लैगिक उत्पीड़न रोकने आंतरिक शिकायत समिति का गठन करना अनिवार्य

छग

Update: 2023-05-30 16:30 GMT
गरियाबंद। कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न (निवारण, प्रतिषेध और प्रतितोष) अधिनियम 2013 के क्रियान्वयन पर मंगलवार को कलेक्टर प्रभात मलिक की उपस्थिति में एक दिवसीय प्रशिक्षण सह कार्यशाला का आयोजन किया गया है। महिला एवं बाल विकास विभाग के जिला कार्यक्रम अधिकारी अशोक कुमार पाण्डेय ने विषय पर विस्तृत जानकारी दी। उन्होंने बताया कि लैंगिक उत्पीड़न समिति को पूर्व विसाखा नाम से जाना जाता था। जहां पर 10 लोग कार्य कर रहे हो वहां लैगिक उत्पीड़न की आंतरिक शिकायत समिति का गठन किया जाना आवश्यक है। लैंगिक उत्पीड़न समिति को प्रतिमाह बैठक आयोजित किया जाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि जिन विभागों द्वारा आंतरिक शिकायत समिति का गठन नहीं किया गया है, ऐसे विभाग को समिति गठित करने कहा गया। उन्होंने समिति के पदाधिकारी का नाम व फोन नंबर विभाग मे चस्पा करने हेतु कहा। इस समिति में कम से कम 5 सदस्य होना जरूरी है और इसकी अध्यक्ष महिला अधिकारी-कर्मचारी को बनाया जाना है। समस्त विभाग मे गठित आंतरिक शिकायत समिति के सदस्य कानून का सही तरीके से पालन कर सके। उन्होंने बताया कि महिलाओं का कार्यस्थल पर लैंगिक उत्पीड़न अधिनियम 2013 में 26 धाराएं एवं 14 नियम है। यह अधिनियम महिलाओं के साथ कार्यस्थल पर होने वाले लैंगिक उत्पीड़न को रोकने और आरोपी के विरुद्ध कानूनी कार्यवाही के लिए बनाया गया है। जिसकी जानकारी गोपनीय रखी जायेगी। उन्होंने कामकाजी महिलाओं को शासकीय एवं निजी कार्यालयों में मिलने वाली सुविधाओं व अधिकारों के बारे में बताया। कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न निवारण प्रतिशेध एवं प्रतितोष अधिनियम 2013 के क़ानून को पीपीटी के माध्यम से बताया। इस अवसर पर सभी जिला स्तरीय अधिकारी मौजूद थे।
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