गंगा मैया मंदिर में भक्तों का तांता, जलाए गए 900 मनोकामना ज्योति कलश

छत्तीसगढ़

Update: 2024-04-15 03:52 GMT
बालोद: बालोद जिला के झलमला स्थित माँ गंगा मैया मंदिर में नवरात्रि पर्व के इन दिनों भक्तों का तांता लगा हुआ है। जहां क्षेत्र के ही नहीं बल्कि दूर दराज से भी भक्त अपने मन की मुरादे लिए माता के दरबार में पहुंच रहे है और माता के चरणों में माथा टेक कर अपने आप में सुखद महसूस कर रहे हैं। मां की मूर्ति की एक झलक पाने यहां भक्तों की भीड़ बनी हुई है। वहीं यहां आने वाले भक्तों की भीड़ को देखते हुए मंदिर समिति द्वारा भी व्यवस्था की गई है। विशेष पूजा अर्चना के साथ-साथ मंदिर परिसर में विभिन्न भक्तिमय कार्यक्रम का सिलसिला भी जारी है।
मां गंगा मैया मंदिर में स्थापित मां के मूर्ति की अपनी एक अलग ही किदवंती है। बताया जाता है कि इस मां गंगा मैया के मूर्ति की उत्पत्ति वहीं पास स्थित तालाब से कई साल पहले हुई है। इस मूर्ति को सबसे पहले तांदुला जलाशय बनने के पूर्व डैम क्षेत्र में 1 पेड़ के नीचे स्थापित किया गया था और जब अंग्रेजों द्वारा तांदुला जलाशय का निर्माण कराया गया तो माता की प्रतिमा को इस जगह लाकर गंगा मैया की पावन धरा में स्थापित किया गया तब से यह मंदिर लोगों के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया और समय के साथ- साथ यहाँ आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में इजाफा होने लगा।
कहा जाता है भक्त की सच्ची मन से मांगी गई मुरादे यहां मां जरूर पूरा करती है। इस साल यहां भक्तों के द्वारा 900 मनोकामना ज्योति कलश प्रज्ज्वलित की गई है। यहाँ माता के प्रति भक्तों की अटूट आस्था देखने को मिलती है। कहते हैं मन में सच्ची आस्था और लगन हो तो पत्थरों में भी भगवान नजर आता है शायद यही वजह है लोग श्रद्धा पूर्वक यहां आते है अपनी श्रद्धा के फूल चढ़ाते है और मां उनकी झोली भर देती है।
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