राजनांदगांव। कलेक्टर डोमन सिंह की पहल पर जिले को कुपोषण मुक्त जिला बनाने की दिशा में अमल करना शुरू कर दिया गया है। कलेक्टर के प्रयासों से एक अभिनव पहल करते हुए जिले को कुपोषण मुक्त जिला एवं कैंसर जागरूकता के लिए अभियान चलाया जा रहा है। कलेक्टर ने शुक्रवार को स्वयंसेवी एवं औद्योगिक संगठनों की बैठक लेकर इस अभियान में सामाजिक उत्तरदायित्व के साथ आगे आने प्रेरित किया। विभिन्न सामाजिक संगठनों एवं समाजसेवी संस्थाओं के साथ-साथ औद्योगिक संगठनों ने इस महत्वपूर्ण अभियान में अपनी सहभागिता सुनिश्चित करने की सहमति दी। कलेक्टर ने कहा कि जिले में कुल 900 गंभीर कुपोषित बच्चे हैं। आगामी तीन माह को लक्ष्य में रखकर बच्चे के पोषण के लिए अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने बताया कि आंगनबाड़ी केंद्र के माध्यम से दो समय गर्म भोजन और एक समय पूरक पोषण आहार प्रदाय किया जा रहा है। इस दौरान बताया गया कि विभिन्न सामाजिक संगठनों और समाजसेवी संस्थाओं द्वारा पौष्टिक किट प्रदान किया जा रहा है। कलेक्टर ने बैठक में उपस्थित संगठनों से अनुरोध करते हुए कहा कि बच्चे के संपूर्ण जीवन को मजबूती प्रदान करने और भविष्य में उन्हें शारीरिक और मानसिक रूप से सशक्त बनाने के लिए मजबूती के साथ कुपोषण को समाप्त करना आवश्यक है। कलेक्टर ने कहा कि इस उम्र में बच्चे का शारीरिक और मानसिक विकास होता है। सही उम्र में शारीरिक और मानसिक विकास नहीं होने पर बच्चे ताउम्र कमजोर हो जाते हैं। कलेक्टर ने सभी संगठनों को आगे आकर सहयोग करने कहा। कलेक्टर ने कहा कि महिला एवं बाल विकास विभाग समाज की विकास की रूपरेखा को रेखांकित करता है।
महिलाओं एवं बच्चों के विकास के बिना समाज का विकास अधूरा है। उन्होंने इस बात को ध्यान में रखते हुए हर स्तर पर महिलाओं एवं बच्चों के विकास पर कार्य योजना को मूर्त रूप देने कहा। राजाराम फाउंडेशन द्वारा बताया गया कि सोमनी परिक्षेत्र के आंगनबाड़ी केंद्रों में उनके द्वारा पौष्टिक किट प्रदाय किया जा रहा है। इसी प्रकार अन्य संगठनों ने भी इस महत्वपूर्ण अभियान में हर संभव प्रयास और सहयोग पर अपनी सहमति प्रदान की। दीक्षा फाउंडेशन ने महिलाओं के स्तन कैंसर पर जन-जागरुकता अभियान चलाए जाने के संबंध में अपने सुझाव दिए। दीक्षा फाउंडेशन द्वारा बताया गया कि महिलाओं को स्तन कैंसर हो जाने पर महिलाओं के मनोबल और आत्मविश्वास को खत्म कर देता है। उन्होंने बताया कि महिलाओं में आत्मविश्वास बढ़ाने और जीवन को निरंतरता प्रदाय करने के उद्देश्य से कैंसर की समस्या से उबरने के लिए विशेष किट की जरूरत होगी। इसके लिए उन्होंने सहयोग करने का अनुरोध किया। सामाजिक संगठनों ने इस विषय पर भी अपनी संवेदना प्रकट करते हुए सहयोग करने पर सहमति दी। कलेक्टर ने बैठक में बताया कि समाजिक संगठनों के सहयोग और आगे आने से आंगनबाड़ी केंद्रों को सुदृढ़ करने का कार्य तेजी से किया जा रहा है। बैठक में बताया गया कि जिले के आंगनबाड़ी केंद्रों को स्मार्ट टीवी से जोडऩे के काम में बड़ी संख्या में लोगों ने अपनी सहभागिता दी है। आंगनबाड़ी केंद्रों में जनसहभागिता से बच्चों के बैठने के लिए दरी की व्यवस्था की गई है। इसी प्रकार आंगनबाड़ी केंद्रों में बर्तन और एवं अन्य संसाधन की व्यवस्था भी सुनिश्चित की गई है। कार्यक्रम अधिकारी महिला एवं बाल विकास गुरप्रीत कौर ने सुपोषण की दिशा में किये जा रहे कार्यों की जानकारी दी। उन्होंने कहा कि आंगनबाड़ी केन्द्रों में नाश्ता एवं दोपहर में गर्म भोजन दोपहर में उपलब्ध कराया जा रहा है। सुपोषित बच्चों को स्वयं सेवी संस्थाओं एवं औद्योगिक संस्थाओं एवं जनसहभागिता से पोषण आहार किट उपलब्ध कराया जा रहा है। बैठक में पद्मश्री डॉ. पुखराज बाफना ने कुपोषण को दूर करने के संबंध में जन-जागरुकता के साथ-साथ पालकों को भी इस अभियान में जोडऩे पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि माता पिता को सलाह दिया जाए कि वह बच्चों को किस प्रकार के भोजन और आहार का सेवन कराएं। उन्होंने बच्चों के कुपोषण की श्रेणी के आधार पर उनके उपचार और पोषण पर जानकारी दी। इस अवसर पर एसडीएम राजनांदगांव अरूण वर्मा, मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. एके बसोड, उदयाचल, एबीस, राजाराम फाउंडेशन, खेतान ग्रूप, कमल साल्वेंट, कल्यांणी फाउंडेशन, एनजीओ एवं अन्य औद्योगिक संस्थाओं के प्रतिनिधि उपस्थित थे।