रेमडेसिविर की कालाबाजारी के पीछे कई बड़े चेहरे!

Update: 2021-04-27 07:20 GMT

महामारी को अवसर बनाकर प्यादों के जरिए लोगों को लूट रहे मौत के सौदागर


असली-नकली में फर्क : दिल्ली पुलिस क्राइम ब्रांच की डीसीपी, आईपीएस अफसर मोनिका भारद्वाज ने जागरूकता के लिए लोगों को इंजेक्शन के असली-नकली के अंतर को बताते हुए ट्विटर हैंडल पर एक तस्वीर शेयर की है। मोनिका भारद्वाज ने ट्विटर पर तस्वीर शेयर करते हुए असली और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन के बीच सही इंजेक्शन की पहचान कैसे की जाए यह बताया है। उन्होंने नकली इंजेक्शन के पैकेट पर लिखी कुछ गलतियों की तरफ इशारा करते हुए सही इंजेक्शन की पहचान करने के लिए नौ पॉइंट्स बताए हैं।

रायपुर (जसेरि)। रेमडेसिविर इंजेक्शन को लेकर राजधानी रायपुर में मारामारी की स्थिति है। ऐसे में कोरोना के बिगड़ रहे हालात के बीच कालाबाजारियों ने भी आपदा को अवसर बना लिया है। एक तरफ डॉक्टर कहते हैं कि रेमडेसिविर रामबाण औषधि नहीं है। डॉक्टर जरूरत वाले मरीजों को ही यह इंजेक्शन लगाते हैं, लेकिन लोगों में भ्रम फैल गया है कि इस इंजेक्शन से जान बच सकती है। हालात यह है कि एक रेमडेसिविर इंजेक्शन ब्लैक मार्केट में 30 हजार रुपये में बेचा जा रहा है। जानकारी के अनुसार राज्य में एक बड़े व्यापारी नेता के रिश्तेदार जो एक फार्मा कंपनी का डिस्ट्रीव्यूटर्स है के द्वारा बड़े पैमाने पर रेमडेसिविर की सप्लाई की जा रही है। नामचीन hetero कंपनी का छत्तीसगढ़ का c&f एजेंट है और इसी ब्रांड के नाम से रेमडेसिविर की ब्लैक मार्केटिंग हो रही थी। कंपनी से पिछले दो महीने में हजारों की संख्या में इंजेक्शन इस डिस्ट्रीब्यूटर ने उठाए हैं। जिसके वितरण के बारे में प्रशासन को जानकारी लेनी चाहिए। मामूली लागत का इंजेक्शन 30000 रुपए तक के मूल्य पर बाजार में बेचा जा रहा है। इसके अलावा Svs Pharma के नाम से एक संस्था भी बड़े मेडिकल कारोबारों की सूची में शामिल है। सूत्रों ने बताया कि उक्त संस्था व्यापारी नेता के रिश्तेदार और पार्टनर के रूप में चलाई जा रही है। राजेश फार्मा नाम की एक एजेंसी भी रेमडेसिविर का राज्य में वितरण कर रही है। इसके अतिरिक्त विदेशी एक कंपनी भी रेमडेसिविर सप्लाई करने वाली संस्था जिसका कोलकाता बेस है माइलन की हजारों तादात में इंजेक्शन रायपुर स्थित अपने डिलीवरी हो चुकी है रेमेडिसिवर इजेंक्शन जिसकी पूरे भारत में खुलकर ब्लैक मार्केटिंग की जा रही है। पुलिस कालाबाजारी के मामलों में मामूली धारा 151 तहत कार्रवाई कर ऐसे मौत के सौदागरों को लोगों के जीवन से खिलवाड़ का अवसर दे रही है इसके अतिरिक्त किसी भी धारा के लिए पुसिस के पास अधिकार भी नहीं है। पुलिस और ड्रग कंट्रोल विभाग को छोटे-छोटे प्यादों की गिरफ्तारी के साथ परदे के पीछे सक्रिय बड़े चेहरों को गिरफ्तार कर कड़ी कार्रवाई करनी चाहिए।

मौत के असली सौदागरों को पकड़े पुलिस : रेमडेसिविर के कालाबाजारी के मामले में पुलिस के हाथ अभी तक छोटे प्यादे ही हाथ लगे हैं। पुलिस को इन पर सख्ती कर अपने पावर का इस्तेमाल कर परदे के पीछे रहकर आपदा में लाभ कमाने वाले मौत के सौदागरों का पता लगाना चाहिए ताकि लोगों को तकलीफ के अवसर में लुटने से बचाया सके।

मनमाना मंगा रहे हैं इंजेक्शन : रेमडेसिविर इंजेक्शन का उपयोग डे केयर और ओपीडी के मरीजों को नहीं करना है। लेकिन बावजूद इसके कई डाक्टर इसका प्रिसक्रिप्शन लिख रहे हैं। वहीं मेडिकल कालेज रायपुर में इस संबंध में अच्छी व्यवस्था की गई है। सीनियर डाक्टर द्वारा मरीज के कंडीशन के अनुसार रेमडेसिविर इंजेक्शन की मांग का आकलन किया जाता है। इसके बाद ही यह दवाई दी जाती है। ऐसी ही व्यवस्थाएं हर चिकित्सालय में की जानी चाहिए और इसके लिए नोडल पर्सन नियुक्त करना चाहिए।

नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने थोक विक्रेताओं को चेतावनी : नियंत्रक खाद्य एवं औषधि प्रशासन ने प्रदेश के सभी अनुज्ञप्तिधारी थोक औषधि विक्रेता को निर्देशित किया है कि औषधि रेमडेसिविर इंजेक्शन का वितरण औषधि प्रशासन के जानकारी में लाए बिना न करें। निर्देश का पालन नहीं होने की स्थिति में औषधि एवं प्रशासन सामग्री अधिनियम 1940 की धारा 18(बी), 66(1) के तहत अनुज्ञप्ति निरस्तीकरण की कार्रवाई की जाएगी। समस्त थोक औषधि विक्रेताओं को जारी निर्देश में कहा गया है कि औषधि रेमडेसिविर इंजेक्शन की बढ़ती मांग के कारण इस औषधि की जमाखोरी एवं कालाबाजारी की भी लगातार शिकायते प्राप्त हो रही हैं। अत: वर्तमान परिस्थिति में प्रदेश में औषधि रेमडेसिविर इंजेक्शन का युक्तिसंगत वितरण अतिआवश्यक हो गया है।

पुलिस ने एक एमआर को पकड़ा

रविवार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी करते पकड़े गए छह युवकों ने पूछताछ में स्वीकार किया कि अधिक पैसा कमाने के चक्कर में वे 15 से 30 हजार रुपये तक इंजेक्शन बेचते थे। यह इंजेक्शन वे शहर के निजी अस्पतालों में कार्यरत स्वाथ्य कर्मियों से पांच से दस हजार में खरीदते थे। पुलिस को कुछ अस्पताल के कर्मियों की तलाश है। वहीं कालाबाजारियों को इंजेक्शन उपलब्ध कराने वाले एक एमआर को पुलिस ने सोमवार को गिरफ्तार किया है। गिरफ्तार एमआर ओंकार भोसले दीक्षानगर गोगांव गुढिय़ारी का रहने वाला है, वह सुमित्रा बायोटेक कंपनी का रेमडेसिविर अपने संपर्क से हासिल कर उसे महंगे दाम पर लोगों को बेचता था। पुलिस अफसरों का कहना है कि रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी को देखते हुए सरकार को इसे आवश्यक वस्तु अधिनियम के दायरे में लाना चाहिए। मौत के सौदागरों से सावधान! नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन से किसी को नहीं छोड़ा, भूपेश सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं?

रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूत जैसे-जैसे बढ़ती गई मौत के सौदागरों ने इंजेक्शन को भारी भरकम दामों में बेचा और मौत के सौदागरों का इसे भी पेट नहीं भरा तो नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन को बाजार में उतारा और पुरे छत्तीसगढ़ में फैलाया। पुलिस को पकड़े गए गुर्गे के पीछे कौन व्यापारी नेता का सरंक्षण प्राप्त है और कौन से व्यापारी नेता के रिश्तेदार इस कंपनी के छत्तीसगढ़ के स्टॉकिस्ट है और छत्तीसगढ़ ष्&द्घ एजेंट इस कारोबार में शामिल है उनके द्दह्यह्ल बिल, ट्रांसपोर्ट का बिल, बैंक अकाउंट, कंपनी को भेजा गया बैंक का ट्रांसफर फंड और आए हुए रेमडेसिविर इंजेक्शन किस-किस को और कौन से हॉस्पिटल या कौन से मरीज को दिया गया सुगमता से जांच करना चाहिए। चूंकि व्यापारी नेता किसी एक बड़े राजनीतिक दल से जुड़ा है तथा अभी-अभी उसका नाम व्यापारी नेताओ की गिनती में आना शुरू हुआ है कही ऐसा तो नहीं अति उत्साह में और ज्यादा पैसे कमाने की चाहत और लालच में आने के कारण अपने पार्टी के निर्देशों का पालन करते हुए सत्ता धारी कांग्रेस सरकार को रेमडेसिविर इंजेक्शन की कालाबाजारी अभाव और नकली बेचकर भूपेश सरकार को बदनाम करने की साजिश तो नहीं गृह विभाग तथा स्वास्थ्य विभाग और पुलिस के आला अधिकारियों को गहन जांच कर नए नए छुटभैये व्यापारी नेता को जेल की सलाखों के पीछे डालना चाहिए। अगर उक्त व्यापारी नेता मौत के सौदागरों के साथ नहीं है तो दिन रात लीपापोती में क्यों लगा हुआ है और स्टाकिस्ट के साथ रिश्तेदारी क्यों छिपा रहा है। थाने तक एप्रोच क्यों लगाया। सूत्रों से जानकारी आई है स्टाकिस्ट गण ने पुरे देश में असली और नकली रेमडेसिविर इंजेक्शन 20 से 30 लाख की संख्या में विभिन शहरों में बेचा है जहां अब अब पुलिस को इस मामले की गहराई और गंभीरता से मामले का खुलासा करना चाहिए और जहां भी रेमडेसिविर इंजेक्शन का नकली माल वहां रायपुर का ही नाम क्यों आता है जबकि यहां औषधि निर्माण की कोई फैक्ट्री नहीं है।

ऑक्सीजन व रेमडेसिविर की किल्लत, महामारी से निपटने में राज्य सरकार असफल: बृजमोहन


भाजपा विधायक एवं पूर्व मंत्री बृजमोहन अग्रवाल ने कहा कि अभी कोरोना संक्रमित मरीजों को सबसे ज्यादा आवश्यकता ऑक्सीजन, ऑक्सीजन बेड एवं रेमडेसिविर इंजेक्शन की है। छत्तीसगढ़ में ऑक्सीजन की कमी नहीं है परंतु भारी तादात में ऑक्सीजन सिलेंडर की कमी है। वर्तमान में अब ग्रमाीण क्षेत्रों में कारोना का संक्रमण तेजी से पैर पसार रहा है। गांव-गांव से भारी तादात में संक्रमित मरीज निकल रहे है, परंतु कस्बो व शहरों के हॉस्पिटल, बेड व आसपास में जगह न मिलने व ऑक्सीजन बेड उपलब्ध नहीं होने के कारण ग्रामीण क्षेत्रों में डर, भय एवं घबराहट का वातावरण बन रहा है। अस्पतालों में व आइसोलेशन सेंटरो में जगह न मिलने से मरीज, गांव में ही कोविड से लड़ रहे है और लगातार कोविड के मरीज बढ़ रहे है। अग्रवाल ने कहा कि छत्तीसगढ़ में भारी तादात में औद्योगिक ऑक्सीजन सिलेंडर उपलब्ध हुए है, परंतु उनके लिए फ्लोमीटर नहीं होने के कारण बहुत से स्थानों पर इन सिलेण्डरों का उपयोग ही नहीं हो पा रहा है। सरकार ऑक्सीजन सिलेंडर प्राप्त करने हेतु कोई सुनिश्चित व्यवस्था अभी तक नहीं बन पाई है। ब्लॉक एवं जिला स्तर पर निजी अस्पतालों को ऑक्सीजन कहां से उपलब्ध होगा, होम आइसोलेशन मरीज को कहां से उपलब्ध होगा इस संबंध में भी अभी तक कोई जानकारी सार्वजनिक नहीं है न ही कोई अधिकारी व टेलीफोन नंबर शासन ने उपलब्ध कराए गए है।

कालाबाजारी को लेकर किसने क्या कहा...

तथाकथित संस्थाओं पर हो कानूनी कार्रवाई


दवा व्यवसायी भगवाना रेलवानी ने कहा कि कोरोना आपदा काल में जीवन रक्षक रेमडेसिविर की कालाबाजारी बहुत ही दुखद और निदंनीय है। दवा समाज पूरी ईमानदारी के साथ काम कर रहा है। यह आपदाकाल में कई ऐसे अवांछित संस्था है जो समाज सेवा के नाम पर लोगों की मदद करने के बजाय रेमडेसिविर की कालाबाजारी को अंजाम दे रहे है। रेमडेसिविर की कोरोना काल में कालाबाजारी में दवा समाज का कोई लेना देना नहीं है, यह तथाकथित संगठन का काम है जो सेवा के नाम पर दवा समाज को बदनाम करना चाहता है। ऐसे कालाबाजारियों पर कड़ी से कड़ी सजा मिलनी चाहिए।

रेमडेसिविर की कालाबाजारी मानवता के खिलाफ


कारोबारी वासु जोतवानी ने कहा कोरोनाकाल में जो कालाबाजारी की घटनाएं सामने आ रही है वह मानवता के खिलाफ है, दवा व्यवसायी अपने धर्म का पालन पूरी ईमानदारी से कर रहा है। समाज में सबसे ज्यादा जिम्मेदारी दवा वालों की हैं, लेकिन वो ही कालाबाजारी कर रहे दुर्भाग्यपूर्ण है। उसकी जांच होना चाहिए । उनके पास कहां आई, जरूर कोई न कोई इन कालाबाजारियों की मदद कर रहा होगा। इनके पास वैक्सीन असली है या नकली है इसकी भी जांच होनी चाहिए । ऐसे लोग व्यापारियों के नाम पर कलंक है।

मरीजों की जान से कर रहे है खिलवाड़


मर्चेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष सतीश जैन ने कहा कि कोरोना वैक्सीन की कालाबाजारी की गहराई से जांच होनी चाहिए। मरीजों के परिजनों को रेमडेसिविर के लिए भटकना पड़ रहा है. और इन कालाबाजारियों के पास रेमडेसिविर इंजेक्शन का भंडार है. इनके पास आया कहाँ से, इसकी जांच होनी चाहिए। साथ ही यह भी पता लगाना चाहिए, कि इसका सरगना कौन है. किसी की जान से खिलवाड़ करने का कालाबाजारियों को कोई हक नहीं है। शासन इसकी पूरी कड़ाई और गंभीरता से जांच करे। 

कालाबाजारी करने वाले समाज के दुश्मन


एमए के छात्र मो. आकिब जावेद ने कहा कि संकटकाल में लोगों की जान बचाने के बजाय रेमडेसिविर की कालाबाजारी करने वाले समाज के दुश्मन है। ऐसे लोगों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ऐसे लोग अपराधी है इन पर देशद्रोह कानून लगाना चाहिए । इतनी बड़ी गंभीर अपराध करने के बावजूद आरोपियों का थाने से छूट जाना आश्चर्य जनक है. ऐसे लोगों को सख्त सजा मिले। 

कालाबाजारियों को कड़ी सजा मिले


व्यापारी नेता राजेश वासवानी ने कहा कोरोना से मरीजों को बचाने वाले इंजेक्शन की कालाबाजारियों को कड़ी से कड़ी सजा मिले। कई परिवार को इन लोगों ने तबाह कर दिया है। इनका आका कौन है उस तक पहुंचना और उन्हें सजा देना फूड एंड ड्रग कंट्रोलर की जिम्मेदारी है।

सरकार को बदनाम करने की कोशिश


कांग्रेस नेता सगीर सिद्दिकी ने कहा कि कालाबाजारियों पर कड़ी कार्रवाई तो होनी ही चाहिए साथ ही इनके पूरे रैकेट का भंडाफोड़ होना चाहिए जो सरकार को बदनाम करने की कोशिश कर रहे है। इस सब के पीछे कौन से संस्था और संगठन है, जो नापाक मनसूबे रख कर रेमडेसिविर की कालाबाजारी कर रहे है. इंजेक्शन असली है ये नकली है इसकी भी जांच होनी चाहिए। इनके कड़ी से कड़ी सजा मिलने चाहिए। 

कालाबाजारियों को जूते माला पहनाकर घुमाओ


व्यापारी नेता गुरजीत सिंह संधू ने कहा कि रेमडेसिविर के कालाबाजारियों को सरेआम जूते की माला पहनाकर गधे में बैठाकर घुमाना चाहिए। इनकी पूरी कुंडली खंगालकर पूरे रैकेट को नेस्तानबूत करना चाहिए, जिससे इनका नस्ल वहीं खत्म हो जाए, नहीं तो ये नासूर बनकर मानवता को दर्द देते रहेंगे। इन लोगों को जमानत नहीं मिलनी चाहिए। व्यापारिक लाभ के लिए होता है. लोग के लिए नहीं, जहां लोग होता है वहां कालाबाजारी होती है. ऐसे लोगों को जमानत नहीं मिलने चाहिए। 

मानवता को शर्मसार करने वाली हरकत

कारोबारी सुरेश मध्यान ने कहा कि कोरोनाकाल में मौत के सौदागरों का घिनौना खेल मानवता को शर्मसार करने वाला है। हम लोग हेल्प लाइन चला रहे है, लेकिन कितनी मशक्कत करनी पड़ती है हम जानते है। इसकी पीड़ा मैंने झेली है। कल मैंने महसूस किया जब अपने चाचा जी के लिए इंजेक्शन जुटा नहीं पाया। इसकी जितनी भी निदंा की जाए कम है? इसके पीछ कौन है इसकी भी जांच होनी चाहिए। कठोर से कठोर सजा मिलनी चाहिए।                              

Tags:    

Similar News

-->