Jashpur: एसपी और कलेक्टर ने दी नए कानून की जानकारी, 1 जुलाई से होगा लागू

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Update: 2024-06-29 13:48 GMT
Jashpur. जशपुर। देश में 1 जुलाई 2024 से तीन नए परिवर्तित कानून लागू होने जा रहे हैं। इन नए कानूनों के बारे में जनप्रतिनिधियों और नागरिकों को जागरूक करने के लिए जिला पंचायत सभा कक्ष में जिला पुलिस विभाग की ओर से संयुक्त रूप से कार्यशाला का आयोजन किया गया। जिसमें सरगुजा कमिश्नर जी. आर. चुरेंद्र, कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल, एसपी शशि मोहन सिंह सहित जनप्रतिनिधि,व्यापारी और गणमान्य नागरिक गण उपस्थित हुए। इस जागरूकता कार्यशाला में तीन नए परिवर्तित कानून, भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 को लेकर सभी को जागरूक किया गया। कार्यशाला में मुख्य रूप से सरगुजा संभागायुक्त जी. आर. चुरेन्द्र द्वारा कार्यक्रम में उपस्थित जनसमूह को बताया कि 01 जुलाई से लागू हो रही नई संहिताएं आधुनिक समय की आवश्यकताओं को ध्यान में रखकर तैयार की गई हैं, जिससे न्यायिक प्रक्रिया में स्पष्टता और निष्पक्षता आती है। यह संहिता नागरिकों को सरकारी तंत्र के किसी भी दुरुपयोग से बचाने के लिए कानूनी संरक्षण प्रदान करती है। नवीन कानून की आवश्यकता एवं अपरिहार्यता के संबंध में अपना व्याख्यान दिया। जिसमे उन्होंने नवीन आपराधिक कानूनों में जोड़े गए नई धाराओं, पुराने कानून से हटाई गई धाराओ व आवश्यक परिवर्तनो की विस्तृत रूप से जानकारी दी। अपने व्याख्यान में उन्होंने बताया कि नए कानून हमारे देश की विधिक प्रणाली को आधुनिक, समसामयिक और प्रभावी बनाने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं। इन संहिताओं के माध्यम से न्यायिक प्रक्रिया में पारदर्शिता, त्वरितता और निष्पक्षता सुनिश्चित की जा सकती है। इनकी आवश्यकता और अपरिहार्यता स्पष्ट है, क्योंकि यह न केवल कानून के शासन को मजबूत बनाती हैं बल्कि समाज में न्याय, सुरक्षा और विकास को भी प्रोत्साहित करती हैं। कार्यक्रम को कलेक्टर डॉ. रवि मित्तल द्वारा संबोधित कर कहा गया कि नए कानून न्याय को सरल बनाएंगे लोगों को कानूनी रूप से सशक्त बनाया जाएगा। वही पुलिस अधीक्षक जशपुर ने अपने उद्बोधन में बताया कि नए कानूनों के माध्यम से नागरिकों के अधिकारों की रक्षा और अपराधों की रोकथाम में महत्वपूर्ण सुधार किए गए हैं। महिला सुरक्षा, बच्चों की सुरक्षा, लैंगिक समानता, हत्या का प्रयास, संगठित अपराध के संबंध में बारीकी से जानकारी देकर उनकी सजा के संबंध में बताया गया।

आज के डिजिटल युग में साइबर अपराध, डेटा सुरक्षा और तकनीकी धोखाधड़ी जैसे नए प्रकार के अपराध सामने आ रहे हैं। भारतीय न्याय संहिता 2023, भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 और भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 इन नए प्रकार के अपराधों के लिए उपयुक्त कानूनी उपाय प्रस्तुत करती हैं। इनका उद्देश्य अप्रासंगिक हो चुके कानूनों को समाप्त करने के साथ नए समय के साथ नए प्रावधान और समाधान प्रस्तुत करना भी है। नए कानूनों से दोष सिद्धि दर में सुधार के साथ साथ समय से न्याय मिलने की भी उम्मीद है। इसके पश्चात उप संचालक लोक अभियोजन अधिकारी सुरेश कुमार साहू, लोक अभियोजक विपिन कुमार शर्मा एवं राहुल गुप्ता द्वारा पॉवर पांईंट प्रेजेंटेंशन के माध्यम से नवीन कानून में लाए गए महत्वपूर्ण प्रावधान, संशोधन व अन्य विषय वस्तु के संबंध में बताया कि भारतीय न्याय संहिता 2023 ने भारतीय दंड संहिता 1860 को प्रतिस्थापित किया है, जिसमे 358 धाराओं को शामिल किया गया है। आईपीसी के अधिकांश प्रावधानो को बनाये रखा गया है, नये अपराधो को पेश किया गया है, न्यायालय द्वारा बाधित धाराओं को समाप्त किया गया है और विभिन्न अपराधों के लिए दंड बढ़ाया गया है के संबंध में बारीकी से बताया गया। उक्त जनाजागरूकता कार्यशाला में स्थानीय जनप्रतिनिधिगण, कलेक्टर जशपुर डॉ. रवि मित्तल, पुलिस अधीक्षक जशपुर शशि मोहन सिंह, अभिषेक कुमार मुख्य कार्यपालन अधिकारी, अपर कलेक्टर प्रदीप कुमार साहू, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक अनिल कुमार सोनी, लोकहित भगत जनपद पंचायत सी.ई.ओ., एसडीओपी जषपुर चंद्रशेखर परमा, नायब तहसीलदार रोहित गुप्ता, उप संचालक लोक अभियोजन अधिकारी सुरेश कुमार साहू, लोक अभियोजक विपिन कुमार शर्मा एवं राहुल गुप्ता, महिला स्व सहायता समूह, इलेक्ट्रॉनिक और प्रिंट मीडिया के सदस्य उपस्थित रहे। इसके अतिरिक्त गर्ल्स कॉलेज की छात्रा, एनईएस पीजी. कालेज के छात्र, एनसीसी केडेट, शहर के सभी बड़े प्रतिष्ठान के संचालक, व्यापारी संघ, पार्षदगण, शांति समिति के सदस्य, वाहन एजेंट, स्वयं सेवी संस्था, प्रबुद्धजन उपस्थित रहे। इसी तरह पुलिस रक्षित केन्द्र जशपुर में भी कार्यशाला का आयोजन किया गया। आयोजित कार्यक्रम में पुलिस अधीक्षक जशपुर द्वारा रक्षित केन्द्र में उपस्थित जनसमूह एवं छात्रों को संबोधित करते हुए उन्हें नये महिला सुरक्षा कानून पर विस्तृत एवं बारीकी से जानकारी देते हुए कहा कि नये कानून में अब धारा 68, 69 के तहत् पहचान छिपाकर शादी करना या शादी का झूठा वादा कर यौन कृत्य करने को जघन्य अपराध की श्रेणी में रखा गया है, धारा 70 के तहत् सभी प्रकार के सामूहिक दुष्कर्म के लिये 20 वर्ष या आजीवन कारावास का प्रावधान है। धारा 89 के तहत् महिला की सहमति के बिना गर्भपात कराने पर आजीवन कारावास से दंडित किये जाने का प्रावधान है। कार्यशाला के बाद पुलिस विभाग, आम जनता, एन.सी.सी. कैडेट एवं विभिन्न महिलाओं के समूह द्वारा एक साथ पुलिस लाईन जशपुर से रैली निकालकर पूरे जशपुर शहर में भ्रमण कर पम्पलेट बांटकर आम जनता को नये कानून के संबंध में जानकारी दिया गया, उसके बाद सभी जिला पंचायत जशपुर स्थित सभागार में पहुंचे, जहां जनप्रतिनिधिगण, प्रशासनिक अधिकारीगण एवं नगर में गणमान्य नागरिक उपस्थित थे।
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