दिल्ली। इस फादर्स डे पर पितृत्व की भावना को सलाम करते हुए भारत के सबसे पसंदीदा माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म कू ऐप (Koo App) ने #PapaKiLoveLanguage नामक एक दिल को छू लेने वाला अभियान शुरू किया है। कई आकर्षक पहल पेश करने के साथ यह अभियान पिता और बच्चों के बीच अनकहे प्रेम और अनुराग का जश्न मनाता है और यूजर्स को अपने पिता के लिए खुल्लम खुल्ला अपने प्यार का इजहार करने के लिए प्रेरित करता है।
#PapaKiLoveLanguage उन अप्रत्यक्ष शब्दों पर केंद्रित है, जिन पर भारतीय पिता अपने बच्चों के लिए स्नेह व्यक्त करने और चिंता दिखाने के लिए भरोसा करते हैं और ये अक्सर- 'पैसे क्या पेड़ पर उगते है' जैसे व्यंग्य पर आधारित होता है। #PapaKiLoveLanguage के जरिये यूजर्स को अपने पिता की ऐसी बातों को सामने लाने और छोटे-छोटे पुराने किस्सों, फोटो, मीम्स और वीडियो के माध्यम से दिलचस्प यादें साझा करने के लिए प्रोत्साहित किया जा रहा है। यूजर्स अपने पिता के सुपरहीरो वाले मौकों को याद कर सकते हैं, यानी उन अनोखे तरीकों को जिनके माध्यम से उनके पिता ने उन पर अपने प्रेम की वर्षा करते हुए यह याद दिलाया कि वह भी उनकी चिंता करते हैं।
इस अभियान के एक हिस्से के रूप में कू ऐप ने मंच पर कवियों के लिए एक विशेष कविता प्रतियोगिता की भी शुरुआत की ताकि वे कविता के माध्यम से अपने पिता के लिए आभार व्यक्त कर सकें। कू ऐप के पास कवियों का एक समृद्ध और लगातार बढ़ता समुदाय है जो सक्रिय रूप से कई भाषाओं में अपनी मूल रचनाओं को साझा करते हैं। इस अभियान के पीछे के विचार के बारे में बताते हुए कू ऐप के एक प्रवक्ता ने कहा, "भले ही कई भारतीय पिता सीधे शब्दों में अपने प्यार का इजहार नहीं करते हैं, लेकिन बच्चों के प्रति अपने प्रेम होने का भरोसा दिलाने का उनका अपना तरीका है। अक्सर वाकपटुता, हाजिरजवाबी और व्यंग्य से भरे आसान मुहावरे और अभिव्यक्ति, एक पिता और एक बच्चे के बीच के रिश्ते को परिभाषित करते हैं। एक सामाजिक मंच के रूप में कू ऐप ने एक अनूठा समुदाय बनाया है जहां यूजर्स अपनी पसंद की भाषा में आजादी से खुद को अभिव्यक्त करते हैं और अपने जीवन के बेहतरीन पलों का जश्न मनाते हैं। हम सभी यूजर्स को #PapaKiLoveLanguage के माध्यम से बिना किसी झिझक के अपने पिता के प्रति अपने प्यार को फिर से सामने लाने के लिए आमंत्रित करते हैं। सभी पिताओं और होने वाले पिताओं को 'हैप्पी फादर्स डे'।"
Koo App की लॉन्चिंग मार्च 2020 में भारतीय भाषाओं के एक बहुभाषी, माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म के रूप में की गई थी, ताकि भारतीयों को अपनी मातृभाषा में अभिव्यक्ति करने में सक्षम किया जा सके। कू ऐप ने भाषा-आधारित माइक्रो-ब्लॉगिंग में नया बदलाव किया है। Koo App फिलहाल हिंदी, मराठी, गुजराती, पंजाबी, कन्नड़, तमिल, तेलुगू, असमिया, बंगाली और अंग्रेजी समेत १० भाषाओं में उपलब्ध है। Koo App भारतीयों को अपनी पसंद की भाषा में विचारों को साझा करने और स्वतंत्र रूप से अभिव्यक्ति के लिए सशक्त बनाकर उनकी आवाज को लोकतांत्रिक बनाता है। मंच की एक अद्भुत विशेषता अनुवाद की है जो मूल टेक्स्ट से जुड़े संदर्भ और भाव को बनाए रखते हुए यूजर्स को रीयल टाइम में कई भाषाओं में अनुवाद कर अपना संदेश भेजने में सक्षम बनाती है, जो यूजर्स की पहुंच को बढ़ाता है और प्लेटफ़ॉर्म पर सक्रियता तेज़ करता है। प्लेटफॉर्म 3 करोड़ डाउनलोड का मील का पत्थर छू चुका है और राजनीति, खेल, मीडिया, मनोरंजन, आध्यात्मिकता, कला और संस्कृति के 7,000 से ज्यादा प्रतिष्ठित व्यक्ति अपनी मूल भाषा में दर्शकों से जुड़ने के लिए सक्रिय रूप से मंच का लाभ उठाते हैं।