कोरोमुड़ा नाला किसानों व मवेशियों के लिए बना वरदान, भू जल स्तर में हुई वृद्धि

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Update: 2023-06-13 15:39 GMT
सूरजपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल के नेतृत्व में ज़िले के कलेक्टर व सीईओ जिला पंचायत के कुशल मार्गदर्शन मे चलाए जा रहे नरवा कार्यक्रम के तहत भू-जल, सवर्धन एवं संरक्षण के कार्याे के सकारात्मक परिणाम जिले में भी देखने को मिल रहे हैं। जहां नाले के उपचार से न केवल भू जल स्तर में वृद्धि हुई है, बल्कि किसानो को सिंचाई के लिए पानी के साथ ही पषुओं को भी बारह महीने पानी उपलब्ध हो रहा है, वाटर रिचार्जिंग के उद्देष्य उद्देश्य से सूरजपुर के भैयाथान ब्लाक स्थित ग्राम पंचायत केवरा कोरोमुड़ा नाला में वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण कराया गया। जिसके अनुकूल परिणाम सामने आ रहे है।
आसपास के कुंए और अन्य जल स्त्रोत भी पुनर्जीवित हुए है। कुएं और बोरवेल का जल स्तर बढ़ने से लगभग 25 हेक्टेयर खरीफ फसल क्षेत्र की भी सिंचाई हो पा रही है। वहीं रबी के मौसम में भी लगभग 15 हेक्टेयर क्षेत्र इससे सिंचित होगा। भू जल के बढ़ते स्तर से कृषि के साथ की वनौषधियों के उत्पादन बढ़ोत्तरी देखी गई है। कोरोमुड़ा नाला की कुल लंबाई 2.65 किलोमीटर व कुल जल ग्रहण क्षेत्र 930 वर्ग किलोमीटर है। इसमें दो बड़े वाटर हार्वेस्टिंग स्ट्रक्चर का निर्माण किया गया है। जिसका लम्बाई 65 मीटर व चौड़ाई 50 मीटर उंचाई 3 मीटर है। यह स्ट्रक्चर जिस उद्देष्य के साथ तैयार किया गया है। वह पूरा हो रहा है। वर्षा जल संचयन न होने से जल के अनियंत्रित दोहन और ग्लोबल वार्मिंग के कारण भु-जल स्त्र लगातार घट रहा है। भू जल स्त्रोत घटने से कई स्तरों पर पर्यावरणीय चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है। छत्तीसगढ़ सरकार इन चुनौतियों से निपटने के लिए भू-जल स्तर बढ़ाने के नवाचारी उपायों के तहत नालों के उपचार का कार्य कर रही है।
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