भूपेश बघेल के करीबी रहे केके श्रीवास्तव को पुलिस ने भगोड़ा घोषित किया
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Raipur. रायपुर। कांग्रेस सरकार में पावरफुल रहे बिलासपुर के केके श्रीवास्तव 15 करोड़ की ठगी कर फरार है। पुलिस ने उसे भगोड़ा घोषित कर दिया है। उस पर 10 हजार रुपये का इनाम घोषित किया गया है। जानकारी के अनुसार आरोपित केके श्रीवास्तव ने पांच बैंक खातों का उपयोग किया है। उसमें 300 करोड़ का लेन-देन हुआ है। यह खाते ईडब्ल्यूएस मकानों के रहने वालाें नाम पर है। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ईडी भी जल्द ही इस मामले की जांच शुरू कर सकती है। तेलीबांधा थाना पुलिस आरोपित की तलाश में लगी है। उसके कई ठिकानों में पुलिस ने दबिश दी, लेकिन वे परिवार सहित फरार है। श्रीवास्तव पूर्व सीएम के लिए विशेष पूजा-पाठ करते थे। इस कारण पूर्व सीएम का अक्सर उनके बिलासपुर निवास जाना होता था। इसके अलावा श्रीवास्तव सरकार से जुड़े महत्वपूर्ण लोगों के संपर्क में था।
कांग्रेस की सरकार के दौरान पूर्व सीएम भूपेश बघेल के करीबी रहे केके श्रीवास्तव को पुलिस ने भगोड़ा घोषित कर दिया है। केके श्रीवास्तव पर 15 करोड़ की ठगी का आरोप है और वह लगातार फरार चल रहे है। तेलीबांधा थाना पुलिस लगातार उसकी तलाश कर रही है, लेकिन सफलता नहीं मिली। इस बीच अब पुलिस ने उसकी गिरफ्तारी पर इनाम घोषित किया है। जिसके मुताबिक जो भी केके श्रीवास्तव आरोपी को गिरफ्तार करायेगा उसे दस हज़ार की नगद राशि दी जायेगी। बता दें कि केके श्रीवास्तव पर आरोप है कि उसने कांग्रेस सरकार में स्मार्ट सिटी सहित अन्य काम दिलाने के नाम पर दिल्ली के कारोबारी रावत एसोसिएट के मालिक अशोक रावत से ठेका दिलाने के नाम पर क़रीब पंद्रह करोड़ रुपये लिए और ठेका नहीं मिलने पर 17 सितंबर 2023 तक पैसे लौटा देने का वादा किया।
इसके बाद जब तय दिन तक पैसा नहीं मिला तो अशोक रावत ने थाने में शिकायत करने की चेतावनी दी, तब उन्होने कंचन श्रीवास्तव के अकाउंट से विभिन्न खातों में तीन करोड़ 40 लाख रुपये वापस लौटाया और तीन-तीन करोड़ रुपये के तीन चेक दिए। बाद में तीनों चेक बाउंस हो गए। जांच के मुताबिक मामला सिर्फ पंद्रह करोड़ तक ही सिमटा नहीं है, बल्कि केके श्रीवास्तव के खातों में करीब 300 सौ करोड़ से ज्यादा का ट्राजेंक्शन हुआ है। जिसे फर्जी कंपनियों में ट्रांसफर किया गया है। हैरानी वाली बात यह है कि यह खाते ईडब्ल्यूएस मकानों के रहने वालाें नाम पर है। पुलिस ने इसकी जांच आयकर विभाग को सौंप दी है। बताया जा रहा है कि ईडी भी जल्द ही इस मामले की जांच शुरू कर सकती है।