जैन तीर्थ यात्रियों के नगर आगमन पर हुआ भव्य स्वागत

छग

Update: 2023-04-15 14:30 GMT
धमतरी। जैन समाज के 70 तीर्थयात्री उपासक गिरनार पर्वत शत्रुंजय गिरिराज का दर्शन करने के पश्चात धमतरी आगमन हुआ जहां पर इन तीर्थयात्रियों का जैन समाज के द्वारा उनका भव्य स्वागत किया गया..एक नजर इस तीर्थ स्थल के बारे में दर्शकों बताना चाहेंगे..आखिर गिरनार हैं कहा..यह तीर्थस्थल गुजरात के जूनागढ़ के सौराष्ट्र में स्थित है, यह गुजरात का सबसे ऊंचा और पवित्र पर्वत है। इसे रेवतक पर्वत के नाम से भी जाना जाता है। यह जैन और हिंदू मंदिरों से ढका है। दूर-दूर से तीर्थयात्री शिखर तक 10,000 पत्थर की सीढ़ियां चढ़ने के बाद आते हैं। गिरनार जैनों का सिद्ध क्षेत्र है यहाँ से नारायण श्री कृष्ण के सबसे बड़े भ्राता तीर्थंकर भगवन देवादिदेव 1008 नेमीनाथ भगवान ने मोक्ष प्राप्त किया है।इस पवित्र तीर्थ स्थल का दिव्य दर्शन करने के पश्चात धमतरी जैन समाज के लगभग 70 लोगो का नगरागमन हुआ..जहाँ पर मंदिर इतवारी बाजार से जैन समाज के द्वारा इन तीर्थंकरी का शोभयात्रा निकालकर भव्य स्वागत समारोह आयोजित किया गया। बताया जाता है अनादिकाल से अनंतकाल तक न मिटने वाला शाश्वत तीर्थ जहा का एक एक पत्थर अपनी एक विशेषता लिए बेठा है जिसके नाम स्मरण मात्र से ही भव भवान्तर के पाप मुक्त हो जाते है..वही इस मंदिर के 99 बार विधिवत दर्शन करने पर मोक्ष की भी प्राप्ति होती है। धमतरी जिले के लिए बहुत ही गर्व की बात है कि इस मंदिर का जैन समाज के 30 लोगों ने 99 बार पर्वत से उतर चढ़कर दर्शन किया।
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