रायपुर। कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय एक बार फिर विवादों में घिर गया है. इस बार विवाद का विषय है- आज़ादी का अमृतलाल महोत्सव और पत्रकारिता विषय पर आयोजित होने वाली राष्ट्रीय संगोष्ठी. इस वक्त जब मणिपुर जल रहा है. देश के अन्य हिस्सों में आग लगी हुई है, तब विश्वविद्यालय प्रशासन को ‘अमृत महोत्सव’ मनाने की सूझी है. विश्वविद्यालय की तरफ से 11 अगस्त को आज़ादी का अमृत महोत्सव और पत्रकारिता विषय पर एक राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की गई है. इस संगोष्ठी की जानकारी पत्रकारिता विश्वविद्यालय के कार्यपरिषद के पत्रकार सदस्यों राजकुमार सोनी और आवेश तिवारी को ही नहीं है.
कार्यपरिषद के दोनों सदस्यों ने बताया कि उन्हें विश्वविद्यालय के छात्र व विश्वविद्यालय के हित में लिए गए स्वीकृत/अस्वीकृत कार्यों की जानकारी नहीं दी जा रही है. विश्वविद्यालय में कोई राष्ट्रीय संगोष्ठी आयोजित की जा रही है यह जानकारी भी तब मिली जब एक पूर्व छात्र ने किसी समूह में कार्ड चस्पा किया. सदस्यों का कहना है कि पूर्व से कुशाभाऊ ठाकरे पत्रकारिता विश्वविद्यालय इस बात के लिए बदनाम है कि यहां संघ के विचारों को बढ़ावा देने वाली गतिविधियां संचालित होती रही है. जब भाजपा का शासनकाल था तब यहां संघी एजेंडे को आगे बढ़ाने वाले कार्यक्रमों के जरिए अध्ययनरत छात्र-छात्राओं का ब्रेनवाश किया जाता था. कांग्रेस का शासन आने के बाद इस परिसर में कुछ रोक तो लगी है, लेकिन लगता है फिर से चोरी-चोरी, चुपके-चुपके संघी गतिविधियां संचालित की जा रही है. क्या विश्वविद्यालय प्रशासन अपने विश्वविद्यालय से नफरती चिन्टुओं की पैदावार चाहता है?