बिलासपुर। छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने अनुसूचित इलाके में 5 साल तक सेवा दे चुके संयुक्त कलेक्टर को फिर से उसी क्षेत्र में स्थानांतरित के आदेश पर रोक लगा दी है। बलौदा बाजार जिले में पदस्थ 55 वर्षीय संयुक्त कलेक्टर मिथिलेश डोंडे का बस्तर के बीजापुर जिले में तबादला कर दिया गया था। उन्होंने अपने स्थानांतरण को निरस्त करने के लिए विभाग में आवेदन दिया। उन्होंने इसमें यह बताया कि शासन की नीति के अनुसार 55 वर्ष से अधिक आयु के लोगों को दोबारा अनुसूचित क्षेत्र में नहीं भेजा जाता, साथ ही वह निर्धारित 5 साल की सेवा अवधि तक वहां कार्य कर चुके हैं। उनके आवेदन पर कोई कार्रवाई विभाग नहीं की, तब उन्होंने हाईकोर्ट में याचिका दायर की।
हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद तबादला आदेश पर रोक लगाते हुए शासन को निर्देश दिया कि याचिकाकर्ता से आवेदन लिया जाए और उसका 30 दिन में निराकरण किया जाए। अदालत के निर्देश के अनुसार याचिकाकर्ता ने विभाग में अभ्यावेदन दिया। यह अभ्यावेदन 12 जुलाई 2022 को निरस्त कर दिया गया। इससे परेशान याचिकाकर्ता ने हाईकोर्ट में नया पिटीशन दाखिल किया।
मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस एनके व्यास की बेंच ने उनके बीजापुर के तबादले पर रोक लगा दी। साथ ही अभ्यावेदन निरस्त करने के शासन के आदेश को भी स्थगित कर दिया है। इस मामले की अगली सुनवाई सितंबर महीने में होगी, जिसमें शासन से जवाब मांगा गया है कि प्रदेश में कितने संयुक्त कलेक्टर हैं और बार-बार याचिकाकर्ता को ही अनुसूचित क्षेत्र में क्यों भेजा जा रहा है।