कोण्डागांव : शिल्प और संस्कृति के पारम्परिक रंगों से बनाया गया राज्योत्सव

Update: 2021-11-02 12:31 GMT

कोण्डागांव। मुख्यालय के स्टेडियम ग्राउण्ड में छत्तीसगढ़ राज्योत्सव वर्ष 2021 का रंगारंग समारोह कल देर शाम सम्पन्न हुआ। इस दौरान प्रस्तुत विभागों द्वारा विकास प्रदर्शनियां तथा सांस्कृतिक कार्यक्रम लोगों के बीच आकर्षण का केन्द्र बने रहे। यद्यपि वर्षा के व्यवधान के चलते कार्यक्रमों को सीमित भी करना पड़ा फिर भी राज्योत्सव में अधिकारियों-कर्मचारियों, जनप्रतिनिधियों तथा उपस्थित जनसमूदाय का उत्साह फीका नहीं पड़ा। इस मौके पर उपस्थित विधायक केशकाल एवं उपाध्यक्ष बस्तर क्षेत्र विकास प्राधिकरण श्री संतराम नेताम ने मुख्य अतिथि की आसंदी से शासन विगत 02 वर्षों की उपलब्धियों का ब्योरा देते हुए कहा कि शासन की सभी योजनाओं का वास्तविक एवं जमीनी प्रभाव आने वाले वर्षों में दिखाई देगा। यह एक ऐसा बदलाव साबित होगा जो किसानों, महिलाओं और युवाओं के जीवन की दिशा और दशा में सुखद परिवर्तन लायेगा। इन योजनाओं में चाहे धान एवं मक्का के समर्थन मूल्य में बढोतरी हो, गोधन न्याय योजना या फिर सुराजी योजना या फिर शिक्षा के क्षेत्र में स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम स्कूल का प्रारंभ होना हो ये सभी योजनाएं राज्य के सुव्यवस्थित विकास का सूचक है। इस मौके पर उन्होंने विकासखण्ड बड़ेराजपुर स्थित कोंगेरा गोठान का विशेष उल्लेख करते हुए कहा कि यहां की महिलाएं ऐसे ऐसे स्वरोजगार में जुटी हुई हैं जिनका पहले कोई कल्पना नहीं कर सकता था। फिर चाहे वह मशरूम अथवा साग-सब्जी उत्पादन या फिर मुर्गी पालन हो। जो महिलाएं सिर्फ खेती गृहस्थी तक ही सीमित थी उनके लिए इन योजनाओं ने स्वउन्नति के द्वार खोल दिये हैं। इसके अलावा मक्का प्रसंस्करण प्लांट से होने वाले इथेनॉल निर्माण भी स्थानीय कृषकों के लिये मील का पत्थर बनेगा। इसके साथ ही उन्होंने इस वृहद् आयोजन के लिए जिला प्रशासन का सराहना भी किया। जिला पंचायत अध्यक्ष श्री देवचंद मातलाम में इस अवसर पर कहा कि बीते 02 वर्षों से जिले की एक नई पहचान कायम हुई है और इस नई पहचान के लिए जनप्रतिनिधियों एवं शासन-प्रशासन का बहुत बड़ा योगदान है।

कलेक्टर श्री पुष्पेन्द्र कुमार मीणा ने इस मौके पर विकास प्रतिवेदन का वाचन करते हुए कहा कि जिले में विकास कार्यों के नये अध्याय लिखे जा रहे हैं। उड़ान आजीविका केन्द्र की महिलाएं अपने उत्पादों के जरिये नव उद्यमी बनने के लिए अग्रसर हैं। इसी आजीविका केन्द्र द्वारा पहली बार पौष्टिक तिखूर कंद से 'शेक' बनाकर बाजार में उतारने का निर्णय लिया गया है, जो ऐसा पहले कभी नहीं हुआ था। इसी प्रकार नव निर्मित शिल्पनगरी के माध्यम से कोण्डागांव के शिल्प को नई ऊंचाईयों तक पहुंचाने के लिए प्रशासन प्रतिबद्ध है। इसके लिए शिल्पकारों को कच्चे माल की उपलब्धता से लेकर तैयार शिल्प के लिए नये सिरे से विक्रय एवं बाजार प्रबंधन की भी व्यवस्था की गई है साथ ही परम्परागत शिल्प डिजाईनों को आधुनिकता से जोड़कर बाजार अनुरूप नये शिल्प तैयार करने पर भी जोर दिया जा रहा है। शैक्षणिक विकास की दृष्टि से मुख्यालय में निर्माणाधीन नये वाचनालय भवन में प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए निःशुल्क कोचिंग सेंटर की भी स्थापना की भी स्थापना की जा रही है ताकि स्थानीय छात्र-छात्राओं को हर प्रकार की प्रतियोगी परीक्षाओं के लिए मुख्यालय में ही सुविधा उपलब्ध हो सके। इसके अलावा पर्यटन के लिए टाटामारी के साथ-साथ लिमदरहा मिडवे का निर्माण किया जा रहा है। मुख्यालय में पेयजल को सर्व सुलभ बनाने के लिए जल आवर्धन योजना का क्रियान्वयन तेजी पर है। जिससे हर घर में पानी उपलब्ध होगा। इसके साथ ही उन्होंने बंधातालाब एवं राममंदिर तालाब के उन्नयन का भी जिक्र किया।

सांस्कृतिक कार्यक्रमों ने लोगों के बीच बांधा समां

राज्योत्सव के अवसर पर सांस्कृतिक कार्यों का प्रदर्शन एक अलग आकर्षण था। जिसके तहत् छात्र-छात्राओं ने 'सिलंबम' एवं 'मार्शल आर्ट', ग्राम दहिकोंगा के छात्राओं ने 'रेला' गीत, 'मांदरी नृत्य', चावरा स्कूल की छात्राओं ने 'गरबा' तथा ग्राम मसोरा के लोकवादकों ने पारम्परिक वाद्यों का संगीत प्रस्तुत किया। जिसका लोगों ने भरपुर लुत्फ उठाया साथ ही इस दौरान कविता पाठ एवं मिमिक्री जैसे कार्यक्रम भी चलते रहे। उपरोक्त सभी कलाकारों को आगंतुक अतिथियों ने पुरस्कृत भी किया।

हितग्राहियों को दिये गये विभिन्न सामग्रियां

मौके पर समाज कल्याण विभाग द्वारा 05 दिव्यांग हितग्राहियों अनिल, राजकुमार, चंद्रेश, सारनाथ, शोभराय को बैटरी चालित साईकिल तथा 03 छात्र-छात्राओं सरिता, सूर्यकांत एवं मनीष को स्मार्टफोन वितरित किये गये। इसके अलावा उद्यानिकी विभाग द्वारा 02 हितग्राही फिरतु नेताम (सम्बलपुर), सुरेन्द्र (बड़ेकनेरा) को पॉवर वीडर एवं सागर पटेल एवं प्रेमु (सम्बलपुर) को पॉवर स्पेयर यंत्र तथा कृषि अभियांत्रिकी द्वारा जशवंत सिंह गौतम (खल्लारी) एवं हीरासिंह मरकाम (मांझीआठगांव) को ट्रेक्टर एवं उन्नत कृषि यंत्र प्रदाय किया गया।

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