स्कूल में घुसा किंग कोबरा, बच्चों में मचा हड़कंप

ऐसे बची सबकी जान

Update: 2022-03-04 16:02 GMT

कोरबा। प्रशासन की मुस्तैदी के कारण कोरोना वायरस तो स्कूलों तक नहीं पहुंचा लेकिन नौनिहालों पर रेंगती मौत का खतरा जरूर मंडरा रहा है। जिले के एक सरकारी स्कूल के बच्चों का जहरीले सांप से सामना हो गया। सुबह के वक्त क्लास रूम में बच्चे A,B,C,D पढ़ रहे थे उसी दौरान एक बिन बुलाया मेहमान अंदर आ धमका। मेहमान का नाम था स्पेक्टिकल कोबरा। नौनिहालों की जान आफत में पड़ गई। हालांकि शिक्षक की तत्परता की वजह से बड़ा हादसा टल गया। सर्पमित्र जितेंद्र सारथी ने जहरीले कोबरा को काबू में कर जंगल में छोड़ दिया है।

गर्मी के मौसम में दस्तक दे दी है। ऐसे में जहरीले सांप भी अपने बिलों से बाहर आने लगे हैं। कहा जा सकता है कि अब रेंगती मौत का खतरा बढ़ने लगा है। एक जहरीला कोबरा ढेलवाडीह गांव में संचालित सरकारी प्राथमिक स्कूल में शिक्षक अध्यापन कार्य में लगे थे। नौनिहाल भी पढ़ाई में व्यस्त थे। इस बात से बेखबर कि कक्षा में एक जहरीला सांप भी ट्यूशन ले रहा है। कुछ देर बाद फुफकार की आवाज सुनाई दी। बच्चे तो कुछ समझ नहीं पाए, लेकिन शिक्षक को आभास हो गया था की ये कोबरा की फुफकार है।
उनके हाथ पांव फूल गए। कक्षा के कोने में नाग फन फैलाए बच्चों की तरफ निहार रहा था। पहले तो शिक्षक को कुछ समझ में नहीं आया कि वे सांप को बाहर कैसे निकाले। मगर बच्चो की सुरक्षा के लिए सूझबूझ का परिचय देते हुए टीचर ने पहले नौनिहालों को कतार बद्ध तरीके से कक्षा से बाहर निकाला। जिससे बड़ा हादसा होते-होते टल गया। इसके बाद उन्होंने किसी तरह से गुस्सैल कोबरा को बाहर निकाला। स्कूल परिसर में फन फैलाए रेंगते हुए को कोबरा को देखकर अन्य शिक्षकों के भी होश फाख्ता हो गए। वही बच्चों के लिए यह नजारा कौतूहल का विषय बना रहा।
सूचना मिलने पर सर्पमित्र जितेंद्र सारथी मौके पर पहुंचे और सांप को रेस्क्यू करने का प्रयास करने लगे। जितेंद्र ने बताया की यह स्पेक्टिकल कोबरा है। इसकी उम्र करीब एक साल है। वयस्क सांपों की तुलना में बेबी कोबरा अधिक एग्रेसिव होते हैं। वाइट करने पर ये सांप एक साथ पूरा जहर छोड़ देते हैं। जिससे मौत का खतरा 95% तक बढ़ जाता है।
इसलिए बेबी कोबरा से लोगों को ज्यादा सावधान रहने की जरूरत है। जितेंद्र ने बताया कि छोटे सांप को काबू करने में भी काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। हालांकि कुछ देर की मशक्कत के बाद जितेंद्र ने कोबरा को काबू में कर लिया। वन विभाग को इसकी जानकारी देने के बाद इस खूबसूरत सांप को जंगल में छोड़ दिया गया है।
स्कूल में सफाई का अभाव
फिलहाल जिले के तमाम सरकारी स्कूल के पट खुल गए हैं। मगर वहां की सफाई भगवान भरोसे है। परिसर में कचरे के अंबार के साथ ही गाजर घास उग गए हैं। जिसके कारण जहरीले जीव जंतुओं को सुरक्षित ठिकाना मिल गया है। ढेलवाडीह के स्कूल परिसर के हालात भी कुछ ऐसे ही हैं। यही वजह है कि जहरीला सांप सबकी नजर से बच कर क्लास रूम में घुस आया। गनीमत रही कि समय रहते कोबरा पर टीचर की नजर पड़ गई। वरना बड़ा हादसा हो सकता था। टीचर ने अपनी सूझबूझ से भले ही कोबरा को बाहर निकाल लिया, लेकिन परिसर की साफ-सफाई भी उनकी बड़ी जवाबदारी है।

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