कांकेर। नारायणपुर जिले के बीहड़ इलाके में पुलिस और नक्सलियों के बीच हुई मुठभेड़ में डीआरजी के जवान सालिकराम मरकाम शहीद हो गए। शहीद जवान सालिकराम भानुप्रतापपुर क्षेत्र के चवेला गांव के रहने वाले थे। सालिकराम 4 दिन पहले ही अपनी माँ से मिलने गांव आये थे और जल्द वापस लौटकर गांव के कच्चे मकान की जगह नया घर बनाने का वादा अपनी बूढ़ी मां से करके गए थे। लेकिन चन्द दिनों बाद ही उनकी शहादत की खबर घर आई, जिससे बूढ़ी माँ बुरी तरह टूट गई। बेटे की शहादत की खबर लगने के बाद से शहीद की माँ का रो-रो कर बुरा हाल है। सालिकराम के शहीद होने की खबर मिलते ही अंचल में शोक की लहर दौड़ गई। शहीद जवान के दो छोटे-छोटे बच्चे हैं।
बता दें कि बुधवार सुबह करीब 8 बजे नारायणपुर और दन्तेवाड़ा जिले के सीमावर्ती क्षेत्र तुलारगुफा और मंगारी में घात लगाए नक्सलियों ने जवानों पर हमला कर दिया था। इसमें डीआरजी नारायणपुर के प्रधान आरक्षक सालिकराम को गोली लग गई और वो शहीद हो गए। काफी देर तक चली गोलीबारी के बाद नक्सली भाग खड़े हुए। इसके बाद शहीद के शव को जंगल से बाहर निकालकर नारायणपुर लाया गया, जहां पोस्टमार्टम के बाद जवान के शव को गार्ड ऑफ ऑनर देकर गांव के लिए रवाना किया गया। गुरुवार सुबह उनके गृहग्राम में राजकीय सम्मान के साथ शहीद का अंतिम संस्कार किया गया। इस दौरान विधानसभा उपाध्यक्ष मनोज मंडावी, कलेक्टर चन्दन कुमार ,एसपी शलभ सिन्हा समेत पुलिस विभाग के आला अधिकारी मौजूद थे।