रायपुर। महादेव सट्टा ऐप और मनी लॉन्ड्रिंग के केस में ED हिरासत में चल रहे गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी को रायपुर की स्पेशल कोर्ट में पेश किया गया। पेशी के बाद कोर्ट ने दोनों आरोपियों को 14 दिन की ज्यूडिशियल रिमांड पर जेल भेज दिया है। पिछली सुनवाई के दौरान कोर्ट ने दोनों अरोपियों को 7 दिनों के लिए रिमांड पर ED को सौंपा था। प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने सूरज चोखानी और गिरीश तालरेजा से हिरासत में पूछताछ की थी जिसमें कई खुलासे भी सामने आए थे। ED के मुताबिक, सट्टा एप की आय को शेयर में निवेश कर वैध बनाया जा रहा था। इसमें 29 फरवरी तक के हिसाब से भारतीय और विदेशी कंपनियों का कुल स्टॉक पोर्टफोलियो करीब 1190 करोड़ रुपए पाया गया है।
आज की पेशी में भी ED ने दोनों की रिमांड बढ़ाने की मांग की थी। ED ने 4 दिन की रिमांड बढ़ाने की मांग रखी लेकिन सोमवार (11 मार्च) को स्पेशल कोर्ट ने कस्टोडियल रिमांड नहीं बढ़ाई। गिरीश तलरेजा लोटस 365 के अवैध संचालन में रतन लाल जैन उर्फ अमन और सौरभ चंद्राकर के साथ भागीदार है। गिरीश तलरेजा को लोटस 365 की आय को वैध बनाने में सक्रिय भूमिका निभाते हुए पाया गया। पीएमएलए, 2002 की धारा 17 के तहत 1 मार्च को कोलकाता, हरियाणा, दिल्ली, एमपी, महाराष्ट्र और गोवा में कई स्थानों पर जांच की गई। इस जांच में पुणे, महाराष्ट्र से संचालित होने वाली लोटस 365 की शाखाएं भी शामिल थीं।
जांच में पता चला कि इस शाखा द्वारा प्रति महीने 50 करोड़ का सट्टा कैश संभाला जा रहा था। गिरीश तलरेजा को इस शाखा के "कैश हैंडलिंग वॉट्सऐप ग्रुप" के सदस्यों में से भी एक पाया गया। तलाशी के बाद 1 करोड़ रुपए नकद जब्त किए गए थे। ईडी की जांच में यह भी पता चला है कि हरिशंकर टिबरेवाल ने सूरज चोखानी के जरिए महादेव ऑनलाइन सट्टेबाजी के अवैध पैसों से भारत और भारत के बाहर संचालित कई कंपनियों के जरिए आय को वैध बनाया था। हरि शंकर टिबरेवाल ने भारतीय कंपनियों के लिए शेयर निवेश की आड़ में आय को वैध बनाने और छिपाने के लिए सूरज चोखानी का इस्तेमाल किया। हरि शंकर टिबरेवाल के सहयोगियों के नियंत्रण वाली भारतीय कंपनियों के पास 29 फरवरी तक के मुताबिक 580 करोड़ रुपए का स्टॉक पोर्टफोलियो रखा है।
वहीं विदेशी संस्थाओं ने भी एफपीआई के जरिए भारत में निवेश किया। उनका भी स्टॉक पोर्टफोलियो 606 करोड़ पाया गया है। यानी कुल मिलाकर 1180 करोड़ से ज्यादा का स्टॉक पोर्टफोलियो इन कंपनियों के पास है। 4 मार्च को इस महादेव सट्टा ऐप को लेकर गोवा में भी तलाशी ली गई थी। यहां एक प्रमुख पैनल ऑपरेटर को लेकर खोज की गई थी। यह पैनल ऑपरेटर एक और सट्टेबाजी बुक के लॉन्च के लिए गोवा में था। इसके अलावा पैनल संचालक के कब्जे से 48 लाख रुपए नकद मिले। इस मामले में, तलाशी के दौरान चल संपत्ति कुल रु. 1764.5 करोड़ रुपए जब्त/जमा किए गए हैं। गिरफ्तार आरोपी गिरीश तलरेजा और सूरज चोखानी तब से 11 मार्च तक 7 दिनों के लिए ED हिरासत में थे। इन दोनों के अलावा इस मामले में 9 आरोपियों को पहले ही पकड़ा जा चुका है।