जांजगीर-चांपा : सुराजी गांव योजना...समूह की मेहनत रंग लायी, चेहरे खिल उठे

Update: 2020-12-24 13:51 GMT

छत्तीसगढ़ सरकार द्वारा ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ करने के लिए सुराजी गांव योजना के अंतर्गत नरवा गरवा घुरवा बाड़ी कार्यक्रम शुरू किया गया है। जिसका उद्देश्य ग्रामीण अर्थव्यवस्था को परंपरागत घटकों को संरक्षित तथा पुनर्जीवित करते हुए गांव को राज्य की अर्थव्यवस्था को बेहतर बनाना है। साथ ही पर्यावरण में सुधार करते हुए किसानों को तथा ग्रामीणों की व्यक्तिगत आय में वृद्धि करना है। इसी उद्देश्य से गांव के गौठनों को आजिवीका केन्द्र के रूप मे विकसित किया जा रहा है। राज्य शासन की महत्वाकांक्षी योजना नरवा, गरूवा, घुरूवा, बाड़ी के तहत जनपद पंचायत अकलतरा की ग्राम पंचायत अकलतरी में तीन समूहों ने अपनी मेहनत से दिसम्बर 2019 से सब्जी उत्पादन का काम शुरू किया। गौठान में जय मां शारदा समूह, जय मां रंजीता महिला स्व सहायता समूह और पुसई स्व सहायता समूह की महिलाओं ने आसपास की जमीन को बेहतर बनाया। उनके द्वारा गौठान में बनाई गई जैविक खाद का उपयोग किया। बाड़ी में करेला, टमाटर, बैगन, भिंडी, लौकी, पालक भाजी, धनिया, मैथी भाजी, लाल भाजी, मूली, बर्रे भाजी, प्याज आदि लगाई। दिसम्बर से गोठान में सब्जी लगाने का काम जो शुरू किया, वो धीरे-धीरे आगे बढ़ता गया। तीन-चार माह में भी गोठान में सब्जी-भाजी भरपूर होने लगी, सभी समूह की महिलाओं की मेहनत रंग लाने लगी, और उनके चेहरे खिल उठे। बाड़ी की सब्जी-भाजी को गांव के लोग खरीदते हैं।

लॉकडाउन में भी मिली सब्जी-भाजी -

जय मां शारदा समूह की अध्यक्ष श्रीमती सरस्वती बताती हैं कि लॉकडाउन के दौरान गोठान में समूह की महिलाओं ने काम किया। इस दौरान जो भी सब्जी-भाजी निकलती थी, उसका उपयोग समूह की महिलाओं ने अपने परिवार के लिए साथ ही ग्रामीणों द्वारा उनसे खरीदकर ले जाते रहे हैं। गौठान की बाड़ी के कुछ हिस्से में प्याज लगाई थी। जिससे 2 क्विंटल प्याज का उत्पादन हुआ। समूह की महिलाओं ने गांव के ग्रामीणों को प्याज बेचकर आमदनी अर्जित की। इसके अलावा टमाटर, भिंडी, लौकी को बेचकर जो आमदनी हुई उससे लाकडाउन की मुश्किल घड़ी में काम आई। जय मां रंजीता महिला स्व सहायता समूह की सचिव संतोषी और पुसई स्व सहायता समूह की अध्यक्ष श्रीमती पुसईबाई बताती है कि लॉकडाउन के दौरान बाहर से सामान लाना मुश्किल हो रहा था, ऐसे में जो बाड़ी में सब्जी लगाई वह आज इस मुश्किल घड़ी में परिवार के लिए जीवनदायिनी बनी।

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