जिला सहकारी बैंक रायपुर के सीईओ अपेक्षा व्यास के अनियमितताओं की होगी जांच

Update: 2024-10-03 05:46 GMT

जनता से रिश्ता ने कर्मचारियों के हवाले से अनियमितताओं का किया था खुलासा

सहकारिता सचिव ने बैंक के प्रबंध संचालक को दिए जांच के निर्देश

Co-operative Bank Raipur रायपुर। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर के सीईओ अपेक्षा व्यास को हटाने के निर्देश दिए गए है। सहकारिता विभाग के सचिव ने राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को उनके खिलाफ अनियमितताओं की शिकायतों की जांच कर कार्रवाई करने का निर्देश दिया है। सीईओ अपेक्षा व्यास पर जिला सहकारी बैंक दुर्ग और वर्तमान में रायपुर में पदस्थ रहते हुए बड़े पैमाने पर अनियमितता और कर्मचारियों को प्रताडि़त करने की शिकायते लगातार मिल रही थीं। कांग्रेस सरकार के दौरान उन्हें दुर्ग जिले के वरिष्ठ कांग्रेसी नेताओं और मंत्रियों का संरक्षण प्राप्त जिसके चलते शिकायतों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई थी। सहकारी बैंक के कर्मचारी संघ ने लगातार उनकी अनियमितताओं को उजागर करते हुए इसकी शिकायत प्रबंध संचालक से की थी। कर्मचारियों ने रायपुर ग्रामीण विधायक मोतीलाल साहू से भी अपनी व्यथा कही थी और कार्रवाई की मांग की थी। विधायक ने इसकी शिकायत सहकारिता मंत्री और सचिव से करते हुए कार्रवाई करने की मांग की थी जिसके बाद सहकारिता सचिव प्रबल लकड़ा ने राज्य सहकारी बैंक के प्रबंध संचालक को शिकायतों की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए हैं। उन्होंने आदेश में लिखा है कि अपेक्षा व्यास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित, रायपुर के विरूद्ध विभिन्न शिकायतें प्राप्त हुई है, जो गंभीर प्रकृति के है। अतएव शिकायत के तथ्यों की जांच कर कार्यवाही किया जाना सुनिश्चित करें तथा की गई कार्यवाही से विभाग को तत्काल अवगत करावें। District Co-operative Bank Raipur

सीईओ की तानाशाही से त्रस्त थे कर्मचारी

जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक रायपुर में व्याप्त भ्रष्टाचार के बीच नित नई कारगुजारियां सामने आती रही हैं। बैंक के कई कर्मचारियो के साथ मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर भी अनियमितता और गबन के आरोप लगते रहे हैं। जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक कर्मचारी संघ के पदाधिकारियों के अनुसार पूर्व में 07 कर्मचारियों पर गबन का अपराध दर्ज किया गया था, इसमें सातों ने अपना गुनाह कुबूल कर लिया है। जिसमें से दो कर्मचारियों को जेल भी हो चुकी है। एक की मौत हो चुकी है और एक रिटायर हो गया है जो कि जेल में है। चंद्रशेखर डग्गर नाम का एक आरोपी गायब हो गया है। एक आरोपी महासमुंद में है जबकि दो विशेष कृपापात्र पंकज सराफ और घनश्याम देवांगन को रायपुर में अटैच कर दिया गया है। जो सीओडी में रोज पाए जाते हैं।

इस मामले में पांच अन्य कर्मचारियों को जिसमें तीन महिलाएं हैं उन के खाते में किसी प्रकार के लेन-देन नहीं होने की स्थिति में भी रायपुर से बाहर उनका स्थानांतरण कर दिया गया है। वहीं मोहन साहू जो कर्मचारी संगठन का अध्यक्ष भी है उसे भी विद्वेश के चलते गरियाबंद स्थानांतरित कर दिया गया है। इससे पूर्व अपेक्षा व्यास, मुख्य कार्यपालन अधिकारी पर जिला सहकारी केन्द्रीय बैंक मर्यादित दुर्ग में पदस्थ रहते हुए लाखों-करोड़ों की हेराफेरी करने की शिकायतें की गई हैं। इसी तारतम्य में एक अनोखा मामला भी सामने आया है जिसमें कर्मचारी देवेन्द्र पांडे सहायक लेखापाल भी है जो कि वर्ष 2008 में धरसींवा विधानसभा क्षेत्र से चुनाव लड़ चुका है। सरकारी नियमानुसार चुनाव लडऩे के पश्चात सरकारी नौकरी में वापस नहीं सकते, बावजूद उक्त कर्मचारी वापस नौकरी भी कर रहा है और पदोन्नति भी प्राप्त कर लिया है। बैंक में इस तरह की कई विसंगतियों के साथ व्यापक भ्रष्टाचार व्याप्त है। इसी तरह दो और कर्मचारी देवकुेमार व्यास एवं सुनीता शर्मा बरसों से रायपुर हेड आफिस में ही कार्य कर रहे हैं। 2-17 में पदोन्नति पश्चात नोडल अधिकारी का कार्य नहीं कर केवल मुख्य कार्यालय में ही बैठे रहते हैं। चूंकि ये दोनों अपेक्षा व्यास के चहेते कर्मचारियों में से हैं अत: इन पर भी उनकी विशेश कृपा बनी हुई है, इसके विपरीत तीन महिला कर्मचारियों को बदनीयती से दोष न होते हुए भी रायपुर से स्थानांतरित कर दिया गया है।

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