कांकेर : गोबर बेचकर रामनाथ ने कमाया 27 हजार रूपये

Update: 2020-11-27 11:03 GMT

छत्तीसगढ़ शासन की महत्वाकांक्षी 'गोधन न्याय योजना' ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने में मददगार साबित हो रही है। गोबर बेचने से मिले रूपये को कोई अपनी खेती-किसानी में लगा रहा है, तो कोई उससे पशुधन खरीद कर दुग्ध व्यवसाय को मजबूती प्रदान करने में लगा हुआ है। चारामा विकासखण्ड के ग्राम आंवरी के भूमिहीन किसान रामनाथ ठेठवार ने भी गोबर बेचने से मिले 27 हजार रूपये से 02 उन्नत नस्ल की गाय व बछिया खरीदी है, जिससे वे दुग्ध व्यवसाय को आगे बढ़ायेंगे। रामनाथ ने बताया कि उनके पास देशी नस्ल की गाय थी, जिसे कृत्रिम गर्भधान कराया गया और उससे उन्नत नस्ल के बछड़े पैदा हुए जो बड़ी होकर गाय बनी, जिससे उन्होंने दुग्ध व्यवसाय शुरू किया जो उनके परिवार के जीवन-यापन का एकमात्र साधन है। रामनाथ ठेठवार को दूध के विक्रय से महीने में लगभग 4 से 5 हजार रूपये की शुद्ध आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि उनके पास वर्तमान में उन्नत नस्ल के 19 पशुधन है, जिसके गोबर को आंवरी के गौठान में बेचने से 27 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त हुई जिससे उन्होंने शाहीवाल नस्ल के एक गाय और बछिया खरीदा है। गौरतलब है कि कांकेर जिले में 04 हजार 497 पशुपालकों के द्वारा गोबर बेचकर 01 करोड़ 30 लाख 66 हजार रूपये की आमदनी प्राप्त की गई है, जिसे वे अपने जीवन को संवारने में लगे हुए हैं।

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