हरियाणा। छत्तीसगढ़ नक्सली हमले में जान गंवाने वाले सीआरपीएफ जवान नूर हुसैन का अंतिम संस्कार यमुनानगर में किया गया। शहीद नूर हुसैन के पास दो बच्चे हैं। बड़ी बेटी की उन्होंने शादी कर दी है। जबकि बेटा मोईन 14 वर्ष का है। जो इस समय 12वीं में पढ़ रहा है। वर्ष 1996 में वह सीआरपीएफ में भर्ती हुए थे। इस समय उनकी ड्यूटी छत्तीसगढ़ के डीजापुर में थी। वहीं पर नक्सली हमले में गोली लगने से वह बलिदान हो गए।
नूर हुसैन ने फरवरी माह में बेटी की शादी की थी। उस समय उनकी ड्यूटी श्रीनगर में चल रही थी। वह छुट्टी पर घर आ गए थे। इसके बाद उनकी बटालियन को छत्तीसगढ़ में तैनात कर दिया था। जिस पर वह चार सितंबर को सीधा छत्तीसगढ़ में बटालियन में पहुंच गए थे। इसके बाद से ही वहीं पर ड्यूटी चल रही थी। अब गोली लगने से उनके बलिदान होने का पता लगते ही परिवार में शोक का माहौल है। उसकी पत्नी बिलकिश का रो-रोकर बुरा हाल है। वहीं आसपास के लोग भी परिवार को सांत्वना देने पहुंच रहे हैं। स्वजनों ने बताया कि बात हुई थी। वहां से नूर हुसैन का पार्थिव शरीर लेकर चले हुए हैं।