण जिम्मेदारी भी मिल सकती है, जो संगठन भी हो सकता है और सत्ता भी? वैसे भी कोरबा से उनकी धर्मपत्नी अभी सांसद हैं और डा महंत सक्ती से विधायक हैं। अब महत्वपूर्ण बात ये है कि कहीं वे राज्यसभा में जाकर सक्ती से अपने सुपुत्र सूरज महंत के लिए मजबूत जमीन के तलाश कर विधायक तो नहीं बनाना चाह रहे है? सूरज महंत उच्च शिक्षित हैं और उनका सक्ति विधानसभा के लोगों से जीवंत संपर्क भी बना हुआ है। इस बात की पुष्टि डाक्टर महंत के एक कट्टर समर्थक ने भी की है। राजनीति में कुछ भी संभव है।
मुख्यमंत्री भूपेश बघेल से डा महंत के संबंध भी अच्छे हैं। पिछले कई महीनों से मंत्रिमंडल में विस्तार की बात भी चल रही है अगर डा महंत राजयसभा के लिए फाइनल हो जाते हैं तो किसी वरिष्ठ विधायक जैसे सत्यनारायण शर्मा, धनेंद्र साहू, देवती कर्मा और अमितेष शुक्ला जैसे वरिष्ठ विधायकों को मौका मिल सकता है। इस प्रकार आपसी तल्खियां कुछ तो दूर होगी, लेकिन सभी को एडजेस्ट करना भी नामुमकिन है क्योंकि मंत्रियों की संख्या भी ज्यादा बढ़ा नहीं सकते। बहरहाल देखना है आगे क्या होता है। वैसे भी बीजेपी ने पिछले दिनों कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा था कि कांग्रेस हाईकमान के पसंद नापसंद पर राज्यसभा में सदस्य बनाये जाते है जिसमें लोकल नेताओं को तरजीह न देकर बाहरी नेताओं को तरजीह दिया जाता है। हालांकि ऐसा नहीं है कि छाया वर्मा और फुलोदेवी नेताम छत्तीसगढ़ से ही हंै, केवल केटी तुलसी दिल्ली से हैं। लेकिन अभी स्थिति ऐसी नहीं है भूपेश बघेल को फ्री हैंड मिला हुआ है। ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस से इस बार किसे राज्यसभा में जाने का मौका मिलता है। इस बीच स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंहदेव प्रेस से बात करते हुए राज्यसभा जाने के विकल्प से इनकार कर दिया। उन्होंने कहा जब तक हाथ-पांव में ताकत है छत्तीसगढ़ की ही सेवा करते रहेंगे। राज्यसभा जाने के विकल्प पर सिंहदेव ने कहा, मैं तो छत्तीसगढ़ में ही काम करुंगा।