रायपुर। मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने कहा है कि राज्य सरकार द्वारा समाज के सभी वर्गों सहित अनुसूचित जाति वर्ग को शैक्षणिक, सामाजिक और आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के हर संभव प्रयास किए जा रहे हैं। इसी तारतम्य में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद का गठन किया गया है। इस परिषद द्वारा अनुसूचित जाति वर्ग के उत्थान के लिए राज्य सरकार को परामर्श दिया जाएगा। परिषद के माध्यम से इस वर्ग के लिए संचालित योजनाओं के बेहतर क्रियान्वयन में भी मदद मिलेगी।
मुख्यमंत्री श्री बघेल आज यहां अपने निवास कार्यालय में छत्तीसगढ़ अनुसूचित जाति सलाहकार परिषद की प्रथम बैठक को सम्बोधित कर रहे थे। श्री बघेल ने विभागीय अधिकारियों से कहा कि अभियान चलाकर छात्रावासों का निरीक्षण किया जाए और वहां साफ-सफाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने कहा कि बैठक में सदस्यों द्वारा बहुत अच्छे सुझाव दिए गए हैं। उन्होंने परिषद के सदस्यों द्वारा प्री मैट्रिक छात्रावासों के पोस्ट मैट्रिक छात्रावासों में उन्नयन और सीटों की संख्या में वृद्धि संबंधी आग्रह पर अधिकारियों को निर्देश दिए कि जिन संभागों में अनुसूचित जाति वर्ग की जनसंख्या अधिक है, वहां प्राथमिकता के आधार पर छात्रावासों के उन्नयन तथा सीटों की संख्या में वृद्धि की जाए। सदस्यों द्वारा स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम तथा हिन्दी माध्यम स्कूलों में छात्रों को आरक्षण का लाभ देने के आग्रह पर उन्होंने कहा कि आने वाले समय में कक्षा पहली में प्रवेशित छात्रों को आरक्षण का लाभ दिया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने राज्य सरकार द्वारा जाति प्रमाण पत्रों को बनाने की प्रक्रिया में किए गए सरलीकरण के प्रावधानों के प्रचार-प्रसार के लिए वाल राईटिंग कराने तथा पाम्पलेट छपवाकर वितरित करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने बैठक में परिषद के सदस्यों का स्वागत करते हुए उनसे सुझाव भी मांगे। सदस्य ने सुझाव दिया कि कोरोना की आपदा के दौरान लोगों का दाह संस्कार करने वाले समाज के लोगों को सम्मानित किया जाए। बैठक में आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास मंत्री तथा परिषद के उपाध्यक्ष डॉ. प्रेमसाय सिंह टेकाम, नगरीय प्रशासन मंत्री डॉ. शिवकुमार डहरिया, सहित परिषद के सदस्यगण, मुख्यमंत्री के अपर मुख्य सचिव सुब्रत साहू, सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग डी. डी. सिंह, आयुक्त शम्मी आबिदी उपस्थित थी। सलाहकार परिषद की बैठक में सभी सदस्यों द्वारा अनुसूचित जाति के हितों के लिए परिषद का गठन कर इसमें सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने के लिए मुख्यमंत्री को धन्यवाद दिया। बैठक में जानकारी दी गई कि अनुसूचित वर्ग के विद्यार्थियों के लिए प्रदेश में 90 पोस्ट मैट्रिक छात्रावास, 342 प्री मैट्रिक छात्रावास, 50 आश्रम संचालित किए जा रहे हैं।