पार्टी ने अशफाक के कारगुजारियों की कलेक्टर-एसपी से की शिकायत
छग भू-राजस्व संहिता के अनुसार विवादित या निजी भूमि पर त्रुटिवश यदि पट्टा जारी होता है उसे स्वमेव निरस्त माना जाता है
इस सबंध में लोक जनशक्ति पार्टी के रायपुर जिला अध्यक्ष कादरी ने एसपी और कलेक्टर को भी शिकायत पत्र दिया है
रायपुर। बैजनाथपारा-छोटापारा में अशफाक कुरैशी से इस्तीफा की मांग तेज हो गई है। वक्फ बोर्ड के अध्यक्ष डॉ सलीम राज को लोक जनशक्ति पार्टी के लेबर सेल ने पत्र लिखा है। जिसमें उल्लेखित है कि दैनिक समाचार पत्र ‘जनता से रिश्ता’ में दिनांक 04.11.2024 को पेज नं.12 एवं 05.11.2024 को पेज नं. 11 पर यह खबर प्रकाशित हुई है कि ‘आखिरकार बैजनाथपारा की जमीन पर कब्जा’। यह खबर बिलकुल 100 प्रतिशत सत्य व सही है। रिजवाना सिद्धिकी व उनके परिवार वालों ने बैजनाथपारा मदरसा रोड वाली जमीन (भूमि) को उत्कल समाज के 11 परिवार के लोगों को यह सोच समझकर रहने के लिए दिया गया था कि जमीन की देख-रेख होती रहेगी, इनको यह भी मालूम नहीं था कि अशफाक कुरैशी (डॉ. भाई) अपने पूर्व सरकार के कुछ कांग्रेसी नेताओं और अपनी गुण्डागर्दी के दम पर यह जमीन (भूमि) को खाली कराकर अपना अवैध रूप से कब्जा कर लिया गया है।
इसी प्रकार अशफाक कुरैशी ( डॉ. भाई) की गुण्डागर्दी ( दादागिरी ) इतनी बढ़ गई है कि छोटापारा, बैजनाथपारा मस्जिद के वफ्फ सम्पत्ति के जो कई वर्षो से काबिज किरायेदारों को जबरदस्ती खाली करने व किराये बढ़ाने का दबाव बनाया जा रहा है और इन सब कार्यों में कुछ कांग्रेसी नेता व कुछ रसूखदार व्यक्ति शामिल है जिसकी शह पर अशफाक कुरैशी (डॉ. भाई) गुण्डागर्दी (दादागिरी ) करता है। छोटापारा बैजनाथपारा मस्जिद कमेटी व जमातियों से गुजारिश है कि इस अशफाक कुरैशी (डॉ.भाई) जो किसी भी लोगों की जमीन पर अपना अवैध रूप से कब्जा कर उस जमीन मालिक को जबरदस्ती परेशान करना व मस्जिद की वफ्फ सम्पत्ति पर काबिज किरायेदारों को जबरदस्ती परेशान व हलाकान करने का यह कार्य बहुत जोर-शोर से चल रहा है, छोटापारा बैजनाथ पारा में नेतागिरी व राजनीति का जोर-शोर बहुत तेजी से चल रहा है।
गौरतलब है कि पिछले दिनों अखबार में खबर प्रकाशित होने के बाद अशफाक कुरैशी ने बयान जारी किया था कि इस जमीन से मेरा कोई लेना देना नहीं है। वहीं दूसरे दिन प्रेसकांफ्रेंस आयोजित कर अपने बयान से मुकरते हुए कहा कि यह जमीन मेरी है मैंने उस जमीन को खरीद लिया है उसका पट्टा भी सरकार ने अवंटित कर दिया है। इस तरह एक ही मामले में विरोधाभासी बयानबाजी कर अपने जिम्मेदार पद की गरिमा को ठेस पहुंचा कर समाज में गलत संदेश दे रहे है। सामाजिक कानून कायदे के जानकार लोगों को इस पद की जिम्मेदारी दी जाती है, जो समाज को भाईचारा के साथ आपसी समन्वय करे, हर पीडि़त इंसान की पीड़ा को दूर करे, समाज में किसी भी तरह के वैमनस्य को त्याग करें और देश में अमनो चमन की दुआ करे। लेकिन अशफाक कुरैशी साहब ऐसे पहले व्यक्ति हैं जो पद संभालने के बाद से विवादों में घिरे हुए हंै। अपने कारनामों के लिए चर्चित को इस पद पर रहने का कई नैतिक अधिकार नहीं है। अशफाक को तत्काल अपने पद से इस्तीफ दे देना चाहिए।