“मातृ देवो भव “अर्थ है माता भगवान के समान है

Update: 2024-05-11 14:46 GMT
रायपुर। ये सूत्र वाक्य भारतीय संस्कृति में माता- की महिमा को प्रकट करते हैं। भारतीय संस्कृति में माता से बढ़कर संसार में कोई नहीं होता। माता साक्षात भगवान के समान है, क्योंकि वह हमें जन्म देती है और पहले गुरु है। इस लिये मातृ सम्मान के लिए सुधा सोसाइटी फाउंडेशन ने “मदर्स डे “की पूर्व संध्या पर 11/05/24 को सुधा ओपन स्कूल ,आमासिवनी रायपुर में “मदर्स डे “का आयोजन किया और ओपन स्कूल के 11 छात्रों की माताओं को सम्मानित किया जो ओपन स्कूल आमासिवनी में पढ़ रहे हैं। ये सब मातायें कामवाली बाई घर घर जा कर काम करने वाली निर्धन परिवार की बहने है। जो अपने बच्चों को स्कूल भेजती है और उनके बच्चे और पढ़ाई और अन्य गतिविधियों में अच्छा प्रदर्शन कर रहे हैं।

इस अवसर पर तुलिका पांडे उद्यमी और सफायर ग्रीन ,रायपुर छत्तीसगढ़ की निवासी कार्यक्रम की मुख्य अतिथि थीं। कार्यक्रम में निम्नलिखित सम्मानित महिला अतिथि शामिल हुए। संगीता डिंगाना, मिस लधानी, सुनीता चौधरी, रेनू गुप्ता, विजेयता अग्रवाल नूतन उपाध्याय लता शर्मा, गोपाल कृष्ण भटनागर सुधा के चेयरमैन ने कार्यक्रम का संचालन करते हुयव बताया कि आज का दिन दुनिया की हर एक मां को समर्पित है मातृ दिवस. माँ शब्द जितना छोटा है, उसका महत्व उतना ही ज्यादा है. किसी ने हमसे पूछा स्वर्ग कहां है, हमने मुस्कुराते हुए कहा, जिसके घर में मां है वो जगह स्वर्ग है. मां की दुआएं मेरी मुसीबतों से इस कदर टकराती हैं, जमाने की हर बलाए उनके काले टीके से घबराती हैं. सुधा के कार्यकर्ता रीमा आचार्य, भारती गंगाराम, ख़ुशी यादव, डॉ  प्राची उपाधय, डॉ. जे.के तिवारी ने पूरा सहयोग दिया।
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