जांजगीर। नवागढ़ ब्लाक के सेमरा गांव के 16 मजदूरों को उत्तर प्रदेश के मिर्जापुर के एक ईंट भट्टे में बंधक बना लिया गया है। ईट भट्ठा मालिक के चंगुल से बचकर पहुंचे श्रमिकों ने इसकी शिकायत कलेक्टर से की है, जिसके बाद श्रम पदाधिकारी ने बंधक मजदूरों को छुड़ाने की कार्रवाई शुरू की है।
वापस लौटे श्रमिक ने बताया कि एक दलाल, कोइदा ग्राम के राजेश के माध्यम से मजदूर मिर्जापुर के एक ईंट भट्ठे में कमाने-खाने के लिए गए थे। जब कुछ महीने काम करने के बाद मजदूरी नहीं मिली तो ईट भट्ठा मालिक से श्रमिकों ने बात की। ईट भट्ठा मालिक ने मजदूरी देने से साफ इनकार कर दिया और कहा कि दलाल को उसने एडवांस में ही 3 लाख रुपए दे दिए हैं। उसने समझौते के हिसाब से कम मजदूर दिए हैं। दलाल से बाकी मजदूरों के बारे में भी हिसाब करना है। ईट भट्ठा मालिक मजदूरों को ही एडवांस में लिए गए पैसे वापस देने अन्यथा जान से मारने की धमकी देने लगा। मजदूरों ने बताया कि दलाल ने उनकी मजदूरी को लेकर कोई हिसाब नहीं किया है। कुछ सैनिकों ने अपने पास रखे हुए पैसे ईट भट्ठा मालिक को दे दिए। एक मजदूर अपनी पत्नी और 5 माह की बच्ची को ईट भट्ठे में ही छोड़कर रुपयों का इंतजाम करने के लिए आया है। उसे ईट भट्टे का मालिक इस शर्त पर छोड़ने के लिए तैयार हुआ क्योंकि उसके बीवी बच्चे वहीं हैं। श्रमिक ने बताया कि वहां बीवी बच्चों को ठीक से खाना नहीं मिल रहा है, उनको प्रताड़ित किया जा रहा है। ईट भट्ठा मालिक धमकी दे रहा है कि बिना रुपयों का इंतजाम किए वापस मत लौटना। वे बंदूक दिखा रहे हैं और कहते हैं कि हम लोग करोड़पति हैं तुम लोगों को कहां पर कटवा कर फेंक दूंगा पता नहीं चलेगा। वापस लौटे एक श्रमिक ने बताया कि उसने 22 हजार रुपए की व्यवस्था कर के मिर्जापुर भेजा है लेकिन उसके बाद भी और रुपए देने के लिए दबाव बनाया जा रहा है इसी शर्त पर बाकी मजदूरों को छोड़ने की बात की जा रही है। दलाल ने जितना एडवांस श्रमिकों को दिया था उसे वे मजदूरी करने के बावजूद उस रकम को लौटा चुके हैं।
जिला श्रम पदाधिकारी ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर मिर्जापुर के कलेक्टर और श्रम विभाग के अधिकारियों से संपर्क किया गया है। वे मौके पर जाकर घटना की जांच करेंगे और बंधक मजदूरों को वापस भेजेंगे। प्रकरण को समझने के बाद इन मजदूरों को बंधुआ मुक्ति प्रमाण पत्र भी जारी किया जाएगा।